एक समय मैं भी लिखता था कलम से पर बहुत समय से केवल टाइप ही कर रहा हूं.
इंक ब्लागिंग का सारा दारोमदार आप पर ही है लगे रहिए.
हां एक बात और कि आपके इंक ब्लागिंग वाले इमेज पर क्लिक करके पढ़ने पर उसे बार बार दायें-बायें करना पड़ता है. इस असुविधा से बचने का कोई तरीका मिले तो मजा आ जाए.
वैसे तो ईंक ब्लौगिंग है मस्त प्रकार कि विधी पर कभी कभी इसे पढ़ने के लिये 2-3 पेजों पर उछलना इसका मजा कम कर देता है.. और बैंडविड्थ ज्यादा खाता है सो अलग.. वैसे आप मत घबराईये, क्योंकि मेरी हस्तलिपी बहुत खराब है सो मैं बहाना बना रहा हूं इससे बचने के लिये.. :)
एक समय मैं भी लिखता था कलम से पर बहुत समय से केवल टाइप ही कर रहा हूं.
जवाब देंहटाएंइंक ब्लागिंग का सारा दारोमदार आप पर ही है लगे रहिए.
हां एक बात और कि आपके इंक ब्लागिंग वाले इमेज पर क्लिक करके पढ़ने पर उसे बार बार दायें-बायें करना पड़ता है. इस असुविधा से बचने का कोई तरीका मिले तो मजा आ जाए.
डॉ. साहब! नमूने के बतौर तो इंक ब्लॉगिंग ठीक है। लेकिन कौन रहंट पर चड़स, रहंट पर पम्प को तरजीह देता है। तकनीक तो आधुनिक ही चलेगी।
जवाब देंहटाएंवैसे तो ईंक ब्लौगिंग है मस्त प्रकार कि विधी पर कभी कभी इसे पढ़ने के लिये 2-3 पेजों पर उछलना इसका मजा कम कर देता है.. और बैंडविड्थ ज्यादा खाता है सो अलग.. वैसे आप मत घबराईये, क्योंकि मेरी हस्तलिपी बहुत खराब है सो मैं बहाना बना रहा हूं इससे बचने के लिये.. :)
जवाब देंहटाएंआपने तो खूब सारे फायदे बता दिए। :)
जवाब देंहटाएंबढ़िया जानकारी... ज्ञानवर्धन के लिए धन्यवाद...
जवाब देंहटाएंchaliye aapne hamare gyan chakshu ka ek aor netr khola......
जवाब देंहटाएंये बैंडविड्थ वाली बात तो चोखी कही PD साहब ने.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब! करते रहें इंक-ब्लागिंग! कभी-कभी बिजली जाने पर!
जवाब देंहटाएंअजी बस मजा ही आ गया, भुव्नेश ने लिखा हे कि उसे दायें-बायें करना करना पडता हे तो चोपडा जी जब आप सकेन करे कापी को तो उस का साईज थोड छोटा कर ले,धन्यवाद
जवाब देंहटाएंमज़ेदार पोस्ट
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