मुझे ऐसा लगता है कि यह सवाल बड़ा अहम है ...कि हमें कितना पानी पीना चाहिए और कब पीना चाहिए...इस के बारे में बिन मांगी सलाह देने वालों का तांता लगा हुआ है ... इतने लोग आप को इस सवाल का जवाब अपने अपने तरीके से देने वाले मिल जाएंगे कि सिर ही भारी हो जाए!
मुझे याद है कि कुछ साल पहले मेरे पास एक बुज़ुर्ग आए थे ओपीडी में ...और सलाह देने लगे कि सुबह उठते ही दस पंद्रह गिलास पानी पीने चाहिए..मुझे अजीब सी बात लगी ...मैंने कहा कि इतना पानी कोई पी भी सकता है सुबह सुबह ...कहने लगे कि मैं तो पीता हूं ..इसे हाइड्रोथैरेपी कहते हैं... और मैं एक दम फिट रहता हूं...जिस बात के बारे में मुझे वैज्ञानिक तर्क नहीं मिल पाता उसे मैं एक कान से डाल कर दूसरे से निकाल दिया करता हूं...
और मजेदार बात यह होती है कि इस तरह के सलाह-मशविरे देने वाले लोगों को मैडीकल साईंस की ABC भी नहीं पता होती ...इसीलिए जब भी मुझे कोई मैसेज किसी विशेषज्ञ से मिलता है तो अकसर मैं समझ जाता हूं कि इस बात पर उस विशेषज्ञ की मोहर लगी हुई है ...
अभी बैठा हुआ था तो अपने एक पुराने ज़माने के स्कूल से दिनों से साथी डा चावला का एक वाट्सएप मैसेज आया ...जिसे मैंने यहां अपलोड किया है ... यू-ट्यूब के ज़रिये यहां लगाना चाहा तो अपलोड नहीं हुआ... मैंने ऐसे ही यू-ट्यूब पर हिंदी में यह लिख कर सर्च किया कि हमें कितना पानी पीना चाहिए और कब पीना चाहिए....बस, फिर क्या था, लाइन लग गई वीडियोज़ की .. कोई बाबा, कोई एक्सिविस्ट, कोई फलाना कोई ढिमका ... मैंने तो एक ही खोली और यू-ट्यूब बंद कर के डा चावला से मिली वीडियो पर ही फोकस करने लगा ...
मैं चाहता हूं कि आप यह जानकारी अच्छे से देखें और इस पर अमल भी करें ...
दरअसल इस तरह की पोस्टें शेयर करने के पीछे मेरा स्वार्थ भी छिपा होता है ...मैंने कहीं पढ़ा था और बहुत बार सुना भी है कि सीखने का सब से बढ़िया तरीका यह भी है कि आप पढ़ाना शुरू कर दीजिए...खैर, मैंने तो क्या पढ़ाना है, इस का मतलब आप यह ले लें कि जो बात या जो इल्म आप तक पहुंचा है आप उसे आगे बांटना शुरू कर दें ..क्योंकि जितनी बार आप उसे आगे भेजते हैं ..उतनी बार वही बात आप अपने आप से भी कह रहे होते हैं ...किसी भी बात पर अमल करने के लिए यह बड़ा ज़रूरी है ..
जब मैं यह वीडियो देख रहा था तो बीच में मैंने एक स्क्रीन-शॉट लिया जो जानकारी मुझे बड़ी सटीक लगी ...आप से भी शेयर करता हूं अभी ...
लेकिन लगता है यह स्क्रीन-शॉट ज़्यादा क्लियर नहीं है ...चलिए, पैन से लिख कर आप से शेयर करते हैं....क्योंकि यह जानकारी काफी अहम है याद रखने के लिए...आप के लिए भी और मेरे लिए भी ...
ज़्यादा गर्मी होने पर, एक्सरसाईज़ करते वक्त पानी की डिमांड बढ़ना नेचुरल है |
बातें हम लोग जानते हैं ...शायद ज़रूरत से ज़्यादा जानते हैं लेकिन इस्तेमाल नहीं करते, कर नहीं पाते या इस्तेमाल कर पाने की तमन्ना ही नहीं होती ... इसीलिए बार बार कुछ अच्छी बातों को दोहराया जाना ज़रूरी होता है ...
