यह जो पोस्ट मैंने ऊपर एम्बैड की है, मैं इसे फेसबुक पर कईं बार देख चुका हूं.....अभी भी कुछ ज़रूरी काम कर रहा था तो इस पर नज़र पड़ गई, मैंने सोचा कि काम बाद में हो लेंगे, पहले पायरिया जैसे रोग के बारे में जिस को देखते, इलाज करते ३० वर्ष से भी ऊपर हो गये हैं, उस के बारे में दो बातें कर लें।
बालकिशन बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, यह मैं मानता हूं.....लोगों को आयुर्वेदिक की तरफ़ प्रेरित करना भी अपने आप में एक बहुत पुण्य का काम है।
इस पोस्ट में बालकिशन ने जो फार्मूला बताया है कि एक गिलास गुनगुने पानी में ३-४ बूंद लौंग का तेल मिलाकर प्रतिदिन गरारे व कुल्ला करने में पायरिया ठीक होता है, मैं इस फार्मूला से बिल्कुल भी इत्तेफाक नहीं रखता......यह फार्मूला इस्तेमाल करने से लोगों को अच्छा महसूस होता होगा, मुंह की मैल निकलती होगी, इधर उधर फंसा खाना बाहर हो जाता होगा, लौंग की वजह से थोड़ी महक अच्छी हो जाती होगी, शायद......क्योंकि मैंने ऐसा न तो किसी किताब में पढ़ा और न ही ऐसी कोई वैज्ञानिक रिसर्च ही देखी कि इस तरह के फार्मूले से पायरिया रोग ही ठीक हो जाता है। वैसे मैं ऐसी किसी भी तरह की वैज्ञानिक जानकारी का स्वागत करूंगा. हो सकता है मेरी जानकारी में ऐसा कुछ न आया हो, मैं तो बस यहां अपने अनुभव की बात रखने आया हूं।
पायरिया रोग के ऊपर मेरे लगभग दर्जनों लेख इसी ब्लॉग पर उपलब्ध हैं, आप को एक काम करना होगा......ब्लॉग पर जो सर्च आप्शन है, उस में हिंदी में (देवनागरी लिपि में) पायरिया लिखना होगा, सारी लिस्ट आप देख पाएंगें, फिर अपनी इच्छा अनुसार क्लिक कर सकते हैं।
पायरिया रोग होने पर किसी को भी दंत चिकित्सक के पास जाना ही होगा, बिना इलाज के पायरिया रोग ठीक हो ही नहीं सकता, कम से कम मैंने पांच साल अपने टीचरों से यही सीखा, फिर तीस साल तक मेरे अनुभव ने भी मुझे यही सिखाया।
बालकिशन का मैं सम्मान करता हूं......मैं पहले कह चुका हूं.....बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, लेिकन आज पायरिया के बारे में यह पोस्ट देखी और वह भी लगभग ५०००० लाईक्स के साथ, तो रहा नहीं गया, एक विनम्र टिप्पणी के रूप में ही इस पोस्ट को ठेलने की इच्छा हो उठी। जनता तक प्रोफैशनल दृष्टिकोण भी पहुंचाना बहुत ज़रूरी है।
आप पायरिया पर मेरे कुछ लेख ढूंढ पाएं कि नहीं, चलिए मैं आप को इन के दो चार लिंक्स ही दिए देता हूं.....