मुझे इस बात से बड़ी खीझ होती है कि हिंदी फिल्म का कोई आइटम सांग तो पब्लिक को दो दिन में याद हो जाता है लेकिन हम लोगों की बात ही भूल जाते हैं।
दो दिन पहले मैं ट्रेन में यात्रा कर रहा था –एक महिला अपने शिशु को स्तन-पान करवा रही थी और बिल्कुल साथ ही बैठा उस का पति बीड़ीयां फूंके जा रहा था। ऐसा लगा कि बच्चे को अमृतपान के साथ साथ विषपान भी करवाया जा रहा हो।
कुछ महीने पहले अंबाला छावनी स्टेशन पर बैठे बैठे किसी ने मुझ से किसी गाड़ी के बारे में पूछा। दो-तीन बातें हुईं तो पता चला कि वे दोनों आदमी बिहार में अपने गांव जा रहे थे क्योंकि उन में से एक के लगभग 20-22 वर्ष के भाई की सेहत बहुत खराब है। पूछने पर पता चला कि उसे पिछले लगभग 10 साल से तंबाकू खाने की लत लग गई थी– इसलिये उसे मुंह का कैंसर हो गया है। डाक्टरों ने जवाब दे दिया है —घर में पैसा खत्म हो गया है, इसलिये यह बंदा अपना काम-धंधा छो़ड़ कर गांव जा रहा है।
उस दिन जो बात मैंने उस बंदे के मुंह से सुनी शायद मैंने पहले इस की कल्पना भी नहीं की थी। वह आदमी बहुत गुस्से में था —कह रहा था कि हम घर वाले इसे रोक रोक कर हार गये कि तंबाकू न खाया कर, लेकिन इसने भी हमारी एक न सुनी। बता रहा था कि वह तंबाकू का इस कद्र आदि हो चुका था कि तीन तीन चीज़े एक समय में इस्तेमाल किया करता था —- मैं उस की बात सुन कर हैरान हो गया कि नीचे वाले होंठ के अंदर उस का भाई गुटखा दबा लिया करता था, गाल के अंदर की तरफ़ तंबाकू -चूने का मिश्रण और साथ में बीड़ी —-अब भला ऐसे में कौन बचाता उसे मुंह के कैंसर से। उस की बात सुन कर मन बहुत दुःखी हुया ।
वैसे तो हम लोग तंबाकू और शराब के सेवन को ही एक किल्लर कंबीनेशन मानते हैं लेकिन यहां तो तंबाकू के तीन तीन उत्पाद एक साथ खाये, पीये और थूके जाते रहे —– आप के आसपास भी तो नहीं कोई यह सब कर रहा —देखते रहिये —- सचेत करते रहिये । और क्या कर सकते हैं!!
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