सोमवार, 6 जून 2016

नमक हो टाटा का टाटा नमक..

नहीं ना, यह कोई स्पांसर्ड पोस्ट नहीं है...बस, कुछ बात करने की इच्छा हुआ टाटा नमक के बारे में .

आज शाम एक मित्र से बात हो रही थी..पता नहीं कैसे बातों से बात निकली कि उसने कहा कि प्रवीण, मैं टाटा नमक के कुछ पैकेट ले कर आया..उसी दिन वह दालें भी खरीद कर आया था...और उस दिन के बाद जब उन के घर में दालें बनने लगीं तो वे काली होने लगीं...उन लोगों को लगा कि सारी दालें खराब हैं...लेकिन नहीं दालें तो ठीक थीं...

मित्र बता रहा था कि वह नमक के पैकेट वापिस करने चला गया...और फिर बाबा रामदेव वाले नमक के पैकेट ले कर आया...बाबा की तारीफ़ कर रहा था..मैंने कहा ठीक है, बाकी तो कुछ भी उस का ले आना, पतंजलि की दंत कांति पेस्ट और मंजन से बच के रहना......मैं सैंकड़ों मरीज़ों के दांतों पर इस का प्रभाव देख चुका हूं..

अच्छा, जब मैंने उस की यह दालों के काला होने की बात सुनी तो मैंने उसे इतना पूछा कि तुम टाटा का नया वाला नमक ले कर आए होंगे, कहने लगा ..हां, तो मैंने उसे कहा कि उस में आयरन है ..(लोह युक्त नमक है वह) ..इस लिए दालों आदि में जब इस तरह का नमक डाला जाता है तो वे काली पड़ ही जाती हैं, उस के बारे में चिंता नही करनी चाहिए..

दरअसल मुझे याद आ रहा था उस से बात करते हुए कि लगभग तीन महीने पहले मैंने एक पोस्ट लिखी थी...लोहयुक्त नमक के ऊपर...इस का लिंक यह रहा ..आप इस लिंक पर क्लिक कर के देख सकते हैं...लोह युक्त नमक 

अपने पुराने लेख मैं लगभग कभी देखता नहीं...मुझे एम्बेरेसमेंट सी होती है ...पता नहीं क्यों, यह सब मैंने क्यों लिख दिया...पूरी किताब ही भला क्यों खोल के रख दी, बस, इसी चक्कर में मैं अपने पुराने लेखों को कभी पढ़ना नहीं चाहता...हां, बिल्कुल जैसे हलवाई अपनी मिठाई नहीं खाता..

मुझे ध्यान आ रहा था कि मैंने उस लेख में कुछ प्रश्न रखे थे..लेकिन अब ध्यान आता है कि यह कोई इश्यू नहीं है ... कि अगर किसी का हीमोग्लोबिन सही है तो उसे यह नमक नहीं लेना चाहिए... वैसे भी कहां एक आम भारतीय इतनी अच्छे से पोषित है कि उसे इस तरह से लोहयुक्त नमक की ज़रूरत नहीं है ...सब ले सकते हैं..और वैसे भी इस से किसी भी बंदे की दिन भर की आधी ज़रूरत ही पूरी होती है ...

एक विचार यह भी है कि टाटा जैसी कंपनी को इस तरह के मुद्दों को अच्छे से प्रचारित करना चाहिए था..इस मित्र ने मेरे से बात कर ली, मैंने अपनी तरफ़ से उस के संशय का समाधान कर दिया.....लेिकन अगर उसे पहले से पता होता या उस टाटा प्लस वाले पैकेट के ऊपर ही लिखा होता तो सब लोग पहले से ही तैयार होते ...कि दाल अाज थोड़ी काली बनने वाली है...है कि नहीं?

यह तो कमी रह गई ...टाटा कंपनी से ..और वैसे वेबसाइट पर यह लिखा हुआ कि यह नमक जब दालों आदि में डाला जायेगा तो उन का रंग डार्क हो जायेगा...

