मंगलवार, 19 जनवरी 2010

आर टी आई आवेदन पर पता कैसे लिखें ?

इस के बारे में मेरा विचार यह है कि जब जब भी लोग जन सूचना अधिकारी के नाम आदि के लिये केवल नेट पर ही निर्भर करते हैं तो बहुत बात ख़ता ही खाते हैं।

इस का सीधा सा कारण है कि बहुत बार साइटों पर इस संबंधित जानकारी समय पर अपडेट नही ंकी जाती--इसलिये नाम आदि गलत लिखे जाने का अंदेशा तो रहता ही  है, साथ में फोन एवं ई-मेल भी दो साल पहले वाली जन सूचना अधिकारी का हो ----तो भी कोई बड़ी बात नहीं। वैसे तो अगर आपने साइट पर लिखे नाम के साथ जन सूचना अधिकारी लिख दिया है तो कोई विशेष फ़र्क पड़ता नहीं है, आप का आवेदन जनसूचना प्रकोष्ठ ( आर.टी.आई  सैल) तक पहुंच ही जाता है।

लेकिन वही बात है कि क्यों किसी तरह की अनिश्चिता रखी जाए -- इसलिये बेहतर हो कि आप जिस विभाग से जानकारी पाना चाहते हैं उस जानकारी से संबंधित जनसूचना अधिकारी ( कुछ कुछ विभागों में एक से ज़्यादा जन सूचना अधिकारी तैनात होते हैं जिन का कार्यक्षेत्र बंटा हुआ होता है) का नाम एवं पता, टैलीफोन आदि कहीं नोट कर लें। वैसे तो इस तरह की जानकारी नेट से मिल ही जाती है लेकिन कईं बार सही जानकारी पाने के लिये इधर उधर दो-तीन फोन भी करने पड़ सकते हैं.

मैंने तो निष्कर्ष यही निकाला है कि जहां भी इस तरह के नाम एवं पते आदि  के बारे में हम आश्वस्त न हों तो अगर इस तरह से आवेदन भेज दिया जाए तो कैसा रहेगा.

केंद्रीय/राज्य जन सूचना अधिकारी,
जन सूचना प्रकोष्ट ( आर.टी.आई सैल)
------ कार्यालय
( पूरा पता )

आगे थोड़ी बात करेंगे कि यह आवेदन किस तरह से भेजना ठीक रहता है ?

क्या सूचना का अधिकार केवल भारत में है ?

अभी तक मैं भी तो यही सोच रहा था कि शायद सूचना का अधिकार केवल भारत ही में है –और शायद इस के बारे में कभी गहराई से ना तो सोचा और ना ही शायद ज़रूरत महसूस ही हुई। मुझे कुछ दिन पहले ही पता चला है कि इसी तरह के सूचना की स्वतंत्रता संबंधी कानून 85 देशों में विभिन्न रूपों में उपलब्ध हैं।

और यह जानना तो और भी रोचक है कि कुछ देशों में इस तरह के कानून लंबे अरसे से लागू हैं ---
स्वीडन – दिसंबर 1766
कोलंबिया – 1888
फिनलैंड – 1951
यू.एस.ए – 1966
डेनमार्क, नार्वे – 1970
फ्रांस – 1978
आस्ट्रेलिया, न्यू-ज़ीलैंड- 1982
कैनेडा – 1983

जन सूचना अधिनियम के तहत अगर सूचना प्राप्त करनी है तो मेरे विचार में बहुत धैर्य रखने की ज़रूरत है। आगे इस के बारे में विचार करते रहेंगे।