गुरुवार, 11 फ़रवरी 2016

वाट्सएप ज्ञान नशा.. 11.2.16

आज मुझे कोई ऐसी तस्वीर वाट्सएप पर नहीं मिली जिसे शेयर करने की मुझे इच्छा हुई हो ...हां, एक तस्वीर मैंने कल एक मेले में खींची थी..उसे ही यहां शेयर कर देता हूं....मुझे इसे देखते ही ध्यान आया कि हम लोग जुगाड़ करने में कितने एक्सपर्ट हैं... आप का क्या ख्याल है?

यह मैसेज तो पिछले कईं दिनों से इर्द-गिर्द चक्कर लगा रहा है.... मैंने सोचा सब से पहले इसे ही शेयर कर के छुट्टी करूं.. 

वैलेंटाइन डे पर वन विभाग का नया  मेसेज-.
पेड़ों से भी उतना ही प्यार करो,
जितना पेड़ों के नीचे करते हो!!

और यह जो मैसेज अभी आप देखेंगे ..इसे देखते ही आप को अपने स्कूल के दिन याद आ जायेंगे...मुझे तो आ गये..हम भी इसी तरह के जुगाड़ लगा लगा के रट्टे लगा लगा के पास हो जाया करते थे.. मुझे कभी नहीं लगा कि मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा था.. बस घऱ आकर नियमित पढ़ने-लिखने की, क्लास से कभी भी छुट्टी न करने की और अपने गुरुजनों का हमेशा सम्मान करने के कुछ अच्छे संस्कार अपने पेरेन्ट्स से मिले जिन्होंने बहुत मदद की... हां, इस तरह के जुगाड़ बहुत करते थे..और कईं बार कुछ अजीब अजीब किस्म के जुगाड़ ताकि कुछ पाठ याद हो जाएं...यह लिखते हुए मुझे हाल ही में रिलीज़ हुई हिंदी फिल्म चॉक एंड डस्टर का ध्यान आ गया....मैंने किसी पोस्ट में लिखा भी था, इसे अवश्य देखिएगा.....इस में शबाना आज़मी भी बच्चों को रोचक ढंग से पढ़ाने के लिए इस तरह के फार्मूले का इस्तेमाल करती हैं... 
बच्चों को राज्यों के नाम याद रखने में परेशानी होती है । इसके समाधान के लिए एक छोटा सा प्रयास किया है । राज्यों के लिए एक  पंक्ति बनाई है । जिसके एक वर्ण से एक राज्य बनता है । शायद अध्यापक साथियों को ये प्रयास पसन्द आए -राज्यों के लिए पंक्ति-
"  मित्र  अतरा मुझसे कहता है मैं अपने छ: बागों में आम की उपज उगाऊ" ।
मि-मिजोरम त्र -त्रिपुरा 
अ - असम  त- तमिलनाडू रा-राजस्थान 
मु -मणिपुर झ - झारखंड से - सिक्किम
क -केरल ह -हरियाणा ते - तेलंगाना
है - हिमाचल
में - मेघालय
अ - अरूणाचल प - प. बंगाल ने - नागालैंड
छः - छत्तीसगढ
बा - बिहार गों -गोवा
में - मध्यप्रदेश 
आ - आंध्रप्रदेश म - महाराष्ट्र 
की -कर्नाटक
उ - उत्तराखंड प - पंजाब ज - जम्मू - कश्मीर
उ - उड़ीसा गा - गुजरात उ- उत्तरप्रदेश
(अपने आप से  पूछिएगा ज़रूर कि क्या आप को भारत के सभी राज्यों के नाम याद हैं...अगर नहीं, तो आप भी इस फार्मूले को याद कर लीजिए)  

  एक वाट्सएप मैसेज यह भी िमला ...आज का ज्ञान ...हंसा देगा आप को भी .. सही पकड़ा इसने कर्मचारियों को ... 
आज का ज्ञान-
जिंदगी बस 2 दिन की है...
एक तो शनिवार और एक रविवार.....
बाकी दिन तो ऐसा लगता है कि जलील होने के लिए पैदा हुए हैं।
                             -एक कर्मचारी

