बुधवार, 24 सितंबर 2008

आज इन दो दवाईयों की दो बातें करते हैं ....

परसों लखनऊ में था – टाइम पास करने के लिये स्टेशन के सामने से एक बुक-शाप से सिम्स की किताब खरीद ली ......सिम्स यानि CIMS- Current Index of Medical Specialities. यह किताब तीन महीने में एक बार छपती है और हम लोग तो अपने कालेज के दिनों से इसे नियमित देखते रहते हैं। CIMS में बाज़ार में उपलब्ध दवाईयों के बारे में जानकारी दी गई होती है। सभी डाक्टरों के लिये यह बहुत उपयोगी प्रकाशन है। इस का दाम 120रूपये है। वैसे पब्लिक को तो इसे खरीदने की कोई ज़रूरत होती नहीं......क्यों कि उन के लिये इस की बहुत लिमिटेड उपयोगिता है ---काफी सारी बातें तो ले-मैन को समझ में आ ही नहीं सकती । और अगर ले-मैन इस के अनुसार स्वयं दवाई लेना शुरू करने की कोशिश भी करेगा तो अच्छा खासा जोखिम से भरा रास्ता है। वैसे अगर आप को किसी दवाई के बारे में कोई विशेष जानकारी चाहिये तो आप उस दवाई का नाम ( प्रैफरेबली उस के साल्ट का नाम) लिख कर गूगल सर्च कीजिये या विकिपीडिया पर सर्च कीजिये, आप को सटीक सी जानकारी मिल जायेगी।
अच्छा चलिये इस पोस्ट के शीर्षक के अनुसार दो दवाईयों के बारे में दो बातें करें। ऐसा है कि यह जो सिम्स मैंने खरीदी उस के पिछले कवर पर दो दवाईयों का विज्ञापन दिखा – एक तो थी stemetil- MD और Omez Insta. ये दोनों दवाईयां लोगों में अच्छी खासी पापुलर हैं, इसलिये इन के बारे में सोचा कि आप से भी दो बातें करते हैं।

Stemetil के नाम से तो आप में से बहुत से लोग परिचित ही होंगे....यहां पर यह बताना चाहूंगा कि यह स्टैमेटिल की टेबलेट ज्यादातर उल्टी के लिये इस्तेमाल की जाती है। इस में Prochloroperazine ( प्रोक्लोरोपेराज़ीन) नाम का साल्ट होता है उस एक टेबलेट में इस की मात्रा 5 मिलीग्राम रहती है। मुझे जिस बात ने यहां पर इस के बारे में लिखने पर मजबूर किया वह यह है कि मुझे यह कल ही पता चला कि अब यह Stemetil –MD के रूप में भी उपलब्ध है.........MD का मतलब कि mouth-dissolving tablet ………यानि कि इसे आप मुंह में रखेंगे और यह कुछ ही क्षणों में अपने आप घुल जायेगी और फिर इसे आप पानी के बिना भी अंदर ले जा सकते हैं। हां, अगर हालत ऐसी हो कि पानी पच रहा हो तो थोड़ा सा पानी पी लें, वरना कोई ज़रूरत नहीं।

इस मुंह में घुलने वाली गोली की ज़रूरत दोस्तो विशेषकर उन मौकों पर पड़ती है जब मरीज़ कुछ भी पचा नहीं रहा----उल्टिय़ों पर उल्टियां किये जा रहा है----दो-घूंट पानी भी पीता है तो उल्टी कर के बाहर निकाल देता है। ऐसे मौकों के लिये यह दवाई बहुत उपयुक्त है। और मेरे विचार में इस की एक स्ट्रिप आप के घरेलू मैडीसन-बॉक्स में होनी ही चाहिये। सीधी सी बात है कि अगर बंदा पानी भी नहीं पचा रहा तो उसे ऐसी टेबलेट मिल गई जिसे लेने के लिये उसे पानी की ज़रूरत ही नहीं रही।

ठीक है, ऐसी स्थिति से निपटने के लिये टीके वगैरा भी लगाये जाते हैं लेकिन घर पर कुछ समय के लिये इस तरह की टेबलेट को आजमाने में क्या हर्ज है ??

दूसरी दवाई है ........Omez Insta ….इस में Omeprazole powder होता है......Omeprazole powder for suspension ….इस पाउच में छः ग्राम के लगभग पावडर होता है जिसे पानी में घोल कर पी लिया जाता है जिस से गैस्ट्राइटिस में तुरंत राहत मिल जाती है। यहां पर यह बताना चाहूंगा कि Omeprazole के कैप्सूल तो डाक्टरों के द्वारा एसिडिटी एवं पैप्टिक-अल्सर डिसीज़ में अकसर प्रैसक्राइब किये जाते हैं.....लेकिन इस तरह एक पावडर के रूप में यह दवाई पहली बार आई है....ऐसा विज्ञापन में दावा किया गया है।

मेरा विचार तो यही है कि इस तरह की दवाई के भ दो-तीन पाउच तो आप को अपने मैडीसन-बाक्स में रखने ही चाहिये। अकसर आप ने देखा है कि हम लोग किसी पार्टी वगैरह में बदपरहेज़ी करने के बाद जब वापिस लौटते हैं तो हालत एक दम खराब हुई होती है.....फ्रिज में रखा ठंडा दूध भी ले लिया , ऐंटासिड की गोली भी ले ली, लेकिन कोई असर पड़ता नहीं दिखता ----ऐसे में आप को याद होगा हम लोग ENO के एक चम्मच को एक गिलास में घोल कर पी लिया करते थे। लेकिन कईं बार गैस्ट्राइटिस के सिंप्टम इतने ज़्यादा होते हैं कि पेट का एसिड बार बार मुंह तक आता है, बहुत ही अजीब सी खट्टी डकारें रूकने का नाम ही नहीं लेती और छाती की जलन परेशान कर देती है ....ऐसे में एक एमरजैंसी तरीके के तौर पर इस OMEZ- Insta को ट्राई किया जा सकता है। लेकिन यह ध्यान रहे कि इस का रैगुलर इस्तेमाल आप केवल अपने चिकित्सक की सलाह से ही कर सकते हैं क्योंकि जिन मरीज़ों को इस दवाई को रैगुलरी लेना होता है उन की अलग से इंडीकेशन्ज़ हैं, उन की अलग से डोज़ है। इसलिये बिना डाक्टरी सलाह के तो इसे आप एक एमरजैंसी हथियार के तौर पर ही इस्तेमाल कर सकते हैं। इतना ध्यान अवश्य रहे।

मुझे जो भी नई बात पता चलती है ...चाहे कितनी ही छोटी क्यों न हो, बस यही इच्छा होती है कि झट से नेट पर डाल दूं क्योंकि लगता है अगर दो बातें मेरी लिये ही नईं हैं तो शायद बहुत से और लोगों के लिये भी नईं ही होंगी ....और खासकर अगर वे बातें चिकित्सा के क्षेत्र से हों तो उन्हें सब से साझा करना तो और भी ज़रूरी हो जाता है।