हमारी ज़्यादा समस्या यही है कि हम लोगों के यहां लोगों में नमक से लैस जंक फूड का क्रेज़ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ये समोसे, कचौरियां, मठड़ीयां, भुजिया, ..........................इतनी लंबी लिस्ट है कि क्या क्या लिखें। इन से बच कर रहने में ही बचाव है।
कुछ समय पहले मद्रास अपोलो में एक डाक्टर से मुलाकात हुई --उसने अपना अनुभव बताया कि उस का वज़न एवं ब्लड-प्रैशर बहुत ज़्यादा बढ़ा हुया था लेकिन उस ने अपने वज़न कम कर के एवं नमक के इस्तेमाल पर कंट्रोल कर के ही अपनी ब्लड-प्रैशर दुरूस्त कर लिया । लेकिन ऐसे अनुभव बहुत ही कम देखने सुनने में मिलते हैं , भला ऐसा क्यों है, क्या आपने कभी ऐसा सोचा है ?
ब्लड-प्रैशर, मोटापे, गुर्दे की बीमारी आदि बहुत ही शारीरिक व्याधियों में सब से ज़्यादा यही देख कर दुःख होता है कि लोग सलाह तो जाकर बड़े से बड़े डाक्टर से लेते हैं ---एक बार परामर्श के लिये पांच पांच सौ फीस भी भरते हैं लेकिन बहुत ही छोटी दिखने वाली लेकिन बहुत ही ज़्यादा महत्वपूर्ण बात कि नमक का इस्तेमाल करने की तरफ़ अकसर देखा जाता है कि लोग इतना ज़्यादा ध्य़ान देते नहीं हैं। यही कारण है कि ब्लड-प्रैशर का हौआ हमेशा बना ही रहता है।