सत्संग में महात्मा जी जब प्रवचन शुरू करते हैं तो हर बार अपने आशीर्वचन इस बात से शुरू करते हैं.. आने जाने का सब से बढ़िया तरीका है यही .... मुस्कुराते आइए, मुस्कुराते जाइए....और अपनी वाणी को विराम भी यही बात कह कर देते हैं....उन्हीं के मुखारबिंद से वही शब्द बार बार सुनना बिल्कुल एक बूस्टर डोज़ सा काम करता है।
मेरी टेबल पर एक स्लोग्न रखा हुआ है....किसी विश्व-विख्यात चिकित्सक ने कहा है ....हंसना एक ऐसी चिकित्सा है जो अब तक सब से कारगार सिद्ध हुई है...और सदैव इतनी ही कारगार रहेगी।
तीन चार दिन पहले मुझे मेरा एक मरीज़ राममूर्ति आया...बात करते करते ऐसे ही कोई बात हुई कि वह ठहाके लगाने लगा....फिर उसने हंसते हंसते कहा कि डाक्टर साहब, भगवान और डाक्टर ही ऐसे लोग हैं जो किसी को हंसा सकते हैं। उसने अपनी बात फिर से दोहराई.....मैं भी उस की बात पर मुस्कुरा दिया.....लेकिन मैं उस की बात से पूर्णतयः सहमत नहीं हूं....हंसी के बहाने तो हर तरफ़ धरे पड़े हैं....आप के चेहरे पर मुस्कान की इंतज़ार कर रहे हैं.......इसलिए हमें हर पल इस सर्वव्यापी परमपिता परमात्मा से यही प्रार्थना करनी चाहिए कि यह हर बंदे के नसीब में खुश रहना, मुस्कुराना...खिलखिलाना लिख दे .....और वह भी पक्की पेन्सिल के साथ!
हम लोग हंसने-मुस्कुराने के कितने मैसेज देखते-पढ़ते रहते हैं ...तीस चालीस साल पहले हमें एक ही मैसेज का पता था...Smile..it increases your face value!
मैंने कुछ साल पहले कहीं पढ़ा था जिसे पढ़ कर मुझे हैरानी भी बहुत हुई थी कि इत्ती सी बात की तरफ़ कैसे ध्यान ही नहीं गया....यही लिखा था कि कोई भी मुस्कुराता चेहरा ऐसा नहीं दिखा जो खूबसूरत न हो!!
सत्संग में यह सुंदर वचन अकसर कानों में पड़ जाते हैं....दो बंदों को जोड़ने का सब से छोटा रास्ता भी एक मुस्कान ही है।
अभी मैं बाज़ार में गया तो मुझे एक युवा कि टी-शर्ट पर मुस्कान के बारे में कुछ दिखा....मैंने हंसते हुए कहा कि मुझे इस स्लोग्न की फोटो लेनी होगी...हंसते हंसते उसने कहा.....sure!
अभी अभी अपने कालेज के दौर के दोस्त मनोज गोयल ने भी ऐसा ही मैसेज भेजा....
अच्छा, तो दोस्तो, सब के लिए यही प्रार्थना करते हैं कि सब को हंसते-खिलखिलाने के मौके निरंतर मिलते रहें......यह हवा पानी जितनी ही बड़ी ज़रूरत है!
मेरी टेबल पर एक स्लोग्न रखा हुआ है....किसी विश्व-विख्यात चिकित्सक ने कहा है ....हंसना एक ऐसी चिकित्सा है जो अब तक सब से कारगार सिद्ध हुई है...और सदैव इतनी ही कारगार रहेगी।
तीन चार दिन पहले मुझे मेरा एक मरीज़ राममूर्ति आया...बात करते करते ऐसे ही कोई बात हुई कि वह ठहाके लगाने लगा....फिर उसने हंसते हंसते कहा कि डाक्टर साहब, भगवान और डाक्टर ही ऐसे लोग हैं जो किसी को हंसा सकते हैं। उसने अपनी बात फिर से दोहराई.....मैं भी उस की बात पर मुस्कुरा दिया.....लेकिन मैं उस की बात से पूर्णतयः सहमत नहीं हूं....हंसी के बहाने तो हर तरफ़ धरे पड़े हैं....आप के चेहरे पर मुस्कान की इंतज़ार कर रहे हैं.......इसलिए हमें हर पल इस सर्वव्यापी परमपिता परमात्मा से यही प्रार्थना करनी चाहिए कि यह हर बंदे के नसीब में खुश रहना, मुस्कुराना...खिलखिलाना लिख दे .....और वह भी पक्की पेन्सिल के साथ!
हम लोग हंसने-मुस्कुराने के कितने मैसेज देखते-पढ़ते रहते हैं ...तीस चालीस साल पहले हमें एक ही मैसेज का पता था...Smile..it increases your face value!
मैंने कुछ साल पहले कहीं पढ़ा था जिसे पढ़ कर मुझे हैरानी भी बहुत हुई थी कि इत्ती सी बात की तरफ़ कैसे ध्यान ही नहीं गया....यही लिखा था कि कोई भी मुस्कुराता चेहरा ऐसा नहीं दिखा जो खूबसूरत न हो!!
सत्संग में यह सुंदर वचन अकसर कानों में पड़ जाते हैं....दो बंदों को जोड़ने का सब से छोटा रास्ता भी एक मुस्कान ही है।
अभी मैं बाज़ार में गया तो मुझे एक युवा कि टी-शर्ट पर मुस्कान के बारे में कुछ दिखा....मैंने हंसते हुए कहा कि मुझे इस स्लोग्न की फोटो लेनी होगी...हंसते हंसते उसने कहा.....sure!
अभी अभी अपने कालेज के दौर के दोस्त मनोज गोयल ने भी ऐसा ही मैसेज भेजा....
अच्छा, तो दोस्तो, सब के लिए यही प्रार्थना करते हैं कि सब को हंसते-खिलखिलाने के मौके निरंतर मिलते रहें......यह हवा पानी जितनी ही बड़ी ज़रूरत है!