टाटा कंपनी की वेबसाइट पर एक प्रश्न है कि टाटा प्लस नमक (यानी लोह एवं आयोडीन युक्त नमक) से क्या भोजन के स्वाद में फर्क पड़ता है?..
Using Tata Salt Plus doesn't affect food taste. Some food items like pulses, rice, potato and vegetables may turn dark on addition of Tata Salt Plus. This is due to iron availability in Tata Salt Plus. For example, when an apple is cut and kept exposed, it turns dark due to its iron content, but is still edible and absolutely safe to use. 
जानकारी के लिए लिखना चाहता हूं कि १०० ग्राम टाटा प्लस नमक में .. सोडियम ३८ग्राम के लगभग, ऑयरन ८५ मिलीग्राम, और आयोडीन की मात्रा १५ppm से ज़्यादा होती है ..

अभी मैंने घर में पूछा तो मुझे Tata Salt Lite दिख गया... इस में सोडियम की मात्रा कम होती है ..३३ ग्राम के लगभग...लेिकन इस में ऑयरन नहीं है लेिकन आयोडीन तो है ही ...



नींद आ रही है, जल्दी से इसे खत्म कर रहा हूं...मुझे ध्यान आ रहा है कि कुछ िदनों के बाद नमक पर कुछ न कुछ लिखने का बहाना मिल ही जाता है ...आज भी मैंने हिन्दोस्तान पेपर के संपादकीय पन्ने पर नमक को कम करने के बारे में एक अच्छा लेख पढ़ा था, कल आप से वह भी शेयर करूंगा...

लेकिन जाते जाते एक आग्रह कि हो सके तो टाटा नमक प्लस ही इस्तेमाल करिए...हम लोगों ने भी अभी तक इसे इस्तेमाल नहीं किया...चलिए, हम लोग भी इसे इस्तेमाल करेंगे....जिस तरह से जब टाटा कंपनी का आयोडीन नमक आया था... तो लोग अनाप शनाप कुछ कहने लगे थे......लेिकन वह एक वरदान सिद्ध हुआ....निःसंदेह यह टाटा प्लस नमक भी एक बड़ा वरदान सिद्ध होगा....क्योंकि आज कल जिस तरह से लोगों का खान-पान हो गया है, एनीमिया थोड़ा बहुत तो बहुत सी महिलाओं में, बच्चों, बुज़ुर्गों में भी देखा ही जा रहा है ...

मेरी पिछली पोस्ट के प्रश्नों पर ज़्यादा गौर मत कीजिएगा और मेरे विचार में इस नमक का इस्तेमाल करने में ही समझदारी है ...मुझे यह प्रचारित करने का कुछ पैसा नहीं मिला ..और मैं कभी भी पैसे के लिए इस तरह का काम करूंगा भी नहीं.....आश्वस्त रहिए....अगर आप इस नमक का इस्तेमाल शुरू करने से अपने फैमली डाक्टर से बात भी कर लें तो और भी अच्छा रहेगा...

OK...Good night....शुभरात्रि, शब्बा खैर, रब राखा......Take care!

Related post...        लोहयुक्त नमक के बारे में आप का क्या ख्याल है? (पढ़ने के लिए यहां क्लिक करिए)

गाना यहां एम्बेड करते समय मुझे ध्यान आया कि नमक के ऊपर तो कोई गीत याद नहीं आ रहा ...फिर ध्यान आ गया नमक हराम का, नमक हलाल का भी ......सोचा, वैसे भी आज के दौर में नमक हरामी ज़्यादा चलन में है, उस ग्रेट फिल्म का यह गीत ही शेयर करते हैं...a wonderful and captivating song!


मथुरा कांड की जन्मपत्री पढ़िए...

पिछले कुछ दिनों से मैं टीवी पर खबरें नहीं देख रहा था..कोई विशेष कारण नहीं था..बस, ऐसे ही किसी न किसी काम में व्यस्त था..

मेरी मां ने ही दो तीन दिन पहले एक बार ऐसे ज़िक्र किया कि मथुरा में बहुत बुरा हो रहा है ...मुझे कुछ पता नहीं था..मैंने ऐसे ही कह दिया...जी हां।

कुछ समय बाद उसी दिन या अगले दिन किसी खबरिया चैनल पर एक टिक्लर चल रहा था ...रामवृक्ष के बारे में कुछ...

