ये भी एक बहुत ही आम सी समस्या है। इस का सब से आम कारण है ---मसूड़ों की सूजन । इस मसूड़ों की सूजन का सब से आम कारण है –दांतों पर टारटर का जम जाना ---जिसे अंग्रेज़ी में हम लोग डैंटल कैलकुलस कह देते हैं।
इस तस्वीर में आप देख रहे हैं कि इस लगभग 50 वर्ष की महिला में कितनी बुरी तरह से नीचे के आगे वाले दांतों को मसूड़े ने छोड़ दिया है। और यह सब हुआ इस टारटर ( दांत पर जमा मैल का पत्थर ) की वजह से ---जैसे जैसे यह बढ़ता वैसे वैसे यह मसूड़े में सूजन के साथ साथ उसे दांत से अलग भी करता गया।
अब इस का इलाज क्या है ? यह तो तय है कि इस सारी प्रक्रिया में दांत की नीवं कमज़ोर पड़ जाती है और अकसर यह हिलना भी शुरू कर देता है। इस का इलाज इस बात पर निर्भर है कि दांत से मसूड़ा किस कद्र अलग हो चुका है ---हां, दांतों से मसूड़े के अलग होने की अवस्था को मैडीकल भाषा में कहते हैं ----जिंजिवल रिशैशन ( gingival recession).
इस तस्वीर में आप देख रहे हैं कि इस लगभग 50 वर्ष की महिला में कितनी बुरी तरह से नीचे के आगे वाले दांतों को मसूड़े ने छोड़ दिया है। और यह सब हुआ इस टारटर ( दांत पर जमा मैल का पत्थर ) की वजह से ---जैसे जैसे यह बढ़ता वैसे वैसे यह मसूड़े में सूजन के साथ साथ उसे दांत से अलग भी करता गया।
अब इस का इलाज क्या है ? यह तो तय है कि इस सारी प्रक्रिया में दांत की नीवं कमज़ोर पड़ जाती है और अकसर यह हिलना भी शुरू कर देता है। इस का इलाज इस बात पर निर्भर है कि दांत से मसूड़ा किस कद्र अलग हो चुका है ---हां, दांतों से मसूड़े के अलग होने की अवस्था को मैडीकल भाषा में कहते हैं ----जिंजिवल रिशैशन ( gingival recession).
वैसे छोटी उम्र में अगर किसी एक-दो दांतों में ही यह समस्या है तो इस टारटर को हटाने के साथ साथ एक सर्जरी जिसे जिंजिवल ग्राफ्टिंग ( gingival graft) कहते हैं इस से इस समस्या का हल निकाला जाता है। लेकिन इस तरह के इलाज को केवल प्रशिक्षित पैरियोडोंटिस्ट ( मसूड़ों के रोग के विशेषज्ञ ---जिन्होंने इस विषय में एमडीएस की होती है) से ही करवाना बेहतर होता है।
कुछ और भी कारण हैं जिस की वजह से मसूड़े दांत से पीछे हट जाते हैं –इन में से एक दो की और चर्चा करते हैं। एक और महत्वपूर्ण कारण है ---- दांतों पर गलत तरीके से ब्रुश अथवा दातुन का इस्तेमाल करना ----और इस साफ़-सफाई को इतने जोशो-खरोश से करते रहना कि आस पास का मसूड़े दांत से पीछे हट जाने में ही अपनी सलामती समझने लगते हैं। इस टॉपिक पर किसी दिन विस्तार से चर्चा करेंगे।