क्या अब हमारे देश की बुजुर्ग औरतों को भी शराब पिलाओगे........आप भी धन्य हो
आज के ही एक अच्छे खासे प्रसिद्ध हिंदी के एक समाचार-पत्र में एक खबर दिखी. शीर्षक था...बुढ़ापे में उम्र बढ़ाती है शराब....खबर में लिखा था कि आस्ट्रेलिया में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार 70 साल से ज्यादा आयु वर्ग की जो महिलाएं दिन में एक या दो बार शराब का सेवन करती हैं, वह शराब का सेवन न करने वालों की तुलना में अधिक उम्र तक जीती हैं. अच्छी खासी लंबी खबर लगी हुई थी। ऐसी खबरें पढ़ कर इन समाचार-पत्रों की दयनीय हालत का ध्यान आता है। वैसे देखा जाए तो इन के हालात तो अच्छे खासे हैं.....बस पता नहीं क्यों ये ऐसी खबरें लगा के फिज़ूल की अटैंशन बटोरना चाहते हैं। अब सिडनी की औरतें शराब पिएं तो पिएं....... इस देश की सीधी सादी औरतें के मन में काहे ऐसी बातें भर रहे हो भई। उन देशों की महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति कितनी सचेत हैं इस का बखान भी यहां कि अखबारों में किया करो भाई, वे अपने अधिकारों को लेकर कितनी सचेत हैं, यह भी लिखो, उन को कितना अच्छा आहार उपलब्ध है, यह कौन लिखेगा, वे कितनी नियमितता से अपनी छाती की जांच(मैमोग्राफी) करवाती रहती हैं ताकि वे स्तन के कैंसर से बच सके, उन देशों की औरतों को गर्भाशय के कैंसर से बचाने के लिए कौन से टीके लगाए जा रहे हैं , जिन के बारे में मेरे देश की करोड़ों-अरबों बहनों नें अभी सुना भी न होगा.......इस सब के बारे में लिखो, तुम उसे उल्टे रास्ते पर चलने के संकेत दे रहे हो। आंचल में दूध - आंख में पानी वाली इस देश की आम महिला की सेहत की बात करो....वो कैसे दिन प्रति दिन पीली पड़ती जा रही है, कैसे उस की आंखें अंदर धंसती जा रही हैं। एक डाक्टर होने के नाते मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि ऐसे बकवास सर्वेक्षण हिंदी के समाचार पत्रों में नहीं छपने चाहिए ....जी हां, एक सुधि पाठक के लिए ये बकवास ही तो हैं. जिन देशों में इन की प्रसांगिकता होगी वे जो मरजी पिलाते फिरें। लेकिन ...मेरे देश की एक अनपढ़ से अनपढ़ नारी भी इतनी समझ रखती है कि वे ऐसी बातों को सिरे से नकार दें और ऐसा अनाप-शनाप मशविरा देने वाले को एक तमाचा भी जड़ दें तो कोई बड़ी बात न होगी। इसलिए ऐसी खबरें छापने से पहले कभी भी उस की सामाजिक एवं सांस्कृतिक सरोकारिता का भी ध्यान रखा जाए तो ही ठीक है।