आज कल अकसर घर में टीवी पर जब डांस डायरेक्टर सरोज खान का एऩडीटीवी इमेजिन पर वह कार्यक्रम आ रहा होता है जिस में वह सारे देश को डांस करना सिखा रही हैं तो बहुत अच्छा लगता है। उस में सब से बढ़िया बात जो मन को बहुत ही ज़्यादा छू जाती है वह यही है कि वह बहुत ही शिद्दत से यह डांस सिखाने का काम करती हैं। मैं नहीं समझता कि उस से बेहतर ढंग से भी कोई डांस सिखा सकता है......सोचता हूं कि ऐसा करना बहुत ही मुशिकल है, अपने सारे गुर, अपने ट्रेड-सीक्रेट्स दिल खोल कर सारी दुनिया के सामने रख देना बहुत ही हिम्मत की और दिलदारी की बात है। यह हर किसी के बस की बात नहीं है.....हम तो यूं ही संकीर्णताओं में जकड़े रहते हैं कि अगर मैंने अपना हुनर ही किसी को सीखा दिया तो मेरे पास क्या बचेगा। चिंता नहीं करे...ऐसा करने से आप का हुनर कई गुणा बढ़ेगा। वैसे भी जो भी प्रक़ृति के वरदान हमें मुफ्त में प्राप्त हो रहे हैं, अगर प्रकृति भी यह सोचने लग जाये तो फिर क्या होगा। सूरज सारे संसार का अंधेरा दूर कर रहा है, सारे झरने, नदियां हमें पानी उपलब्ध करवा कर निहाल कर रही हैं तो सैंकड़ों तरह के रंग-बिरंगे फूल हमें हर पल गुदगुदाते रहते हैं।
हां, तो बात हो रही थी ,सरोज खान की......वह तो ऐसे एक एक स्टेप सिखाती हैं ,इतने अपनेपन से कि इतनी गर्मजोशी से ,इतनी चाहत से , इतने दिल से तो मां-बाप या एक समर्पित गुरू ही सिखा सकता है। मैं सरोज खान जैसे लोगों को कोटि कोटि नमन करता हूं क्योंकि ये लोग अपना ज्ञान दिल खोल कर बांट रहे हैं।
और हां, मेरे को ध्यान आ रहा है कि अगर हम सब अपने अपने ज्ञान को दिल खोल कर बांटना शुरू कर दें तो स्वर्ग तो ज़मीन पर ही उतर आयेगा। लेकिन एक तो हम लोग अपनी ताकत पहचान नहीं पाते, दूसरा यही सोचते हैं कि हमे तो कुछ नहीं पता....हमें तो सिर्फ सीखना ही है.....यही हमारा ब्लाक है....ठीक है, हम 99 बातें सीखना चाह रहे हैं लेकिन जो एक बात हम जानते हैं उसे तो दुनिया के साथ बांटे। सोचिए, उस ज्ञान को दुनिया में कितने लोग हाथों-हाथ लेने को इतनी आतुरता से हमारी तरफ़ देख रहे हैं। और यह सब कुछ हम अपने छोटे से ढंग से शुरू कर सकते हैं। बलोग हैं, अखबारे हैं , किसी बच्चे को कुछ सिखा के, जिस विषय के आप माहिर हैं , उस के बारे में कम पैसे लेकर ( या अगर आप चाहें तो फ्री भी) टयूशन दे कर.....लिस्ट इतनी लंबी है ....पर आप तो यह सब जानते हैं , आप को क्या बताना।
ब
टीवी तो मै देखता नही पर इस बात से सहमत हूं कि ज्ञान को बांटा जाए!!
जवाब देंहटाएंज्यों ज्यों खरचे त्यों त्यो बढ़े,
जवाब देंहटाएंबिन खरचे घटि जात।।
वो कहते है ना ज्ञान बांटने से बढ़ता है।
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