मैं भी इस हिसाब से दिन भर की ज़रूरत का लगभग आधा या उससे थोड़ा ज्यादा ही पानी पीता हूं ....गलत बात है ...सुधर जाना ज़रूरी है ...यह जो सुबह उठते ही दो गिलास पानी पीने वाली बात है ..यह मुझे जब याद आ जाती है तो मैं ज़रूर पी लेता हूं ...फिर एक दो महीने की छुट्टी ...हां, खाने से बाद ३०-४० मिनट बाद ही पानी पीता हूं जैसा कि इस वीडियो में बताया गया है ..लेकिन खाना खाने से ४० मिनट एक गिलास पानी पीने वाली बात को नज़रअंदाज़ करता हूं...
शायद आप भी मेरी तरह पानी तभी पीते हैं जब प्यास लगती है लेकिन मैडीकल विशेषज्ञ यही कहते हैं कि जब आप को प्यास लगती है तो इस का मतलब है कि आप के शरीर में पानी की कमी होने लगी है (डीहाईड्रेशन) ...इसीलिए यह नौबत आने ही नहीं देनी चाहिए....
आज से आप भी पानी पीने के बारे में सचेत रहिए...मैं भी कोशिश करूंगा .. अभी लिखते लिखते ही मुझे ध्यान आया शाम के समय पानी पीने वाली बात का तो मैंने अभी एक गिलास पानी पिया ...
और हां, बच्चों को भी छुपटन से ही ये आदतें डाल दीजिए...क्योंकि बचपन की आदतें ही आगे चल कर पक्की होती हैं....कईं लोगों से सुनता हूं कि गुनगुना पानी पीना चाहिए सर्दी में ...लेकिन वह मेरे से बिल्कुल नहीं पिया जाता ... इतना अजीब लगता है कि क्या बताएं! और बचपन से ही आदत है कि खांसी-जुकाम होने पर बस नमक वाले पानी से गरारे करने हैं, मुलैठी चूसनी है ...बेसन का सीरा पीना है ....बस, यही परफैक्ट इलाज समझता हूं आज तक ...कभी भी ऐंटीबॉयोटिक लेने की इच्छा ही नहीं हुई खांसी जुकाम के लिए ....अगर कभी शुरू भी कर दिया तो महज़ एक ही खुराक के बाद छोड़ दिया ....क्योंकि गरारे और मुलैठी से ही ठीक लगता है ....वही बात है, बहुत सी आदतें बचपन से ही पड़ जाती हैं...
तो ठीक है, दोस्तो, आज से हम सब अपनी पानी पीने की आदतों को देखेंगे .... सुधारेंगे ...और पानी पीने के लिए प्यास लगने का इंतज़ार नहीं करेंगे ...यह बहुत ज़रूरी है .. और हां, ज़रूरत से बहुत ज़्यादा पानी पीने के क्या नुकसान हैं....वह भी आपने वीडियो में देख ही लिए...इस से गुर्दे साफ़ नहीं होते, उन पर लोड पड़ता है ...और हां, कुछ शारीरिक व्याधियां ऐसी होती हैं जिन में डाक्टर लोग स्वयं मरीज़ को कम पानी पीने के लिए कहते हैं ..विशेषकर कुछ गुर्दे की बीमारियों में ...
बस अपना ध्यान रखिए ...और इन बातों को याद रखिए ..
एक बाबा है जो अकसर टीवी पर दिख जाता है ...उसे अचानक गुलाब जामुन दिखने लगते हैं, हलवा दिखने लगता है...खीर दिखने लगती है ..बस, मुझे भी पानी पर लिखते लिखते मोहम्मद रफी साहब का यह सुपरहिट पंजाबी गीत याद आ रहा है ...जिसे २०-२५ साल की उम्र तक शायद सैंकड़ों-हज़ारों बार आल इंडिया रेडियो जालंधर से सुन चुका हूं...
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