यदि कोई ATM CARD समेत आपका अपहरण कर ले तो विरोध मत कीजिए ।  अपहर्ता की इच्छानुसार ATM मशीन  मेँ कार्ड डालिए । आपका कोड वर्ड रिवर्स मेँ डायल कीजिए । जैसे यदि आपका कोड 1234 की जगह 4321 डायल कीजिए । ऐसा करने पर ATM खतरे को भाँपकर पैसा तो निकालेगा..लेकिन आधा ATM मशीन  में फँसा रह जायेगा । इसी बीच मेँ ATM मशीन खतरे को भाँपकर बैंक और नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचित कर देगा और साथ ही ATM का डोर ऑटो लॉक हो जाएगा । इस तरह बगैर अपहर्ता को भनक लगे आप सुरक्षित बच जाएँगे । ATM मेँ पहले से ही सिक्योरिटी मैकेनिजम है जिसकी जानकारी बहुत कम लोगोँ को है । 
(हम कैसे मान लेंगे कि आज के आधुनिक लुटेरे ये बातें नहीं जानते होंगे, ज़्यादातर एटीएम अब अंदर फंसने वाले हैं ही नहीं, बस स्वाईप कर के बाहर निकालने वाले हैं... और एटीएम का डोर ऑटो लॉक हो जायेगा...शायद कभी कभी लॉक होने वाला एटीएम दिख जाता है... वरना तो सब खुल्लम खुल्ला पड़ा रहता है.....वैसे भी ऐसे किस्से कम ही होते हैं कि पहले किसी का कोई अपहरण कर के उसे एटीएम में लेकर जायेगा....चलिए, फिर भी देख लिया, पढ़ लिया...आगे शेयर क्या करें इसे?....  इस सारे प्रकरण में अपहरणकर्त्ता को बड़ा अनाड़ी सा बताया गया है... वे तो तमंचे से नीचे बात नहीं करते और आप इतने मीठे मीठे जुगाड़ लगा रहे हैं उसे फंसाने के लिए!) 

आज सुरेश बाबू ने भी यह ज्ञान बांट दिया .....बढ़िया लगा... आज की पोस्ट का शीर्षक भी इस में दर्ज वाट्सएप नशे वाली बात से प्रेरित है.. 
गुजरी हुई ज़िंदगी को कभी याद न कर, तकदीर में जो लिखा है उसकी फरियाद न कर 
जो होगा वो होकर रहेगा तू कल की फिक्र में अपनी आज की हंसी बरबाद न कर.. 
हंस मरते हुए भी गाता है मोर नाचते हुए भी रोता है 
यह ज़िंदगी का फंडा है बॉस,  दुःखों वाली रात नींद नहीं आती और खुशी वाली रात कौन सोता है!
लफ्ज़ ही एक ऐसी चीज़ है जिस की वजह से इंसान  
या तो दिल में उतर जाता है या दिल से उतर जाता है.. 
ज़िंदगी की कशमकश में वैसे तो मैं काफ़ी बिज़ी हूं लेकिन 
वक्त का बहाना बना कर अपनों को भूल जाना मुझे आज भी नहीं आता.
जहां यार न याद आए वो तन्हाई किस काम की..बिगड़े रिश्ते न बनें तो खुदाई किस काम की  
बेशक अपनी मंज़िल तक जाना है..पर जहां से अपना दोस्त न दिखे वो ऊंचाई किस काम की.. 
नशा मोहब्बत का हो, शराब का हो या वाट्सएप का हो, होश तो तीनों में खो जाते हैं... 
फ़र्क सिर्फ इतना है .. 
शराब सुला देती है .. मोहब्बत रुला देती है और वाट्सएप यारों की याद दिला देती है...

ब्लॉग की पोस्ट लिखने में खासा समय लगता है...कर लेता हूं यह काम क्योंकि अच्छा लगता है...वैसे अकसर मुझे प्रतिक्रिया ९९ प्रतिशत लोगों से मिलती नहीं, न ही मैं इस की कभी अपेक्षा ही करता हूं...अपनी डायरी लिख लेता हूं बस, और है क्या...बस, पोस्ट शेयर करने का चस्का २००७ के दिनों से ब्लॉगवाणी और चिट्ठाजगत के दिनों से लगा हुआ है ...जहां पर बलॉग्स की पोस्ट तुरंत शेयर हो जाया करती थी। 

और शायद जिन्हें यह पोस्ट वाट्सएप पर मिलती हो उन्हें कभी लगता हो कि मैं एक एक को अलग से इस का लिंक भेजता हूं...नहीं, नहीं, मैं ऐसा नहीं कर सकता ...भयंकर बोरिंग काम... मैंने तो एक ब्रॉडकास्ट लिस्ट बनाई है वाट्सएप पर .. मेरे फोन में जितने भी नंबर स्टोर हैं, सब को अपने आप इस ब्लॉग-पोस्ट का लिंक चला जाता है, इतनी सी बात है.....रही प्रतिक्रिया की बात, कुछ पुराने दोस्त कभी कभी कुछ कह देते हैं ...वह मेरे लिए काफ़ी है... और कभी कभी कहीं से जब कोई सुधि पाठक वाट्सएप पर इस तरह का संदेश भेज देता है तो लगता है जैसे कोई बड़ा अवार्ड मिल गया हो...शायद उस से भी ज़्यादा... फिर पहले से बेहतर करने की इच्छा जाग जाती है....यह साधना है ...जैसे कोई भी काम है...वैसे यह भी है ...

