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अंकुरित करने की प्रक्रिया बहुत आसान है। उत्तम किस्म के बीजों को इस्तेमाल करें। बीजों को पानी में अच्छी तरह धो लें ताकि बीजों पर लगे हुए विषैले रसायन अच्छी तरह से उतर जाएं। फिर इन बीजों एवं खाद्यान्नों को किसी पानी के बर्तन में भिगो दिया जाता है।
बर्तन को इस प्रकार से ढक दें कि उस में पर्याप्त आक्सीजन जा सके और बर्तन को किसी थोड़े सी गर्म जगह पर रख दें। 8 से 12 घंटे के बाद पानी फेंक दें। यह सुनिश्चित कर लें कि बर्तन इतना बड़ा हो कि अंकुरित होने वाले बीजों एवं खाद्यान्नों के लिये स्थान हो।
बीजों को दिन में दो से तीन बार धो लें और पूरा पानी बर्तन से निकाल दें। इस बात का ध्यान रखें कि अंकुरित बीजो को कभी भी पानी में मत रख छोड़ें , अन्यथा वे सड़ना शूरू हो जायेंगे।
बीज जब कम से कम आधा इंच अंकुरित हो जाएं, तब उन्हें कच्चा खाएं। आम तौर पर बीजों को अंकुरित होने में 2 से 3 दिन का समय लग जाता है और यह अवधि विभिन्न तरह के बीजों पर, तापमान पर एवं हवा में नमी की मात्रा पर निर्भर करती है।
अंकुरित करने के लिये आप खुले मुंह वाले कांच की बोतलें भी इ्स्तेमाल कर सकती हैं। बस यह ध्यान रखें कि उस में थोड़ी जगह हवा के लिये रहे। आप बोतल के ऊपर कोई बिल्कुल बारीक कपड़ा भी बांध सकते हैं ताकि हवा के आने जाने के लिये जगह रहे।
कईं लोग 8-10 घंटे पानी में भिगोने के बाद बीजों एवं खाद्यान्नों को पानी से निकालने के बाद एक बारीक कपड़े की थैली में डाल देते हैं और रसोई घर की खिड़की पर टांग देते हैं। सुबह-शाम उस थैली को गीला कर देते हैं। आप को जो भी ज़्यादा सुविधाजनक लगे, उसे अपना लें।
अंकुरित खाद्यान्नों , दालों एवं बीजों का ज़्यादा से ज़्यादा लाभ उठाने के लिये आप इन्हें कच्चा ही खाएं। वैसे अंकुरित खाद्य पदार्थों को अंकुरित हो जाने के बाद किसी भी डिब्बे ( जिस मे हवा न जा सके ---एयरटाइट कंटेनर) में डाल कर रैफ्रीजरेटर में कईं दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
PS.. अगर यह लेख मेरी बीवी के हाथ पड़ जाए और उन्हें पता चल जाये कि मैं इस तरह से खाना-खज़ाना जैसा शो प्रेज़ैंट कर रहा हूं तो फिर मुझे मिल गया नाश्ता !! पहली बात मुझे जो सुनने को मिलेगी कि कभी रसोईघर के दर्शन भी किये हैं ?
आगे से आप ही इन्चार्ज होंगे घर में अंकुरण के. :) भेज रहे हैं भाभी को यह आलेख.. काम का है. :)
जवाब देंहटाएंशुक्रिया....एक बहुत ही उपयोगी लेख....ठेठ 'मीडिया डाक्टर' स्टाइल में....
जवाब देंहटाएंआज हम भी देखते हैं, श्रीमती जी सही काम करती हैं की नहीं.
जवाब देंहटाएंएक अच्छी जानकारी.
अब इस पचड़े में दुबारा नहीं पड़ने का। अभी तो यह काम शोभा कर लेती है।
जवाब देंहटाएंमेरी पत्नीजी फिर कहेँगी - फिर वही खटराग! :-)
जवाब देंहटाएंबढिया जानकारी है ।
जवाब देंहटाएंबाजार में अंकुरण का बढ़िया पात्र भी आता है, जिसमें आप रोजाना के हिसाब से तीन मर्तबान पर अंकुरण हेतु अनाज/बीज का प्रयोग कर सकते हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर जानकारी,अभी बीबी को पढवाता हुं आप का लेख.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
बहुत बढ़िया जानकारी, अभी तक हम वैसे ही बर्तन में अंकुरित कर रहे थे जैसा कि रवि रतलामी जी बता रहे हैं, अब ऐसे भी कर के देखते हैं, अंकुरित खाने की आदत डाल रहे हैं, अभी थोड़ा सा अंकुरित खाने में आधा घंटा लग जाता है।
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