आप ने अकसर सुना ही होगा कि दांत अकसर डैड भी हो जाते हैं ----दांत का मर जाना !! इस तस्वीर में आप एक 40 वर्षीय महिला की तस्वीर देख रहे हैं जिस का ऊपर वाला आगे का दांत ( maxillary central incisor – मैग्ज़िल्यरी सैंट्रल इन्साईज़र) डैड हो गया है।
यह महिला मेरे पास आज किसी दूसरे दांत के इलाज के संबंध में आई थीं। मैंने ही उन से पूछा कि इस अगले दांत को क्या हो गया, यह काला कब से पड़ गया ?
इस महिला ने बताया कि जब यह 10-12 वर्ष की थी तो वह सीढ़ियों से गिर गई थीं जिस की वजह से अगले दांत पर चोट लगी थी। दांत कुछ दिन दर्द हुआ और बाद में कुछ वर्षों में यह अपने आप काला सा पड़ गया है।
तो आज इस तरह के दांतों के बारे में ही चर्चा कर लेते हैं।
दरअसल बात यूं है कि बचपन की जिस उम्र(7-8 वर्ष) में ऊपर वाला यह दांत आता है वह उम्र बच्चों की फुल मस्ती की उम्र होती है। इसलिये अगले कुछ वर्षों में इस अगले दांत पर चोट लगने की काफी संभावना होती है। चोट लगती है ---दांत में थोडा़ दर्द होता है, बच्चे को कोई भी दर्द की टेबलेट दे दी जाती है।
लेकिन अकसर कुछ वर्षों में वह दांत जिस पर चोट लगी थी काला सा पड़ जाता है जैसा कि आप इस महिला का दांत यहां पर देख रहे हैं। और फिर कईं कईं वर्ष बस यूं ही निकल जाते हैं ----अब इसी महिला का ही केस देखिये—इसे पिछले 30 वर्षों से यह तकलीफ़ है। लेकिन फिर भी बस यूं ही कभी इस के बारे में इस ने किसी से बात ही नहीं की।
यह भी नहीं कि इस दांत में कभी कोई तकलीफ़ न हुई हो, महिला बता रही थीं कि दांत की जड़ के पास से अकसर कभी कभी पस सी निकलनी शुरू हो जाती थी। लेकिन वह बता रही थीं कि अब कुछ समय से उस को इस की कोई परेशानी नहीं है। आप यह नोटिस करें कि 40 वर्ष की महिला हैं, आगे वाले दांत का रंग किस कद्र काला पड़ा हुया है लेकिन इन्हें इस से कोई परेशानी नहीं है।
थोड़ी चर्चा करते हैं इस के इलाज के बारे में। मैडीकल भाषा में ऐसे दांत को कहते हैं कि यह नॉन-वाइटल हो चुका है। इस तरह के दांत को डैड (मरा हुआ ) कहना ठीक नहीं है ----क्योंकि यह ठीक है कि दांत की नस ( Dental pulp) नष्ट हो चुकी है लेकिन फिर भी दांत जीता-जागता जबड़े की हड्डी में अच्छी तरह से सैट है।
हां, तो ऐसे दांत अकसर रूट-क्नॉल ट्रीटमैंट से ठीक हो जाते हैं, पस-वस निकलनी बंद हो जाती है और उस के बाद इस तरह के काले रंग के दांत के ऊपर एक कैप लगा दी जाती है जिसे जैकेट-क्राउन कहते हैं।
लेकिन जैसा कि मैं बार बार आगाह करता रहता हूं कि यह सारा काम करवाया केवल किसी प्रशिक्षित डैंटिस्ट से ही जाए।
हां, एक बात का जवाब देना तो मैं भूल ही गया कि आखिर यह दांत काला क्यों पड़ गया ---- इस का कारण यह है कि जब दांत पर चोट लगती है तो उस के इम्पैक्ट से दांत के अंदर रक्त-स्राव होने से यह रक्त दांत की डैंटीन परत ( because of impact of trauma, blood enters the dentinal tubules of the dentin ----this causes blackening of teeth with passage of time) में चला जाता है जो कि बाद में फिर हमें काले दांत के रूप में नज़र आता है। ( इस पोस्ट में दी गई किसी भी फोटो के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिये उस पर आप को क्लिक करना होगा )
अभी इस महिला का भी डैंटल एक्स-रे हुआ नही है लेकिन लगता है कि यह केवल रूट-क्नॉल-ट्रीटमैंट से ही ठीक हो जायेगी –इस में और कुछ लंबी चौड़ी सर्जरी करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
फिर किसी दिन आगे के दांत की चोट के दूसरे पहलूओं पर भी चर्चा करेंगे। यह तो नहीं कि हर बार चोट लगे और दांत बिल्कुल भी न टूटे। अकसर इस तरह की चोट से दांत टूट जाते हैं और फिर उस का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि वह कितना टूटा है और उस का कितना भाग बच गया है। किसी दिन इस के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।