सोमवार, 10 नवंबर 2014

बंबई में अनानास बेचने का बढ़िया ढंग

बंबई की कुछ बहुत बढ़िया रिवायते हैं.....जैसे कि नारीयल को अच्छे से फोड़ कर ग्राहक को थमाते हैं..वे इस काम में पूरे एक्सपर्ट हैं.. गन्ने का रस कितने अच्छे से निकाल कर परोसते हैं उस के बारे में एक पोस्ट मैंने २००८ में लिखी थी जिस का लिंक यहां दे रहा हूं.... गन्ने का लुत्फ तो आप भी उठाते ही होंगे


दो दिन पहले मैं बंबई में था....सड़क पर एक अनानास बेचता हुआ दिख गया......यहां यह दिखाना चाहता हूं कि आप देखें कि कितना साफ़-सुथरा तरीका है अनानास बेचने का। फल को छीलने के लिए भी उस ने अपने हाथों पर पालीथान लपेट िलया है। मैंने जब इसे साफ़ सफ़ाई का एक नमूना बताया तो मुझे बताया गया कि वह यह पालीथान तो अपने आप को किसी चोट से बचाने के लिए लपेटता होगा......मैंने कहा कि जो भी हो......it is a win-win situation!


जहां तक मेरा अनुभव रहा इस फल को खाने का....अकसर तो फल वाले इसे बिल्कुल ऐसे का ऐसा ही थमा देते हैं। घर में आकर कौन इतनी सिरदर्दी करे......और देखा गया है कि घर में इसे इतने अच्छे से काटा जा भी नहीं सकता, इसलिए खाने में अच्छा नहीं लगता क्योंकि बीच बीच में कुछ सख्त सा हिस्सा आने लगता है।


लेकिन इन तस्वीरों में आप देखें कि दुकानदार कितनी साफ़-सफ़ाई से हर अनानास से उस के सख्त हिस्सों को कितनी निपुणता से अलग कर के और बाद में इस के टुकड़े कर के आप को पार्सल थमा देता है। बंबई की इस स्पिरिट को सलाम।


हां, एक बात है छः-सात वर्ष पहले एक बार देखा था कि किस तरह से मिलावटी अनानास को दिल्ली में बेचा जा रहा था, रंग में डुबो कर.....आप इस लिंक पर जा कर देख सकते हैं, वह भी मेरी आंखो-देखी ही थी......मिलावटी खान-पान के कुछ रूप ये भी। 

मुझे बंबई वाले पाईन एपल का फ्रूट को काटने का तरीका अद्भुत लगा इसलिए मैंने उसे कह कर इस की एक वीडियो बनाई जिसे यहां एम्बेड कर रहा हूं, देखिएगा.........



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