सोमवार, 4 मई 2009

अकल की दाढ़ का पंगा

रोजाना मेरे पास अकल की दाढ़ से परेशान चार-पांच मरीज़ आ ही जाते हैं। अकल की दाढ़ जैसा कि आप जानते ही हैं कि सत्रह से इक्कीस वर्ष की उम्र तक मुंह में निकलती है।

इसे अकल की दाढ़ केवल इसलिये कहा जाता है क्योंकि अकसर इसी उम्र में बच्चों को मैच्यूरिटि भी आनी शुरू होती है, इसलिये इसे अकल की दाढ़ के नाम से जाना जाने लगा।

पहले पहले जब मैं किसी को इसे उखड़वाने की सलाह देता था और वह मेरे से यह पूछता था कि इस से हमारी बुद्धि पर भी असर पड़ेगा, तो मुझे लगता था कि बंदा मज़ाक के मूड में है। लेकिन इतने सालों बाद भी जब यही प्रश्न अकसर लोगों द्वारा पूछा जाता है तो मैं समझ गया हूं कि यह भ्रांति लोगों में अच्छी खासी व्यापत है। अकसर लोग यह समझाने पर समझ ही जाते हैं कि इसे उखड़वाने से अकल पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है।

यह जो अकल की दाढ़ का पंगा है ना इस के लिये कई पोस्टें लिखनी होंगी क्योंकि यह पंगा है ही कुछ ऐसा। जैसे जैसे मुझे इस अकल दाढ़ से जुड़ी बेहद महत्वपूर्ण बातों का ध्यान आता जायेगा, बातें चलती रहेंगी।

बात शुरू करते हैं एक बहुत ही आम समस्या से कि जब 17 से 21 वर्ष के आयुवर्ग के लोगों की अकल वाली दाढ़ आनी शुरू होती है तो अकसर उन्हें बहुत दर्द महसूस होता है। सब से पहले मैं इस दर्द का , इस तकलीफ़ का इलाज लिख दूं वरना लोग नाराज़ हो जाते हैं कि डाक्टर,तुम इलाज के बारे में भी बातें किया करो।

तो, जब इस उम्र के लोगों को यह निकलती हुई दाढ़ तंग सा करने लगे तो उन्हें सब से पहले तो नमक वाले गर्म पानी से खूब कुल्ले करने चाहिये, किसी महंगे माउथवाश को बाज़ार से अपने आप ही खरीद कर इस्तेमाल करना की कोई विशेष ज़रूरत होती नहीं है । कोई भी अच्छी दर्द निवारक टेबलेट ( मैं तो आईबूब्रूफन एवं पैरासिटामोल कंबीनेशन वाली टेबलेट ही अकसर अपने मरीज़ों को देता हूं) ---आप अपने दंत चिकित्सक से सलाह कर सकते हैं।

अगर इन में से कुछ मरीज़ ऐसे होते हैं जिन्हें थूक निगलने में भी परेशानी होती है या गले के नीच गांठें सी आ जाती हैं, बुखार सा होता है तो उन्हें ऐंटीबॉयोटिक तीन दिन तक ले ही लेना चाहिये ---मैं अकसर इस काम के लिये अमोक्सीसिलिन कैप्सूल 250 मिलीग्राम दिन में तीन बार तीन दिन तक इस्तेमाल करने की अपने मरीज़ों को सलाह देता हूं लेकिन आप अपने चिकित्सक से कंसल्ट कर के ही कुछ भी लें।

अकसर यह सब करने से मरीज़ के एक्यूट सिंप्टम्ज़ एकदम ठीक हो जाते हैं, आगे क्या करना होता है , अगली पोस्ट में बात करते हैं।

4 टिप्‍पणियां:

  1. डाक्टर साहब जी मुझे कुछ दिनों पहले थूक निगलने में परेशानी थी सुबह उठता था लगता है कुछ अटका हुआ है पर सटकने के बाद फिर वही अटका हुआ लगता था पर अब तो ठीक है। पर अक्सर साल में दो एक बार ऐसा हो जाता है। शायद इससे सम्बधित एक मेल भी किया था आपको। इन्हीं बेहतरीन जानकारी के बीच अगली पोस्ट का इंतजार।

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  2. पढ़ा लेख तो ये लगा बड़े काम की चीज।
    लाभान्वित हो जायेंगे कोई अगर मरीज।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  3. बहुत अच्छी जानकारी है ।

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