मंगलवार, 13 अक्टूबर 2009

ये तस्वीरें आंखें गीली कर देती हैं !

इस स्लाईड-शो के बारे में मेरे पास कहने लायक कुछ भी नहीं है ----बस, केवल आप इसे इत्मीनान से देखें । यह देख कर अगर आप की आंखें भी नम हो जाएं तो मुझे क्षमा कीजिये।

12 टिप्‍पणियां:

  1. इस संजीदा मसले पर सोचने की लोगों को शायद फुर्सत ही नहीं है। बडे मसले (?) न जाने क्यों वृहद आकार लिये होते हैं कभी रीयलिटी शो के नाम पर तो कभी बेकार की लफ्फाजी के नाम, जबकि असल सामाजिक मुद्दों को कोई अहमियत नहीं मिलती।

    बहुत कुछ सोचने को मजबूर करती स्लाईड पोस्ट।

    सामाजिक मुद्दों पर इधर ब्लॉगजगत में कम ही पोस्टें दिखने में आ रही है।

    जवाब देंहटाएं
  2. आपने जिस मुद्दे को हमारे सामने रखा है हम न पता क्यों इतने गंभीर मुद्दे पर कभी ध्यान ही नहीं देते। ऐसा देख किसकी आँखे गीली नहीं हो जायेंगी।

    जवाब देंहटाएं
  3. आँखे गीली, मन भारी हो गयीं. और सोचने लगा यकीनन मै बहुत कुछ.....

    जवाब देंहटाएं
  4. kaash !
    maa baap ka budhaapaa santaan ke saath guzre..ekaant me nahin..

    kaash !
    santaan samajh sake ki voh bhi ik din isee umra me pahunchenge.....

    aapne man ko bhrrtar tak bhar diya ...
    dhnyavaad !

    जवाब देंहटाएं
  5. भारतीय समाज मे तेजी से फ़ैल रही है ये बीमारी।

    जवाब देंहटाएं
  6. मुझे तो यह सब देख कर अपने मां बाप याद आ गये, जाने अन्जाने मै भी कुछ पाप का भागी दार बना.... जब की मै श्रवण बनाना चाहाता था.
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  7. सच है यादें रह जाती है
    सन्जीदा फ़ोटो

    जवाब देंहटाएं
  8. रुला दिया इस मजबूर को आपने...

    जवाब देंहटाएं
  9. मेरे पिताजी कुछ भूलने लगे हैं। अटपटे सवाल कर देते हैं और मैं मौन रहकर उनका उत्तर नहीं देता। मुझे अब लग रहा है कि वे यह न महसूस कर रहे हों कि मैं उन्हें अवाइड कर रहा हूं। I got to be careful.

    जवाब देंहटाएं

इस पोस्ट पर आप के विचार जानने का बेसब्री से इंतज़ार है ...