इसी बात पर कल एक सुधि पाठक से यह संदेश मिला....अच्छा लगा... 


यह स्क्रीन-शॉट है, आप से शायद पढ़ा नहीं जायेगा...मैं उस पाठक के संदेश को यहां लिख देता हूं... 

"आपका ब्लॉग बेहतरीन है कंटेंट के नजरिये से   …. हिंदी में  ऐसा कंटेंट कहीं और उपलब्ध नहीं है  … शायद 2011 से आपका ब्लॉग पढ़ रहा हूँ  …. निशांत मिश्रा जी के ब्लॉग hindizen से आपके ब्लॉग का लिंक मिला था  …. फिर तो आपको पढ़ कर कुछ ही दिनों में स्वयं आधा डेंटिस्ट हो गया था  … अपने घर पर , दोस्तों सबको आपकी पोस्ट प्रिंट आउट निकलवा कर पढवाई थी   … आपकी पोस्ट्स ने मुझे दांतों को लेकर काफी सजग कर दिया था  …. आपको ढेर सारी शुभ कामनायें डॉक्टर साहेब  …. बस आप ऐसे मुस्कराहट बांटते रहे   … आप एक बार गुडगाँव भी आये थे गूगल के इवेंट में  …. उस में मैं भी आया था   … आप से मिलना मिस हो गया " .....

अब आगे क्या लिखूं... लिखने विखने को थोड़ा विराम दूं.. एक वीडियो दिखाता हूं जो मेरे पुराने अजीज दोस्त डा बेदी जी ने सुबह भेजा था... अच्छा लगा ..यहां देखिए... just for a short duration!  


मुझे भी नहीं पता ये कौन भक्त लोग हैं..लेकिन लगता है कि जैसे ISKCON संस्था के श्रद्धालु हैं ... ठीक है, सभी अपने अपने तरीके से भक्ति कर रहे हैं, इन की भी भक्ति की परवाज़ देख कर बहुत अच्छा लगा... इच्छा हुई कि मैं भी इन के जश्न में शामिल हो जाऊं.......but then, who is stopping me? वैसे इन का जोश देख कर मुझे आज पता चल गया कि बाबा रामदेव के Acrobatics की टक्कर में भी कुछ भक्त हैं अभी इस देश में...

 लेकिन आज का दिन अच्छा धार्मिक आध्यात्मिक रंग में रंगा रहा.. सुबह यह वीडियो देखी... और दिन में हमारे अस्पताल के कुछ साथी जो द्वारकाधीश और सोमनाथ मंदिर हो कर आए हैं...उन्होंने अपना यात्रावर्णन सुनाया और वहां का प्रसाद दिया.. सोमनाथ का नाम आते ही मुझे सब से पहले इतिहास पढ़ने के वे दिन याद आ गये ....सोमनाथ पर कब,कितनी बार... और किस ने हमला किया ... यह सब रट रट के फिर कहीं जाकर इतिहास-भूगोल से पीछा छूटा था....इन श्रद्धालुओं का वर्णऩ सुन कर मेरे मन में भी इन जगहों पर जाने की इच्छा प्रबल हो गई है...देखते हैं, कब जाएंगे...शायद रिटायरमैंट का इंतज़ार करेंगे ...  अगर तब तक  घुटनों ने  जवाब नहीं दिया तो ......वैसे थोड़ी थोड़ी शुरूआत तो हो चुकी है... i know! How foolishly do we keep on postponing our little pleasures of life!

जाते जाते अभी अभी मुझे गाना भी तो आप तक पहुंचाना है...तो आज का गीत यह है .. आज दोपहर में विविध भारती पर जब यह गीत बज रहा था तो मुझे अचानक ध्यान आया कि यह गीत तो पता नहीं जैसे मैंने बहुत ही बरसों बाद सुना हो... आज उसे ही लगा देते हैं... मुझे नहीं पता था कि यह किस फिल्म का है, गाने का मूड क्या है, और कौन से सिनेस्टार हैं इसमें ...लेिकन अपना यू-ट्यूब ताऊ है न....हमारा काम आसान करने वाला .. भूल भुलईयां तेरी अक्खियां सईंयां रस्ता भूल गई मैं....आज से बीस साल पहले यह गीत रेडियो-दूरदर्शन पर खूब बजा करता था..