गुरुवार, 8 मई 2008

इंक-ब्लॉगिंग के अनुभव....भाग 2.

3 टिप्‍पणियां:

  1. आपने बहुत अच्छी बातें बताई,,, मैं भी कल कलम खरीदने जा रहा हूँ। कम से कम बच्चों को कुछ तो सीखने को मिलेगा।
    और हाँ हस्तलेख सुधरेगा सो अलग.. आपको नहीं लगता कि धीरे धीरे आपकी राइटिंग फिर से सुधरने लगी है?
    हमें तो बहुत मजा आ रहा है आपके लेख पढ़ने औ आपके प्रप्रयोग देखने में।

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  2. अच्छा अनुभव... हम भी कोशिश करेंगे, अभी तो कभी कभार पेंसिल से लिखता हूँ पर उसे स्कैन करना पर पठनीय नहीं रहेगा, और अभी थोडी हैण्ड राइटिंग तो सुधर जाय :-)

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  3. बढ़िया लगा आपका हस्त लेखन पढ़ना. निश्चित ही इसका एक अलग आयाम तो है ही. साधुवाद.


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    आप हिन्दी में लिखते हैं. अच्छा लगता है. मेरी शुभकामनाऐं आपके साथ हैं इस निवेदन के साथ कि नये लोगों को जोड़ें, पुरानों को प्रोत्साहित करें-यही हिन्दी चिट्ठाजगत की सच्ची सेवा है.

    एक नया हिन्दी चिट्ठा किसी नये व्यक्ति से भी शुरु करवायें और हिन्दी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें.

    शुभकामनाऐं.

    -समीर लाल
    (उड़न तश्तरी)

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