कईं बार बच्चों में एक्स्ट्रा दांत आ जाते हैं। आप इस 12 वर्ष की बच्ची के ऊपर वाले दांतों की तस्वीर में देख रहे हैं कि उस के ऊपर के सामने वाले दांतों ( इंसाईज़र्ज़) के पीछे एक प्वाईंटेड सा दांत दिख रहा है ।
ये एक्स्ट्रा दांत मुंह के दो-तीन एरिया में अकसर उग आते हैं --- जब इस तरह के दांत ऊपर वाले आगे के दांतों के बीच में उग आते हैं तो इन्हें मिज़ियोडैंस ( mesiodens) कहा जाता है और जब ये ऊपरी की अकल दाढ़ के पीछे या उस की साइड में आ धमकते हैं तो इन्हें पैरामोलर्ज़ ( Paramolars, Supernumerary molars) कह देते हैं। एक एरिया है नीचे के जबड़े का प्री-मोलर एरिया ( दाढ़ों से पहले जो दो छोटी दाढ़ें होती हैं उन्हें प्री-मोलर्ज़ कहा जाता है) जिस में भी यह एक्स्ट्रा कभी दिख जाते हैं।
इन के बारे में थोड़ी विस्तार से बात करते हैं। जो एक्स्ट्रा दांत ऊपर वाले जबड़े के आगे के दांतों के बीचों बीच उग आते हैं उन्हें तो जितनी जल्दी हो उखड़वा लेना चाहिये। डैंटिस्ट को पता रहता है कि कौन सा दांत एक्स्ट्रा है , इसलिये इस के बारे में आप आश्वस्त रहें। ऊपर के जबड़े में आगे के दांतों के बीचो बीच उग आये एक्स्ट्रा दांत को इसलिये उखड़वाना ज़रूरी होता है क्योंकि एक तो यह इस जगह में पड़ा होने की वजह से देखने में बहुत बुरा सा दिखता है और शायद उस से भी बड़ा कारण उस को उखड़वाने का यह होता है कि अगर यह इस जगह पर जम जाता है तो यह दूसरे दांतों की एलाईनमैंट को खराब कर देता है। जब दांतों के मुंह में उगने के लिये जगह ही पूरी न पडेगी तो वे कहीं भी इधर उधर निकलने लगते हैं। इसलिये भी इस तरह के एक्स्ट्रा दांतों को जैसे ही ये उगे दंत-चिकित्सक के परामर्श अनुसार उखड़वा लेना चाहिये।
12 वर्ष की बच्ची में आप देख रहे हैं कि यह दांत ऊपर के आगे के दांतों के बीचों-बीच न आकर अंदर तालू पर निकल आया है । अब इस का क्या करें ? इस दांत को निकले तो दो-तीन साल हो चुके हैं लेकिन यह बच्ची अपने मां-बाप के साथ मेरे पास कुछ दिन पहले आई थी ---जिसे मैंने इस दांत को उखड़वाने की सलाह दी थी --- क्योंकि इस दांत की वजह से अब उसे बोलने में तकलीफ़ आने लगी है और उसे अजीब सा लगने लगा है। ये तो थे उस बच्ची या उस के मां-बाप के बताये कारण ----लेकिन डैंटिस्ट का इसे उखडवाने की सलाह देने का एक कारण यह भी होता है कि अगर यह एक्स्ट्रा दांत यूं ही मुंह में टिका रहेगा तो इस से आसपास के बाकी नार्मल दांतों की साफ़ सफ़ाई ठीक ढंग से नहीं हो पाती जिस की वजह से उन दांतों में तरह तरह की बीमारियां ---दंत क्षय एवं मसूड़ों की सूजन--- होने की संभावना बढ़ जाती हैं।
सो, आज इस बच्ची का भी दांत निकाल ही दिया गया ---इस की तस्वीर आप यहां देख रहे हैं।
और इस तरह के एक्स्ट्रा दांत जब ये ऊपर वाली दाढ़ के पीछे या साइड में उग आती हैं तो भी इन के वहां पड़े होने की वजह से इन की एवं इन के साथ पड़े सामान्य दांतों की सफ़ाई ढंग से न हो पाने की वजह से दंत-क्षय होने के चांस बहुत ज़्यादा बढ़ जाते हैं जिस की वजह से कई बार इस एक्स्ट्रा दांत के साथ साथ इस के साथ पड़ी अकल की दाढ़ को भी उखड़वाना पड़ता है।
तो इस सारी स्टोरी से यही शिक्षा मिलती है कि जब भी मुंह में एक्स्ट्रा दांत दिखें तो अपने दंत-चिकित्सक से मिल कर उस की सलाह अनुसार अकसर इन्हें उखडवा लेने में ही समझदारी है । अगर इस तरह के दांत को न उखड़वाने का कोई विशेष कारण होगा तो वह आप का डैंटिस्ट आप को बता ही देगा।
ज्ञानवर्धक पोस्ट. आभार.
जवाब देंहटाएंपुरानी पोस्ट की तरह ही यह भी जानकारी से परीपूर्ण है ।
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