मंगलवार, 10 फ़रवरी 2015

हेल्दी स्नेक्स (स्वास्थ्यवर्धक अल्पाहार) के भी विक्लप तो हैं...

एक बात तो आप ने भी नोटिस की होगी कि आजकल स्नेक्स (अल्पाहार) के नाम पर हम लोग सेहत खराब करने वाले अल्पाहार ही इस्तेमाल कर रहे हैं। जहां पर भी आप नज़र दौडाएंगे बस जंक-फूड ही बिकता पाएंगे।

अल्पाहार ही क्यों, आज कल प्रोसेसेड फूड के अंधाधुंध इस्तेमाल से भी सेहत खराब की जा रही है.. आज कल लखनऊ में अवधी महोत्सव चल रहा है। कल उधर जाने का अवसर मिला। वहां देखा कि पहले जो कंपनियां रसगुल्ला, डोसा, वड़ा आदि के रेडीमेड मिक्सचर (पावडर) बेचा करती थीं, अब वे रेडी-टू-इट सब्जियां, दालें आदि भी पाउच में बेचती हैं। ये ६०से लेकर ८० रूपये में पाउच बिकते हैं..इन्हें बस गर्म पानी में कुछ समय के लिए डुबोना होता है और फिर पाउच खोल कर उसे इस्तेमाल कर लिया जाता है।

मैंने भी एक बार ट्राई किया था...बिल्कुल बेकार सा ... नमक से लैस.....होता ही यही है कि इस तरह के प्रोसैसेड फूड्स को तरह तरह के प्रिज़र्वेटिव डाल कर, बहुत ज़्यादा मात्रा में नमक डाल कर इतने लंबे समय के लिए--महीनों तक-- खाने के योग्य बनाए रखा जाता है। लेकिन ये स्वास्थ्य की दृष्टि से खाने के बहुत घटिया विकल्प हैं। अगर आप कभी शौक के तौर पर साल-छः महीने में एक बार यूज़ कर रहे हैं तो ठीक है, लेकिन इन का नियमित प्रयोग सेहत पर बहुत बुरा असर डालता है। बाकी, कंपनियों की बातें हैं...उन्होंने अपना सामान बेचना है।

अभी कुछ आगे ही चले थे कि एक स्टाल पर जयपुर का कोई व्यवसायी तरह तरह के भुजिया आदि बेच रहा था। तरह तरह भुजिया...जो आप इन तस्वीरों में देख रहे हैं....

चावली (सफेद रोंगी, सफेद लोबिया) भुनी हुई (हमें लग रहा है ये फ्राइड है) 

रोस्टेड जवार और सिका हुआ बाजरा (खाने में बढ़िया स्वाद था) 
मोठ जोर और मूंग जोर  
सोयाबीन भुना हुआ (रोस्टेड) 
मजे की बात है कि वह कह तो रहा था कि इन में से अधिकतर रोस्टेड हैं...यानि केवल सिके हुए हैं... ऐसा वह दुकानदार कह रहा था लेकिन हमें लग रहा था कि ये थोड़े बहुत फ्राईड हैं, और थोड़ा घी-तेल तो इस्तेमाल होता ही होगा इन के बनाने में, ऐसा हमें लगा।

इन सब का स्वाद बहुत बढिया था, चार-पांच तरह के खरीद भी लिए। लेकिन यही लगा कि हेल्दी कहने को तो हैं लेकिन अगर घी ही इस्तेमाल किया जाता है तो फिर काहे के हेल्दी।

यह है एयर-फ्रॉयर ...

लेकिन चंद मिनटों बाद ही हमें लगा कि हमारी परेशानी का समाधान मिल गया। एक स्टाल पर हैदराबाद की किसी कंपनी का कोई सेल्समेन एक एयर-फ्रॉयर बेच रहा था... कीमत १७-१८०० के आसपास... डेमो दे रहा था और जो कुछ भी वो तैयार कर रहा था, बड़ा इम्प्रेसिव सा लग रहा था..... जब उससे हमने पूछा कि दूसरी कंपनियों के एयर-फ्रॉयर तो दस-ग्यारह हज़ार के बिक रहे हैं तो यह कैसे इतने में?..कह रहा था कि इस में बस समोसे नहीं बन सकते।


हमें यह एयरफ्रायर अच्छा लगा ..लेकिन उस के पास नहीं था रेडी-स्टॉक में......एक दो दिन में जा कर ले आएंगे..
मुझे बहुत अच्छा कंसेप्ट लगा कि हम कुछ भी हेल्दी स्नेक्स केवल सेंक कर ही बना सकते हैं.....क्या पड़ा है तेल-घी में, वैसे ही अकसर हम लोग ओव्हरईटिंग करते रहते हैं।


कैसा लगा यह हेल्दी स्नेक्स का आइडिया......
वैसे अभी तो आप इस चना-जोर गर्म से ही काम चला लीजिए...

2 टिप्‍पणियां:

  1. पुराने स्वादों में से....... ये एक नये रूप में .....छोले फुलियाँ ..मरुंडा ,मक्की दे दाने वगेरह ,,,,,,चंगा लगया .वाह .शुक्रिया |खुश रहो |

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    1. धन्यवाद, सलूजा जी.... इसी बहाने आपने भी गुज़रा ज़माना याद किया...अच्छा लगा।

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