अब अफवाहें, अंधविश्वास, डर, खौफ़, तथाकथित बाबाओं के बारे में सुन सुन कर अपनी भी कुछ इस तरह की कंडीशनिंग हो चुकी है कि हम कुछ इस तरह के नाम सुन कर अपनी ही राय तुरंत बना लेते हैं...

रामवृक्ष का नाम मैंने जैसे ही सुना ..मुझे लगा यह भी किसी वृक्ष-रिक्श का चक्कर होगा...ढूंढ लिया होगा किसी पुरातन पेड़ को ..वैसे भी पर्यावरण दिन आने वाला है ...लेकिन तभी देखा कि वहां पर आगजनी हो रही है, लाठियां भंाजी जा रही हैं...सब कुछ अजीब सा लग रहा था..

अगले दिन पेपर में पढ़ लिया...कुछ कुछ समझ में आया...बहुत से खबरिया चैनलों पर अब विश्वास पूरा होता नहीं है..

दो दिन से खूब देख रहे हैं कि किस तरह से वहां मथुरा के उस पार्क में एक अलग सत्ता केन्द्र उस बंदे रामवृक्ष ने स्थापित कर रखा था..

एक बात और भी है कि हम वही देखते हैं वही सुनते हैं ..जो मीडिया हमें दिखाना चाहता है ...सब टीआरपी का चक्कर तो है ही, पैसों का भी चक्कर है ...बड़ा अजीबोगरीब बिजनेस माडल है हिंदोस्तान में मीडिया का ...सच्चाई जनता तो कहां पहुंच पाती है !


और कुछ दिखे न दिखे...ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी के बारे में सनसनीखेज खबरें ज़रूर देख-सुन ली कि उस के लोकसभा क्षेत्र में इतनी आगज़नी हो रही थी और वह अपनी शूटिंग के बारे में तस्वीरें ट्विट करती रही....वैसे सुनील दत्त को छोड़ कर सभी फिल्मी सितारे जो लोकसभा राज्यसभा पहुंचे, उन का ट्रैक रिकार्ड ऐसा ही है...यह मैंने एक रिपोर्ट में पढ़ा आज..शायद नवभारत टाइम्स में ...पूरे आंकड़ों के साथ उन सब का रिपोर्ट कार्ड लगा हुआ था...

मेरे मन में पिछले दो तीन दिन से कईं प्रश्न उठते रहे कि यार, यह बंदा रामवृक्ष ...शरीर से भी इतना हृष्ट-पुष्ट नहीं लग रहा..लेकिन इस की बॉडी-लैंग्वेज ..और इतना दुःस्साहस ...पता नहीं कौन इस के पीछे है...अकेला आदमी ऐसी हिम्मत नहीं कर सकता...कुछ तो ताकतें पीछे होंगी...

कल एक मंत्री का ब्यान टीवी में देख रहा था जिसके बारे में सत्ताधारी पार्टी के एक व्यक्ति ने टिप्पणी की थी ...उस का ब्यां सुना तो उसने साफ़ कहा कि जांच तो होने दो, सच सामने आ जायेगा...

कल रात और आज सुबह उस पार्क में विनाशलीला की तस्वीरें दिखती रहीं...क्योंकि कल मीडिया को उस पार्क के अंदर जाने की अनुमति मिल गई थी...

चलिए, आप के सब्र का और इम्तिहान नहीं लेता हूं.. बस, इस पोस्ट के माध्यम से मैं एक सुझाव देना चाहता हूं हम लोग सारा दिन कुछ न कुछ इधर से उधर और उधर से इधर वाट्सएप पर शेयर करते रहते हैं...ऐसा ही है ना?...लेकिन संवेदनशील मुद्दों के बारे में शेयर करते समय हमें उस जानकारी के स्रोत के बारे में भी बता देना चाहिए...

इतना कुछ आता रहता है ...गु्र्दे खराब है, कैंसर जैसा रोग है ..तो फलां फलां जगह पर फलां फलां नंबर पर फोन करिए... उसे मिलिए...शर्तिया इलाज है, कुछ कुछ सरकारी जानकारी भी कभी कभी मिल जाती है ...लेकिन मैं गूगल पर जा कर या उस मंत्रालय की वेबसाइट पर विज़िट करने के बाद पुष्टि होने के बाद ही उसे आगे किसी से शेयर करता हूं....अगर उस में कुछ शेयर करने लायक होता है तो ...

