आज की इस पोस्ट में थोड़ी गड़बड़ यह हो गई है कि इंक-ब्लोगिंग के लिये मैं पेज तो बहुत बड़ा इस्तेमाल कर बैठा लेकिन जब पोस्टिंग से पहले स्कैनिंग करने लगा तो पता चला तो कि यह साइज़ तो मेरा स्कैनर लेता ही नहीं है। इसलिये इन दोनों पन्नों की फोटो लेकर ही पोस्ट पर डालनी पड़ी....इसलिये अगर इन को पढ़ने के लिये अगर इन पर क्लिक करने की ज़हमत उठानी पड़े तो तकलीफ सह लीजिये...वैसे मैं आगे से इस का खास ध्यान रखूंगा कि आप को इंक-ब्लागिंग में बार बार क्लिक करने की ज़रूरत न पड़े। बाकी के कुछ अनुभव अगली पोस्टों में डालता हूं।
शुक्रवार, 9 मई 2008
इंक ब्लॉगिंग के साथ प्रयोग...भाग 3
आज की इस पोस्ट में थोड़ी गड़बड़ यह हो गई है कि इंक-ब्लोगिंग के लिये मैं पेज तो बहुत बड़ा इस्तेमाल कर बैठा लेकिन जब पोस्टिंग से पहले स्कैनिंग करने लगा तो पता चला तो कि यह साइज़ तो मेरा स्कैनर लेता ही नहीं है। इसलिये इन दोनों पन्नों की फोटो लेकर ही पोस्ट पर डालनी पड़ी....इसलिये अगर इन को पढ़ने के लिये अगर इन पर क्लिक करने की ज़हमत उठानी पड़े तो तकलीफ सह लीजिये...वैसे मैं आगे से इस का खास ध्यान रखूंगा कि आप को इंक-ब्लागिंग में बार बार क्लिक करने की ज़रूरत न पड़े। बाकी के कुछ अनुभव अगली पोस्टों में डालता हूं।
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अच्छा प्रयास है.. स्कूल कि याद ताज़ा हो गयी...
जवाब देंहटाएंवाह जी, बहुत पुरानी यादों में ले गये. आपका हस्त लेख तो बहुत सुन्दर है.
जवाब देंहटाएं-----------------------------------
आप हिन्दी में लिखते हैं. अच्छा लगता है. मेरी शुभकामनाऐं आपके साथ हैं, इस निवेदन के साथ कि नये लोगों को जोड़ें, पुरानों को प्रोत्साहित करें-यही हिन्दी चिट्ठाजगत की सच्ची सेवा है.
एक नया हिन्दी चिट्ठा किसी नये व्यक्ति से भी शुरु करवायें और हिन्दी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें.
यह एक अभियान है. इस संदेश को अधिकाधिक प्रसार देकर आप भी इस अभियान का हिस्सा बनें.
शुभकामनाऐं.
समीर लाल
(उड़न तश्तरी)