मंगलवार, 11 मार्च 2008

अब मुश्किल नहीं कुछ भी !

मैंने तो जब से इस गाने को सुना है मुझे तो नहीं लगता कि नामुमकिन नाम का कोई शब्द शब्द-कोष में है। इस गीत का एक एक शब्द, इस के म्यूज़िक नोट्स और श्रेयस तलपड़े की बेहतरीन एक्टिंग में इतना ज़्यादा जादू है कि किसी भी गिरे हुये बंदे को उठने के लिए प्रेरित ही नहीं कर दें, बल्कि उस की बांह पकड़ कर उसे उठा ही दे। मुझे तो यह गाना बेहद पसंद है ...जब भी यह कभी टीवी वगैरा पर देखता हूं तो किसी और लोक में ही पहुंच जाता हूं। इस फिल्म की सिनेमैटोग्राफी भी इतनी है कि इस की जितनी भी तारीफ़ की जाये कम चाहे। सिम्पली सुपर्ब।
एक बार फिर से इस का आनंद लेता हूं।

आ जाओ पंजाब दा इक गीत सुनिये( आइए पंजाब का एक जबरदस्त गीत सुनें !)

दोस्तो, जब मैं अमृतसर के होस्टल में रहता था ना तो मुझ पर अपने टू-इन-वन पर बिलकुल देसी टाइप के पंजाबी गाने सुनने का नशा सा सवार रहता था। मेरी दोस्त मुझे कईं बार यह कहते थे कि यार , तुम्हारे टूइनवन पर बज रहे गाने सुन कर मज़ा आ जाता है, साथ में एकदो दोस्त यह ज़रूर कह देते थे कि यार, हैं ये सब ट्रक-ड्राईवरों की पसंद के ही। बस, अपनी अपनी पसंद है, अगर कुछ विशेष सुन कर मज़ा आता है तो क्यों न यह आनंद लूटा जाये।

अभी अभी मुझे बैठे बैठे एक बहुत ही मशहूर पंजाबी गीत की याद आ रही है.....आप भी सुनिए और आनंद लूटिये। इस में एक पंजाबी मुटियार अपने ट्रक-ड्राइवर पति की प्रतीक्षा करते करते बेहाल हो रही है, उस की सखियां उस से छेड़खानी कर रही हैं ,उस का प्यारा सा बेटा अपनी दुनिया में खोया रहता है और आग इधर ही नहीं लगी, दूसरी तरफ उस का घरवाला ( पति) भी अपने ट्रक के टूर के दौरान अपनी बीवी और बच्चे की याद में टाइम धकेलता रहता है। फिर वे अपनी अपनी जगह पर एक साथ बिताये हुये पलों को याद कर खुश होते रहते हैं।