अभी अभी अखबार खोली तो देख कर पता चला कि दिल्ली के पास ही लोनी नामक जगह में एक नसबंदी कॉलोनी है जिस में बच्चों का तांता लगा हुआ है। बात पचती नहीं है ना, लेकिन हुआ यूं कि 1986 में डिस्ट्रिक्ट कलैक्टर ने एक स्कीम चलाई कि नसबंदी करवाओ और 50गज का एक घर पाओ। इसी दौर में 5000 लोगों ने नसबंदी तो करवा ली।
रिज़्लट तो इस नसबंदी का यह होना चाहिए था कि वह नसबंदी कॉलोनी का एरिया एक बिल्कुल शांत सा एरिया बन जाना चाहिए था .... लेकिन इस के विपरीत वहां तो कहते हैं बच्चों का तांता लगा रहता है... नंगे-धड़ंगे बच्चे कॉलोनी की गंदगी में खेलते कूदते जैसे कि इस स्कीम शुरु करने वालों को मुंह चिड़ा रहे हों।
कहते हैं कि जिन लोगों को यह घर मिले नसबंदी करवाने के बाद ...उन में से तो कुछ तो इन को बेच कर पतली गली से निकल गये...लेकिन जो अधिकांश लोग इस मुस्लिम बहुल कॉलोनी में हैं, उन में से अधिकतर ने इस स्कीम के तहत् अपनी बीवी की नसबंदी करवा दी और स्वयं फिर से शादी कर ली ...और एक बार फिर से यह सिलसिला चल निकला।
नसबंदी कॉलोनी ---नाम ही में कुछ गड़बड़ सी लगती है ... ऐसे नाम नहीं रखने चाहिए... किसी को कोई अपना पता क्या बताए ? – हो न हो, ऐसी कॉलोनी में रहना ही एक उपहास का कारण बन सकता है। नसबंदी कॉलोनी और एमरजैंसी के दौरान नसंबदी कार्यक्रम के दौरान नसबंदी के किस्से सुनते सुनते एक और किस्से का ध्यान आ गया .... हमारा एक सहकर्मी बता रहा था कि उसे दस नसबंदी करवाने को लक्ष्य दिया गया ... यानि कि उस ने दस लोगों (पुरूष अथवा महिला) को नसबंदी के लिये प्रेरित करना था एक वर्ष में --- कह रहा था कि वह यह टारगेट पूरा नहीं कर पाया और उस के बॉस ने उस की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में यह दर्ज कर दिया कि यह परिवार कल्याण कार्य में रूचि ही नहीं लेता.... उस चिकित्सक को जब रिपोर्ट मिली तो उस ने प्रशासन को इस के विरूद्ध अपील की और निर्णय उस के हक में हो गया और बता रहा था कि बॉस की वह टिप्पणी उस की ए.सी.आर से हटा दी गई।
हैरानगी यह है कि मैं दिल्ली को अच्छी तरह से जानता हूं ... आज से बीस साल पहले बसों में भी खूब घूमा हूं लेकिन किसी बस पर यह लिखा नहीं पड़ा ... नसबंदी कॉलोनी..........चलो, जो भी है, लेकिन इस कालोनी में दुनिया के आगे कम से कम एक उदाहरण तो पेश की किस तरह के परिवार नियोजन कार्यक्रम फेल हो जाते है।
Source : 'Vasectomy Colony' faces population explosion (Times of India, July25' 2011)
रिज़्लट तो इस नसबंदी का यह होना चाहिए था कि वह नसबंदी कॉलोनी का एरिया एक बिल्कुल शांत सा एरिया बन जाना चाहिए था .... लेकिन इस के विपरीत वहां तो कहते हैं बच्चों का तांता लगा रहता है... नंगे-धड़ंगे बच्चे कॉलोनी की गंदगी में खेलते कूदते जैसे कि इस स्कीम शुरु करने वालों को मुंह चिड़ा रहे हों।
कहते हैं कि जिन लोगों को यह घर मिले नसबंदी करवाने के बाद ...उन में से तो कुछ तो इन को बेच कर पतली गली से निकल गये...लेकिन जो अधिकांश लोग इस मुस्लिम बहुल कॉलोनी में हैं, उन में से अधिकतर ने इस स्कीम के तहत् अपनी बीवी की नसबंदी करवा दी और स्वयं फिर से शादी कर ली ...और एक बार फिर से यह सिलसिला चल निकला।
नसबंदी कॉलोनी ---नाम ही में कुछ गड़बड़ सी लगती है ... ऐसे नाम नहीं रखने चाहिए... किसी को कोई अपना पता क्या बताए ? – हो न हो, ऐसी कॉलोनी में रहना ही एक उपहास का कारण बन सकता है। नसबंदी कॉलोनी और एमरजैंसी के दौरान नसंबदी कार्यक्रम के दौरान नसबंदी के किस्से सुनते सुनते एक और किस्से का ध्यान आ गया .... हमारा एक सहकर्मी बता रहा था कि उसे दस नसबंदी करवाने को लक्ष्य दिया गया ... यानि कि उस ने दस लोगों (पुरूष अथवा महिला) को नसबंदी के लिये प्रेरित करना था एक वर्ष में --- कह रहा था कि वह यह टारगेट पूरा नहीं कर पाया और उस के बॉस ने उस की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में यह दर्ज कर दिया कि यह परिवार कल्याण कार्य में रूचि ही नहीं लेता.... उस चिकित्सक को जब रिपोर्ट मिली तो उस ने प्रशासन को इस के विरूद्ध अपील की और निर्णय उस के हक में हो गया और बता रहा था कि बॉस की वह टिप्पणी उस की ए.सी.आर से हटा दी गई।
हैरानगी यह है कि मैं दिल्ली को अच्छी तरह से जानता हूं ... आज से बीस साल पहले बसों में भी खूब घूमा हूं लेकिन किसी बस पर यह लिखा नहीं पड़ा ... नसबंदी कॉलोनी..........चलो, जो भी है, लेकिन इस कालोनी में दुनिया के आगे कम से कम एक उदाहरण तो पेश की किस तरह के परिवार नियोजन कार्यक्रम फेल हो जाते है।
Source : 'Vasectomy Colony' faces population explosion (Times of India, July25' 2011)
रुचिकर जानकारी, कैसे-कैसे नाम पड़ जाते हैं।
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