मंगलवार, 6 मई 2008

सारे नियम तोड़ दो ....नियम पे चलना छोड़ दो !!

ये लाईनें पढ़ कर आप को शायद फिल्म अभिनेत्री रेखा एवं छोटे-छोटे बच्चों के ऊपर फिल्माया गया वह प्यारा-सा खूबसूरत फिल्म (1980) का वह सुपर-डुपर हिट गाना याद आ गया होगा। सचमुच कभी कभी इन नियमों-वियमों को ताक पर रख कर बड़ा मज़ा आता है......

6 टिप्‍पणियां:

  1. अरे वाह अकेले ही अकेले खा आये, ओर आप का यह नियम तोडना बहुत अच्छा लगा,हम भी यादो मे खो गये, धन्यवाद.

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  2. वाह जी, बहुत खूब याद दिलाई गोलों की. मजा आ गया.

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  3. भाई, बच्चे तो पढाई या नौकरी पर हैं। रह गए हम मियाँ-बीवी सो आप की पोस्ट पढ़ने के ठीक चार घंटे पहले एक एक बरफ का गोले की चुस्कियाँ ले कर निपटा चुके हैं। बेचने वाला अपनी रेहड़ी आगे सरकाता उस से पहले दुबारा शरबत ड़लवा कर। और वह रोज घर के सामने की सड़क से गुजरता है। बच्चे होते तो चारों एक साथ खाते।

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  4. hummm बर्फ का गोला ।

    हम तो अब भी अगर कहीं दिख जाता है तो खाए बिना नही रहते है।

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  5. अच्छा लग रहा है आपके यादों का सफर, और आपकी सुंदर लिखावट की तो तारीफ़ करनी ही पड़ेगी. हमें तो लगता है कि अब लिखना ही भूल गए हैं.

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  6. बहुत दिक्कत है डॉक साहब. आप कृपया 15" के monitor के लिये scan करें तो बड़ी सहूलियत होगी.
    हरेक पंक्ति के लिये scrollbar खिसकाते रहना.. my god!

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