शायद ही आपने सुना हो कि महिलाओं को नियमित तौर पर यह पैप स्मियर टैस्ट -Pap Smear Test- करवाना अत्यंत आवश्यक है --- लेकिन मैंने आज तक कम ही देखा है कि महिलाएँ स्वयं किसी महिला-रोग विशेषज्ञ के पास इस टैस्ट के लिये गई हों--- और हमारे देश में तो महिलाओं के लिये यह टैस्ट करवाना और भी ज़रूरी है --- क्योंकि यहां पर गर्भाशय के कैंसर के बहुत केस पाये जाते हैं।
पैप स्मियर टैस्ट में होता क्या है ?- गर्भाशय के मुख ( cervix – the entrance to the uterus, located at the innere end of vagina) –से कुछ कोशिकायें ( cells) ले कर उन का निरीक्षण किया जाता है कि कहीं ये गर्भाशय के कैंसर से ग्रस्त तो नहीं हैं।
गर्भाशय का कैंसर जिस वॉयरस के कारण होता है उसे ह्यूमन पैपीलोमा वायरस ( human papillomavirus or HPV) कहा जाता है।
पैप स्मियर टैस्ट में इन कोशिकाओं को सूक्ष्मदर्शी उपकरण से देख कर यह पता लगाया जाता है कि कहीं ये कोशिकायें कैंसर से ग्रसित तो नहीं हैं, कहीं ये कैंसर की पूर्व-अवस्था में तो नहीं हैं !! आज कल तो पैप-स्मियर टैस्ट के अलावा HPV test के द्वारा यह भी ढूंढ निकालते हैं कि एचपीवी ( ह्यूमन पैपीलोमा वॉयरस) संक्रमण है या नहीं !!
वैसे तो जो महिलायें एचपीव्ही ( HPV) से बाधित है उन में से बहुत कम महिलाओं में गर्भाशय का कैंसर उत्पन्न होता है लेकिन एक बात तो निश्चित है कि ह्यूमन पैपीलोमा वॉयरस के संक्रमण की वजह से यह जोखिम बढ़ जाता है।
सभी महिलाओं को यह टैस्ट करवाना ज़रूरी है जिन की आयु 21 वर्ष या उस से ज़्यादा है --- इस से कम उम्र की उन महिलाओं को भी यह टैस्ट करवाना ज़रूरी है जो कि सैक्सुयली एक्टिव हैं।
और यह पैप स्मियर टैस्ट महिलाओं को एक से लेकर तीन साल के भीतर ( जैसी भी आप की स्त्री-रोग विशेषज्ञ सलाह दे) रिपीट करवाना चाहिये --- अगर कोशिकाओं में किसी तरह के बदलाव पाये जाते हैं तो यह टैस्ट इस से पहले भी रिपीट करवाना पड़ सकता है।
महिलाओं का यह टैस्ट तभी किया जाता है जब वे मासिक-धर्म के पीरियड में न हों, इस टैस्ट को करवाने के 24 घंटे पहले संभोग नहीं किया जाना चाहिये। और टैस्ट से पहले योनि में किसी तरह की क्रीम( vaginal creams) का इस्तेमाल वर्जित है।
इस टैस्ट में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती --- इसे समझने के लिये एक बात सुनिये – अगर मुझे मुंह के कैंसर की जांच के लिये इस तरह का ही स्मियर टैस्ट( ओरल स्मियर) करना होता है तो मैं एक स्पैचुला ( आप यह समझ लें कि एक तरह का ऐसा औज़ार जिस से जुबान को थोड़ा नीचे दबा कर गले का निरीक्षण किया जाता है – tongue depressor की तरह से दिखने वाला एक औज़ार ) --- इस्तेमाल करता हूं --- मुंह के अंदर गाल पर इसे थोड़ा घिसने के बाद जो कोशिकाएं प्राप्त होती हैं उन्हें सूक्ष्मदर्शी उपकरण ( microscope) की सहायता से चैक किया जाता है) --- बिल्कुल उसी तरह से जो स्त्री-रोग विशेषज्ञ यह टैस्ट कर रही हैं वह एक गोलाकार स्पैचुला ( rounded spatula) को आहिस्ता से गर्भाशय की बाहरी सतह पर आहिस्ता से घिसने के बाद एकत्रित हुई कोशिकाओं को लैब में माइक्रोस्कोप के द्वारा चैक किये जाने के लिये भेज देती हैं।
