दांतों का कट जाना एवं बुरी तरह से घिस जाना एक बहुत ही आम समस्या है। आज मैं आप के लिये कुछ तस्वीरें ले कर आया हूं। ये सब तस्वीरें मेरे मरीज़ों की ही हैं ---इन में से किसी का भी विवरण पढ़ने के लिये इस पर क्लिक करें।
इस महिला के दांतों को आप देखिये---यह किसी चालू से खुरदरे मंजन का इस्तेमाल करती रही हैं और पान खाने की खूब शौकीन रही हैं—देखिये इन दोनों आदतों ने इस के दांतों की क्या हालत कर दी है। इन घिसे हुये दांतों का पूरा इलाज करने के बाद इन पर एक दांतों के कलर से मिलती-जुलती एक फिलिंग ---लाइट-क्योर कंपोज़िट ( light-cure composite) से इन को दुरूस्त किया जायेगा।
वैसे तो इस तरह के दांतों में ठंडा-गर्म अकसर लगने लगता है लेकिन इन्हें इस तरह की कोई शिकायत नहीं है। इन्होंने तो यह भी नहीं कहा कि ये दांत भद्दे दिखते हैं ---शायद यह मानती होंगी कि इन का कोई इलाज ही नहीं है। लेकिन जब मैंने इन पर फिलिंग करवा लेने की बात कही तो तुरंत मान गई हैं।
अब इस मरीज़ का दांत देखिये --- देखिये किस तरह से एक दांत पर कट लगा हुया है और दूसरे पर फिलिंग हुई है।
इस तरह से दांत के कटने का सब से आम कारण है कि टुथब्रुश को जूता पालिश करने वाले ब्रुश की तरह इस्तेमाल किया जाना। अगर कोई व्यक्ति अपनी इस आदत को नहीं सुधारता तो एक दांत में फिलिंग करवा लेने से फिर दूसरे दांत इस कटाई-घिसाई का शिकार हो जाते हैं जैसा कि इस केस में हुआ है। आप देख सकते हैं कि इस कटे हुये दांत के पीछे जो दांत है उस को मैंने लगभग दो-एक साल पहले दांत के कलर से मेल खाती एक फिलिंग ---ग्लॉस-ऑयोनोमर से भरा था और ताकीद तो यह भी की थी कि अब ब्रुश को सही ढंग से इस्तेमाल किया जाये।
और हां, केवल ब्रुश का स्टाईल ही विलेन नहीं है ----बल्कि ब्रुश की हालत भी इस के लिये बहुत हद तक जिम्मेवार है।
अब जिस तरह के ब्रुश आप इस बाथरूम में पड़े देख रहे हैं ये दांतों की घिसाई ज़्यादा और सफ़ाई कम करेंगे। ( एक राज़ की बात ---यह फोटो हमारे ही घर के एक बाथरूम की है ----फोटो खींचते मेरे छोटे बेटे ने देख लिया था लेकिन अगर उस को पता चल गया कि इसे पोस्ट पर डाल दिया गया है तो भई मेरी खैर नहीं --- मुझे तो बार बार बेटों से वैसे ही यह धमकी मिलती रहती है कि पापा, देख लेना किसी दिन आप का ब्लॉग ही उड़ा देंगे – इस का कारण यह है कि पीक समय पर नेट पर काम करने के तीन उम्मीदवार होते हैं !!वैसे मेरे घर के ही एक बाथरूम में अगर ब्रुश इस हालत में मौज़ूद हैं तो मैं इस की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं ।।
इस तस्वीर में भी आप देख रहे हैं कि किस तरह से दांत कट चुके हैं ---इन का इलाज भी वही है कि फिलिंग तो करवा ही ली जाये और साथ ही ब्रुश इस्तेमाल करने का ढंग भी सही किया जाये।
दरअसल , इस तरह के कटाव-घिसाव का इलाज करवाना इसलिये ज़रूरी है क्योंकि यह आगे ही बढ़ता चला जाता है और फिर धीरे धीरे अगर यह दांत की नस ( dental pulp) तक पहुंच जाता है तो बखेड़ा खड़ा हो जाता है---- फिर तो रूट-क्नाल ट्रीटमैंट एवं कैप का लंबा चौड़ा चक्कर पड़ जाता है। इसलिये इलाज का सब से महत्वपूर्ण पहलू है कि कारण को पकड़ा जाये और फिर बाद में फिलिंग कर देने से सब कुछ ठीक ठाक हो जाता है।
अकसर मैं देखता हूं कि लोग इस तरह के कटाव-घिसाव के लिये दंत-चिकित्सक के पास न जाकर ठंडे–गर्म के इलाज के लिये तरह तरह की दवाईयों वाली खूब चर्चित पेस्टें ले लेकर इस्तेमाल करनी शुरू कर देते हैं ----यह किसी भी तरह से इस तकलीफ़ का इलाज नहीं है, इस से केवल आप तकलीफ़ को दबा ही सकते हैं। इसलिये दंत-चिकित्सक के पास जाने से ही बात बन पाती है।
और फिर आप मटका कुल्फी का पूरा लुत्फ़ भी उठा पायेंगे।