अभी न्यूज़ देख रहा था …खबर आ रही है कि बलात्कार के कथित दोषी का पोटैंसी टेस्ट किया जायेगा। इस तरह के टेस्ट के बारे में जनता के बारे में कईं प्रश्न होंगे। डीएनए टैस्ट आदि के बारे में तो आपने एक वयोवृद्ध राजनीतिज्ञ के केस में खूब सुना.. एक युवक ने जब यह क्लेम किया कि वह राजनीतिज्ञ उस का पिता है… खूब ड्रामेबाजी हुई … बहुत बार .. शायद कितने वर्ष तो उस नेता का ब्लड-सैंपल लेने में ही लग गये थे, कितनी बार कोर्ट ने आदेश दिया तब कहीं जा कर उस का सैंपल लिया जा सका। आगे की कहानी आप जानते ही हैं…….
आज जब टीवी पर देखा कि एक अन्य वयोवृद्ध जिस के ऊपर बलात्कार का आरोप लग रहा है, इस का पुलिस के द्वारा पोटैंसी टेस्ट करवाया जायेगा।
इस संक्षेप सी पोस्ट के माध्यम से मैं इस पोटैंसी टेस्ट के बारे में बताना चाहूंगा क्योंकि इस केस में शायद गूगल अंकल भी कम ही मदद कर पाएगा। आप स्वयं सर्च कर के देखिए ..अगर आप इंगलिश में मेल पोटैंसी टेस्ट लिखेंगे तो आप भी उस में दिये गए लिंक्स पर जा कर शायद यही समझने लगेंगे कि पोटैंसी का मतलब है कि उस व्यक्ति में कितने शुक्राणु हैं या फिर उन की गुणवत्ता कैसी है, लेकिन यह पोटैंसी टेस्ट नहीं है, इसे फरटिलिटी टैस्ट कहते हैं जिस के द्वारा यह पता चल पाता है कि टैस्ट करवाने वाले व्यक्ति के स्पर्मस् की संख्या और गुणवत्ता आदि कैसी है ..क्या इस के वीर्य से किसी शिशु का जन्म हो सकता है?
लेकिन पोटैंसी टेस्ट यह नहीं है, वह अलग है.. इम्पोटैंट शब्द तो आपने बहुत बार सुना ही होगा अर्थात् कोई बंदा जो संभोग न कर सके …देसी शब्दों में कहें तो जिस व्यक्ति को इरैक्शन होने में या इरैक्शन को सस्टेन करने में दिक्कत हो एवं इस से संबंधित अन्य कुछ बातें…. इसलिए पोटैंसी टेस्ट के माध्यम से इस बात का पता लगाया जाता है कि क्या यह व्यक्ति किसी के साथ संभोग करने के योग्य भी है या नहीं?
मैं विकिपीडिया का एक लिंक यहां दे रहा हूं (इस पर क्लिक करें) जिस में आप को पत चल जायेगा कि यह पोटैंसी टेस्ट किस तरह से होता है ….. विभिन्न प्रकार के टैस्ट हैं और जब केस किसी हाई-प्रोफाइल का हो तो पुलिस भी कोई चांस लेना नहीं चाहती।
हां, ध्यान आया अभी कुछ हफ्ते पहले ही की तो बात है जब मध्य प्रदेश के एक मंत्री द्वारा उस के नौकर के यौन उत्पीड़न के मामले में भी इस पोटैंसी टेस्ट करवाने की बात मीडिया में खूब चर्चा में रही थी।
ठीक है, with profound regards and sympathies to the person who have some problem with their erection, with all humility … मैं यही कहना चाहता हूं कि कईं बार ऐसे केस मीडिया में दिखते ही हैं जिन के बारे में एक प्रश्न सा मन में उठ ही जाता है कि क्या यह बंदा संभोग करने के काबिल होगा………लेकिन एक बात तो है कि अगर कोई भी व्यक्ति संभोग के काबिल नहीं भी है, आरोप लगाने वाली किसी महिला से इंटरकोर्स न भी कर पाया तो फिर अगर कोई युवती इस तरह का आरोप लगाती है ….मैं यही सोच कर स्तब्ध हूं कि अगर कल को किसी आरोपी का पोटैंसी टैस्ट निगेटिव आ जाए (मान लीजिए) लेकिन अगर वह बंदा किसी नाबालिग बच्ची के साथ एक डेढ़-घंटा अपने ही ढंग से हवस ठंडी करता रहा हो तो क्या यह रेप नहीं है, यह एक बड़ा प्रश्न तो है ही………..जब उस निर्भया कांड के बारे एक सख्त कानून की ज़रूरत की बात चली थी तो इस तरह की चर्चा भी चली तो थी …क्या मेल पैनीट्रेशन को ही बलात्कार माना जाना चाहिए. पता नहीं फिर फाईनली क्या निर्णय लिया गया होगा, लेकिन यह सब कुछ कितना अजीब लगता है ना … कुछ तो नॉन-पैनीट्रेशन की आड़ में बच जाएं और कुछ इस चक्कर में कि अभी वे तो बच्चे हैं, वे तो १८साल के कम हैं, इसलिए उन के साथ नर्मा बरती जाए…………..धत तेरे की, बच्चे काहे के बच्चे, कमबख्त शैतान की औलाद किसी युवती का शील भंग कर दें लेकिन फिर भी बच्चे … तो इन सालों को घर में ही जंज़ीर से बांध कर रखो……….
कानूनी मामले बहुत ही पेचीदा हैं ना.. हम शायद ही कल्पना भी कर पाते होंगे कि जो युवतियां एवं महिलाएं किसी की भी दरिंदगी का शिकार होती हैं, उन पर सारी उम्र क्या बीतती होगी।.