अभी मैं नेट पर कुछ सर्च कर रहा था तो एक लिंक पर पहुंच गया..कि अपने बच्चों के सिर को जुओं के लिए देखते रहें......यकायक याद आ गई पुरानी यादें जब गली-मोहल्लों में महिलाओं को एक दूसरे के सिर में जुएं खोज खोज कर मारने के मंजर अकसर दिख जाया करते थे......अब भी होता ही होगा यह सब कुछ, शायद हमें ही इस का अनुमान नहीं है क्योंिक हमारा ही पता बदल गया है।
इस काम के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कंघी भी एक अलग किस्म की हुआ करती थी.....पंजाबी में इसे कहते थे....बारीक दंदेयां वाली कंघी......(comb with the fine teeth!)........इसे सिर पर फिराना भी हिम्मत का काम हुआ करता था, बचपन में यह कंघी मेरी मां और बड़ी बहन ने मेरे सिर पर भी कईं बार फेरी थीं......एक दो जूं मिलने पर फिर लेक्चर भी सुनना पड़ता था....
अच्छे से मैं देखा करता था अपने आस पास कि किसी के सिर पर वह जूओं वाली कंघी फिराते फिराते जब कंघी में कोई जूं दिख जाती थी तो वह लम्हा कितना रोमांचक हुआ करता था जैसे कि वीरप्पन पकड़ लिया हो. और फिर उस जूं को अपने बाएं हाथ के अंगूठे पर शिफ्ट कर के दाएं हाथ के अंगूठे से उस का वध करना, महिलाओं को यह बड़ा सुख देता था .....और जूओं के मारे सिर में भी अपने अाप ठंडक पड़ने लगती थी।
कईं बार दो एक जुएं मिलने के बाद जब और जुएं नहीं मिल पाती थीं तो ऐसे ही निकालने वाला यह घोषित कर दिया करता था कि जुआं नहीं ने, लीखां ने......लीखां तो ही जुआं बनदीयां ने.......(जुएं नहीं है और, लीखे हैं.....लीखों ही से तो जुएं बन जाती है)......
जो गली मोहल्लों में औरते के साज-श्रृंगार का सामान साईकिल पर बेचने आया करते थे, उन्होंने भी जूओं वाली कंघी अलग से रखी होती थी....बहुत बिका करती थी ये कंघीयां।
फिर देखा धीरे धीरे जुएं मारने वाली दवाईयां आ गईं......लोग जुएं मारने के लिए इन्हें इस्तेमाल करने लगे। क्या था , एक ऐसी ही दवाई का नाम........Mediker lice killer ---- मुझे अच्छे से याद तो नहीं है, लेकिन शायद यही था......पता नहीं अब यह दवा मिलती है या नहीं, कोई आइडिया नहीं....अकसर जैसे ही हम लोगों का पता बदलता है (आप समझते हैं मैं क्या कहना चाहता हूं) हम पुरानी बातों को ऐसे भूलने का नाटक करते हैं जैसे हमारा इन से कोई वास्ता ही न हो.........ठीक है, यह इंसानी फितरत है।
आप को उस लिंक के बारे में भी बता रहा हूं जिस पर जाकर मुझे यह जुओं वाले दिनों की याद आ गई.......... हा हा हा ... Health tip: Check your Child for Head Lice
बात जुओं की हो रही थी तो पता नहीं यह खटमल वाला गीत कहां से याद आ गया.......सही कहते हैं अंग्रेज़-----खाली दिमाग शैतान का घर.......An empty mind is a devil's workshop!
इस काम के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कंघी भी एक अलग किस्म की हुआ करती थी.....पंजाबी में इसे कहते थे....बारीक दंदेयां वाली कंघी......(comb with the fine teeth!)........इसे सिर पर फिराना भी हिम्मत का काम हुआ करता था, बचपन में यह कंघी मेरी मां और बड़ी बहन ने मेरे सिर पर भी कईं बार फेरी थीं......एक दो जूं मिलने पर फिर लेक्चर भी सुनना पड़ता था....
अच्छे से मैं देखा करता था अपने आस पास कि किसी के सिर पर वह जूओं वाली कंघी फिराते फिराते जब कंघी में कोई जूं दिख जाती थी तो वह लम्हा कितना रोमांचक हुआ करता था जैसे कि वीरप्पन पकड़ लिया हो. और फिर उस जूं को अपने बाएं हाथ के अंगूठे पर शिफ्ट कर के दाएं हाथ के अंगूठे से उस का वध करना, महिलाओं को यह बड़ा सुख देता था .....और जूओं के मारे सिर में भी अपने अाप ठंडक पड़ने लगती थी।
कईं बार दो एक जुएं मिलने के बाद जब और जुएं नहीं मिल पाती थीं तो ऐसे ही निकालने वाला यह घोषित कर दिया करता था कि जुआं नहीं ने, लीखां ने......लीखां तो ही जुआं बनदीयां ने.......(जुएं नहीं है और, लीखे हैं.....लीखों ही से तो जुएं बन जाती है)......
जो गली मोहल्लों में औरते के साज-श्रृंगार का सामान साईकिल पर बेचने आया करते थे, उन्होंने भी जूओं वाली कंघी अलग से रखी होती थी....बहुत बिका करती थी ये कंघीयां।
फिर देखा धीरे धीरे जुएं मारने वाली दवाईयां आ गईं......लोग जुएं मारने के लिए इन्हें इस्तेमाल करने लगे। क्या था , एक ऐसी ही दवाई का नाम........Mediker lice killer ---- मुझे अच्छे से याद तो नहीं है, लेकिन शायद यही था......पता नहीं अब यह दवा मिलती है या नहीं, कोई आइडिया नहीं....अकसर जैसे ही हम लोगों का पता बदलता है (आप समझते हैं मैं क्या कहना चाहता हूं) हम पुरानी बातों को ऐसे भूलने का नाटक करते हैं जैसे हमारा इन से कोई वास्ता ही न हो.........ठीक है, यह इंसानी फितरत है।
आप को उस लिंक के बारे में भी बता रहा हूं जिस पर जाकर मुझे यह जुओं वाले दिनों की याद आ गई.......... हा हा हा ... Health tip: Check your Child for Head Lice
बात जुओं की हो रही थी तो पता नहीं यह खटमल वाला गीत कहां से याद आ गया.......सही कहते हैं अंग्रेज़-----खाली दिमाग शैतान का घर.......An empty mind is a devil's workshop!