शुक्रवार, 15 मई 2009

अपना बॉडी मास इंडैक्स ( Body mass index) देखने के लिये इधर आयें

डाक्टर लोग किसी व्यक्ति का बॉडी मास इंडैक्स ( बी एम आई) देख कर ही यह फैसला लेते हैं कि क्या उसे वज़न कम करने की ज़रूरत है कि नहीं। लेकिन अपना बीएमआई जानने के लिये आप को किसी डाक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं --- आप एक चार्ट को देखने मात्र से जान सकते हैं कि क्या आप का वज़न कम है, ठीक है , ओवर-व्हेट हैं, स्थूल हैं अथवा क्लीनिकल मोटापे से ग्रस्त हैं।

यह चार्ट मेरे को कल दिखा ---आप भी इस को अवश्य देखें और मेरी मानें तो इसे बुक-मार्क कर के अपने सगे-संबंधियों को भी इस का लिंक भेजें।

किसी व्यक्ति का बीएमआई ( बॉडी मास इंडैक्स ) जानने के लिये उस के वज़न की उस के कद के साथ तुलना की जाती है।

आज इस पोस्ट में मेरे लिये लिखने लायक कुछ खास नहीं है ---बस, मैं आप के और इस ग्राफ के बीच में नहीं आना चाहता। मैं तो भई ओवर-व्हेट की आखिरी छोर पर हूं और ओबीज़ (मोटापे) की बस दहलीज़ पर ही खड़ा हूं –इसलिये एक बार फिर से फैसला कर रहा हूं कि अभी भी समय है अपनी सुबह और शाम की सैर पर नियमित होने और मीठे पर थोड़ा कंट्रोल करने का समय यही है।

तो, अभी तुरंत आप भी इसे देखिये और फिर कल से मेरी तरह सुबह सैर पर निकल जाया करिये----यह बहुत ही ज़रूरी है । सुबह सुबह उठ कर मैं नेट पर बैठने से बड़ा परेशान हूं --- अपने आप में ही मुझे मेरी यह आदत बहुत इरिटेटिंग लगती है। मुझे पता तो है कि यह आदत खतरनाक है ---सुबह का समय है अपने लिये, अपनी सेहत के लिये , टहलने के लिये , कुदरत के नज़ारे देखने का, उदय होते हुये खूबसूरत सूरज की लाली को आंखों में समेटने का, सुबह की ठंडी ठंडी खुशबुदार हवा में सांस लेने का ----- यह क्या हुआ सुबह उठे और सीधे बैठ गये नेट पर --- और काम पर जाने के वक्त तक गले में खिंचाव से परेशान हो गये।

तो , फिर आप भी कल से नियमित टहलना शुरू कर रहे हैं कि नहीं ? --- प्लीज़, सुबह सुबह नेट पर बैठने से थोड़ा परहेज़ कर लेने में ही समझदारी है। मैं तो यही सोच रहा हूं, आप ने क्या सोचा ?------लिखियेगा।