खुरदरे मंजन की मार खाए ये आगे के दो दांत |
सरकारी अस्पताल में दंत चिकित्सक होने की वजह से बहुत सा समय लोगों का तंबाकू-ज़र्दा छुड़वाने में या फिर खुरदरे मंजनों के बुरे प्रभावों पर प्रवचन देने में निकल जाता है। मुझे ऐसा लगता है कि शायद निजी प्रैक्टिस कर रहे दंत चिकित्सकों के पास ना ही तो इस तरह की बातों के लिए इतना समय ही होता है और शायद न ही मरीज़ ये तंबाकू-वाकू की बातें उन के मुंह से सुनने में रूचि ही रखते होंगे.....यह सोच कर कि फीस भर के यह सब तो थोड़े ना सुनने आए हैं। यह इसलिए भी कह रहा हूं कि इस तरह की चीज़ों की इतनी ज़्यादा पब्लिक एक्सेप्टेंस हो चुकी है कि मेरे पास कईं बार मरीज़ जब दांत दिखाने आते हैं.....तो मुंह में पान दबाया होता है। आज से बीस वर्ष पहले मैं भड़क जाया करता था, लेकिन अब समझ चुका हूं कि इस तरह से ओवर-रिएक्ट करने से कुछ भी तो हासिल नहीं होता। शांति से कह देता हूं कि ज़रा मुंह ही साफ़ कर के आते तो दांत तो दिख जाते।
हां, तो जिस तस्वीर को आपने देखा .. वह आदमी अपने दांतों पर एक पापुलर ब्रांड का मंजन पिछले छः वर्षों से कस के रगड़ रहा था, रिजल्ट आप के सामने है। मैंने पूछा कि वह मंजन तो आप सभी दांतों पर ही घिसते होंगे तो कहने लगा कि करता तो हूं, चूंकि ये अगले दो दांत कुछ ज़्यादा ही पीले से थे, इन पर विशेष ध्यान दिया करता था।
आपने देखा कि किस तरह से ये खुरदरे मंजन दांतों को नष्ट कर देते हैं। बीसियों बार इस तरह के विषय पर लिख चुका हूं.....बार बार लिखता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि विषय को दोहराना भी ज़रूरी है, वरना हम भूल जाते हैं।
ये कटे-फटे दांत तो मैं इस के ठीक कर ही दूंगा......आराम से हो जाएगा.......पता भी नहीं चलेगा कि इन पर कुछ काम हुआ है।
कल मैं एक माल में गया था.....वहां पर बीसियों तरह की पेस्टें मंजन देख कर, उन के चमकीले, खूबसूरत कवर देख कर अच्छा लग रहा था.....यह भी अरबों-खरबों का एक व्यवसाय है -- किसी को भी भ्रमित किया जा सकता है.....मैंने जब उस पापुलर ब्रैंड की पेस्ट को उठाया तो उस पर साफ़ लिखा था कि उस में गेरू मिट्टी भी मिली हुई है......ठीक है, इंगलिश में लिखा हुआ था, लोग समझ ही नहीं पाएंगे.......लिखा था ... Gairic powder..... यह गेरू मिट्टी ही होती है...इस मिट्टी की वजह से जब इस तरह के मंजन को दांतों पर घिसा जाता है तो दांत पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं, मैंने अपनी फ्लिक्र फोटोस्ट्रीम पर भी इस तरह की कईं तस्वीरें डाली हुई हैं, लेकिन पब्लिक को बार बार सचेत करना ज़रूरी जान पड़ता है।
लगे हाथ यह भी बता ही दिया जाए कि यह गेरू मिट्टी का लफड़ा है क्या, यह कौन सी मिट्टी है, तो सुनिए जनाब यह वह मिट्टी है जो बाज़ार में बिकती है जिसे हमारा माली पानी में घोल कर गमलों को लाल रंग देने के लिए इस्तेमाल करता है।
भूलने वूलने की बात से मुझे यह सुंदर सा गीत याद आ गया.....सुनिए आप भी.....
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