दरअसल हम जो कुछ भी वाट्सएप पर शेयर करते हैं...चाहे वह माल हमें पीछे से आया है या अपने दिमाग की ही उपज हो ..एक बार हमारे हाथ से वह निकल गया तो उस पर हमारी मोहर लग गई...और अगर वह बात गलत निकली तो हमारी विश्वसनीयता पर ही प्रश्न लग जाता है ...इसलिए वाट्सएप पर अपनी छवि इस तरह की बनाईए कि अगर आप कुछ शेयर कर रहे हैं तो आप के संपर्क में आने वाले लोगों को लगे कि यह बंदा यह बात शेयर कर रहा है तो ज़रूर सच ही होगी... He/she is a no-nonsense type of person!

अपनी बात की विश्वसनीयता के लिए एक अच्छा उपाय यह भी है कि आप जो भी शेयर कर रहे हैं उस के नीचे उस का स्रोत भी लगा दें...जैसा कि मैंने ऊपर भी लिखा है....आज मैं एक ग्रुप में रामवृक्ष के इतिहास के बारे में कुछ पढ़ने लगा....उस पढ़ते हुए लग रहा था कि अब यह बात ठीक है या गलत, इस का कौन फैसला करे....इसे आगे शेयर करने का तो प्रश्न ही नहीं उठता....लेकिन तभी देखा उस पोस्ट के अंत में उस वेबसाइट का लिंक था जहां से उसे लिया गया था...

तुरंत उस महानुभाव की प्रशंसा की ...उन की इस शेयरिंग की वजह से इतनी अहम् जानकारी हासिल हुई...यह आदत आप भी डाल लीजिए...किसी की वाजिब प्रशंसा करने से कुछ कम नहीं हो जाता ...जो दिल में हो कह डालिए.

मैं उस लिंक पर भी गया ...और उस का लिंक आप के लिए यहां भी लगा रहा हूं...इसे अवश्य पढ़िए...और अच्छे से मेरी तरह दो बार पढ़िए....हम राजनीति नहीं करते ..लेकिन खबरों की खबर तो ले ही सकते हैं...उस में तो कोई बुराई नहीं...

यह जो मैं स्रोत को quote करने की बात कह रहा हूं...(attribution) ..वह इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि हम लोग वाट्सएप पर जब भी कोई वाकया शेयर करते हैं उस समय हम लोग एक सिटिजन जर्नलिस्ट की भूमिका में हैं...

और सीधी सी बात ...बाकी बातों को दरकिनार भी कर दीजिए..तो भी अपनी विश्वसनीयता की खातिर केवल और केवल वही शेयर करें जिस के बारे में आपने पुष्टि कर ली हो.....वरना लोग आप को भी गंभीरता से लेना बंद कर देते हैं....

और एक सुझाव जाते जाते ..कईं बार ५०० शब्दों की जगह आप की टूटी फूटी टाइपिंग के माध्यम से कही दो पंक्तियां ज़्याद प्रभावशाली हो जाती हैं...और इस से अपनी बात को खुल कर कहना भी आने लगता है ....

रामवृक्ष के बारे में जानिए इस लिंक पर जाकर ....  जयगुरूदेव के साम्राज्य पर कब्जे को लेकर हुआ मथुरा में महाभारत     ....इस रिपोर्ट को पढ़ते हुए मैं यही सोच रहा था कि जो लोग इस तरह की रिपोर्ट तैयार करते हैं वे निःसंदेह बहुत निर्भीक होते हैं...वरना अखबारों से तो मुझे इस तरह की कोई सूचना इन दिनों में दिखी नहीं...सब की मजबूरियां हैं..चुनाव सिर पर खड़े हैं, और इस तरह का लफड़ा सत्ताधारी पार्टी कहां अफोर्ड कर सकती है!

पोस्ट का उद्देश्य केवल यही था कि किसी खबर को शेयर करते समय उस का सोर्स भी बता दिया करिए....यह बात मैंने दस -बारह साल पहले सीखी थी...आज ध्यान आया आप से साझा की जाए...it add to your credibility!