माइक्रोस्कोप के द्वारा चैक-अप द्वारा यह देखा जाता है कि कहीं इन कोशिकाओं में कोई असामान्य ( abnormal) कोशिका तो नहीं है , और अगर है तो फिर स्त्री-रोग विशेषज्ञ समुचित उपचार की सलाह दे देती हैं।
एक अंग्रेज़ी कहावत है ---- a stitch in time saves nine !!---अगर समय रहते किसी फटे कपड़े को एक टांका लगा दिया जाये तो भविष्य में लगने वाले नौ टांकों से बचा जा सकता है --- और यहां भी पैप-स्मियर टैस्ट के लिये भी यह बात बिलकुल उसी तरह से लागू होती है ।
वैसे तो अच्छे प्राइवेट हास्पीटल में महिलाओं के हैल्थ-चैक अप प्लान में यह टैस्ट सम्मिलित होता ही है ------लेकिन मुझे अच्छा तब लगेगा अगर आप महिलाओं में से किसी ने अभी तक इस टैस्ट के बारे में सुना नहीं है, करवाया नहीं है तो बिना किसी तरह की स्त्री-रोग संबंधी ( without any gynaecological problem) शिकायत के भी अपनी स्त्री-रोग विशेषज्ञ से नियमित तौर पर मिलें और इस टैस्ट को करवाने के बारे में चर्चा करें। यह बहुत ही ----बहुत ही ----बहुत ही ----- बहुत ही ----- ज़रूरी है ......ज़रूरी है ।
PS……..पुरूष पाठको, आप ने यह पोस्ट पढ़ी--- बहुत बहुत धन्यवाद। लेकिन अगर आप इसे अपनी श्रीमति जी को भी पढ़वायेंगे तो आभार होगा---- और अगर इस का एक प्रिंट-आउट लेकर उन्हें थमा देंगे तो मुझे बहुत खुशी होगी --- और उन्हें यह भी संदेश दें कि इस के बारे में अपनी सखी-सहेलियों से भी चर्चा करें।
यकायक ध्यान उस विज्ञापन की तरफ़ जा रहा है ---- जो सचमुच बीवी से करते प्यार, हॉकिंग्ज़ से कैसे करें इंकार ---- तो सुविधा के लिये हॉकिंग्ज़ की जगह पैप-स्मियर लगा दें, तो कैसा रहेगा !!
पैप स्मियर टैस्ट में होता क्या है ?- गर्भाशय के मुख ( cervix – the entrance to the uterus, located at the innere end of vagina) –से कुछ कोशिकायें ( cells) ले कर उन का निरीक्षण किया जाता है कि कहीं ये गर्भाशय के कैंसर से ग्रस्त तो नहीं हैं।
गर्भाशय का कैंसर जिस वॉयरस के कारण होता है उसे ह्यूमन पैपीलोमा वायरस ( human papillomavirus or HPV) कहा जाता है।
पैप स्मियर टैस्ट में इन कोशिकाओं को सूक्ष्मदर्शी उपकरण से देख कर यह पता लगाया जाता है कि कहीं ये कोशिकायें कैंसर से ग्रसित तो नहीं हैं, कहीं ये कैंसर की पूर्व-अवस्था में तो नहीं हैं !! आज कल तो पैप-स्मियर टैस्ट के अलावा HPV test के द्वारा यह भी ढूंढ निकालते हैं कि एचपीवी ( ह्यूमन पैपीलोमा वॉयरस) संक्रमण है या नहीं !!
