शुक्रवार, 15 अगस्त 2014

मोटापे से बढ़ जाता है दस तरह के कैंसर होने का रिस्क

यह तो अब लोग जान ही गये हैं कि मोटापे से अन्य तकलीफ़ों --जैसे कि मधुमेह (शक्कर रोग, शूगर), हाई-बल्ड प्रैशर (उचित रक्त चाप), जोड़ों की तकलीफ़ और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

एक वैज्ञानिक स्टडी जो कि ५० लाख लोगों पर की गईं, अब उस से भी यही निष्कर्ष निकला है कि मोटापे का मतलब कि कैंसर होने का ज़्यादा रिस्क.......इस की विस्तृत जानकारी आप इस लिंक से पा सकते हैं...... Being overweight or obese linked to 10 common cancers.

चलिए, थोड़ी सी बात करते हैं मोटापे को कंट्रोल करने की। वैसे तो मैं इस के लिए बात करने के लिए कोई ज़्यादा बढ़िया रोल-माडल नहीं हूं ..क्योंकि मेरा अपना वज़न भी मेरे आदर्श वजन से १०-१५ किलो ज्यादा ही है......कल ही करवाया है यह ९२ किलो आया है।

लेकिन फिर भी जब मैं अपने खाने पीने पर कंट्रोल करता हूं तो एक-दो महीने में ही दो एक किलो वजन कम हो जाता है, लेकिन बहुत बार मैं उस रूटीन पर टिक नहीं पाता......

चलिए जिन बातों को मैंने वजन को कंट्रोल करने के लिए बहुत लाभदायक पाया है, उन की चर्चा ही कर लेते हैं....

  • चाय, दूध, लस्सी को बिना चीनी के फीका पीना........ इस से चीनी की मात्रा काफ़ी कम हो जाती है। कोल्ड ड्रिक्स बिल्कुल नहीं और बाज़ार से मिलने वाले बोतलबंद ज्यूस भी बहुत कम.....सारे साल में एक-दो बार।
  • नाश्ते में तले परांठे बिल्कुल बंद.......नहीं तो कभी १५ दिन या एक महीने में एक बार ले लिए तो ले लिये। 
  • जंक फूड पर टोटल नियंत्रण -- मैं यह काम आराम से कर लेता हूं। 
  • बिस्कुट -- भी ब्रिटानिया के मैरी जैसे ---हल्के मीठे वाले ज़्यादा ठीक रहते हैं। 
  • और रोज़ाना शारीरिक परिश्रम...... पैदल टहलना, साईकिल चलाना या जो भी आप अपनी पसंद का करना चाहें। 
ये छोटी छोटी बातें दिखती हैं, लेकिन वजन कम करने में बहुत सहायक हैं। मेरा व्यक्तिगत अनुभव है।

मोटापे पर मेरी कुछ पोस्टें ये भी हैं.....
 सेब जैसा मोटापा पहुंचाता है ज़्यादा नुकसान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

इस पोस्ट पर आप के विचार जानने का बेसब्री से इंतज़ार है ...