मैंने सूचना के अधिकार के लिये कुछ समय पहले एक आवेदन किया था ---जिस का जवाब मुझे मिला कि आप पहले सात हज़ार नौ सौ रूपये जमा करवायें क्योंकि इस तरह की सूचना जुटाने के लिये विभाग का इतना खर्च आयेगा ----कुछ वर्कर इतने दिन के लिये यही काम पर लगे रहेंगे, इसलिये उन की उतने दिनों की तनख्वाह मुझे भी भरनी होगी। खैर, मैंने इस की अपील भी की लेकिन फिर वही जवाब आ गया ।
हां, तो आज सुबह आज की पंजाब केसरी अखबार पर जब नज़र पड़ी तो इस के पृष्ट पांच पर यह खबर दिखी जिसे आप से शेयर करना चाह रहा हूं ------लीजिये, पढ़िये ...
सूचना देने के लिये केवल निर्दिष्ट राशि ही वसूली जाएगी : सी आई सी
हां, तो आज सुबह आज की पंजाब केसरी अखबार पर जब नज़र पड़ी तो इस के पृष्ट पांच पर यह खबर दिखी जिसे आप से शेयर करना चाह रहा हूं ------लीजिये, पढ़िये ...
सूचना देने के लिये केवल निर्दिष्ट राशि ही वसूली जाएगी : सी आई सी
नई दिल्ली 8 नवंबर -- एक बहुप्रतीक्षित फैसले के तहत केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा है कि सूचना मुहैया कराने के लिये आवेदक से सूचना का अधिकार कानून में निर्दिष्ट शुल्क के अलावा कोई राशि की मांग नहीं की जा सकती। सूचना का अधिकार कानून के तहत आवेदन करने वाले लोगों के लिये यह फैसला राहत लेकर आया है क्योंकि जब बड़ी मात्रा में सूचना मांगी जाती है तो दिल्ली पुलिस सहित कई सरकारी एजेंसियां अतिरिक्त शुल्क के तहत लाखों रूपये की राशि का मांग करती हैं. ये सरकारी एजैंसियां इसका हवाला देती हैं सूचना दिखाने के लिये काफी मानव संसाधनों के इस्तेमाल की जरूरत पड़ेगी या उन्हें परिवर्तित करना होगा। इसके लिये आवेदक को प्रशासन की गणना के मुताबिक कार्य दिवसों के आधार पर भुगतान करना होगा।आप का इस खबर के बारे में क्या ख्याल है ?