वैसे तो जो महिलायें एचपीव्ही ( HPV) से बाधित है उन में से बहुत कम महिलाओं में गर्भाशय का कैंसर उत्पन्न होता है लेकिन एक बात तो निश्चित है कि ह्यूमन पैपीलोमा वॉयरस के संक्रमण की वजह से यह जोखिम बढ़ जाता है।
सभी महिलाओं को यह टैस्ट करवाना ज़रूरी है जिन की आयु 21 वर्ष या उस से ज़्यादा है --- इस से कम उम्र की उन महिलाओं को भी यह टैस्ट करवाना ज़रूरी है जो कि सैक्सुयली एक्टिव हैं।
और यह पैप स्मियर टैस्ट महिलाओं को एक से लेकर तीन साल के भीतर ( जैसी भी आप की स्त्री-रोग विशेषज्ञ सलाह दे) रिपीट करवाना चाहिये --- अगर कोशिकाओं में किसी तरह के बदलाव पाये जाते हैं तो यह टैस्ट इस से पहले भी रिपीट करवाना पड़ सकता है।
महिलाओं का यह टैस्ट तभी किया जाता है जब वे मासिक-धर्म के पीरियड में न हों, इस टैस्ट को करवाने के 24 घंटे पहले संभोग नहीं किया जाना चाहिये। और टैस्ट से पहले योनि में किसी तरह की क्रीम( vaginal creams) का इस्तेमाल वर्जित है।
इस टैस्ट में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती --- इसे समझने के लिये एक बात सुनिये – अगर मुझे मुंह के कैंसर की जांच के लिये इस तरह का ही स्मियर टैस्ट( ओरल स्मियर) करना होता है तो मैं एक स्पैचुला ( आप यह समझ लें कि एक तरह का ऐसा औज़ार जिस से जुबान को थोड़ा नीचे दबा कर गले का निरीक्षण किया जाता है – tongue depressor की तरह से दिखने वाला एक औज़ार ) --- इस्तेमाल करता हूं --- मुंह के अंदर गाल पर इसे थोड़ा घिसने के बाद जो कोशिकाएं प्राप्त होती हैं उन्हें सूक्ष्मदर्शी उपकरण ( microscope) की सहायता से चैक किया जाता है) --- बिल्कुल उसी तरह से जो स्त्री-रोग विशेषज्ञ यह टैस्ट कर रही हैं वह एक गोलाकार स्पैचुला ( rounded spatula) को आहिस्ता से गर्भाशय की बाहरी सतह पर आहिस्ता से घिसने के बाद एकत्रित हुई कोशिकाओं को लैब में माइक्रोस्कोप के द्वारा चैक किये जाने के लिये भेज देती हैं।
माइक्रोस्कोप के द्वारा चैक-अप द्वारा यह देखा जाता है कि कहीं इन कोशिकाओं में कोई असामान्य ( abnormal) कोशिका तो नहीं है , और अगर है तो फिर स्त्री-रोग विशेषज्ञ समुचित उपचार की सलाह दे देती हैं।
एक अंग्रेज़ी कहावत है ---- a stitch in time saves nine !!---अगर समय रहते किसी फटे कपड़े को एक टांका लगा दिया जाये तो भविष्य में लगने वाले नौ टांकों से बचा जा सकता है --- और यहां भी पैप-स्मियर टैस्ट के लिये भी यह बात बिलकुल उसी तरह से लागू होती है ।
वैसे तो अच्छे प्राइवेट हास्पीटल में महिलाओं के हैल्थ-चैक अप प्लान में यह टैस्ट सम्मिलित होता ही है ------लेकिन मुझे अच्छा तब लगेगा अगर आप महिलाओं में से किसी ने अभी तक इस टैस्ट के बारे में सुना नहीं है, करवाया नहीं है तो बिना किसी तरह की स्त्री-रोग संबंधी ( without any gynaecological problem) शिकायत के भी अपनी स्त्री-रोग विशेषज्ञ से नियमित तौर पर मिलें और इस टैस्ट को करवाने के बारे में चर्चा करें। यह बहुत ही ----बहुत ही ----बहुत ही ----- बहुत ही ----- ज़रूरी है ......ज़रूरी है ।
PS……..पुरूष पाठको, आप ने यह पोस्ट पढ़ी--- बहुत बहुत धन्यवाद। लेकिन अगर आप इसे अपनी श्रीमति जी को भी पढ़वायेंगे तो आभार होगा---- और अगर इस का एक प्रिंट-आउट लेकर उन्हें थमा देंगे तो मुझे बहुत खुशी होगी --- और उन्हें यह भी संदेश दें कि इस के बारे में अपनी सखी-सहेलियों से भी चर्चा करें।
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