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शुक्रवार, 12 दिसंबर 2014

शरीर पर भारी स्मार्टफोन की खुमारी

पिछले महीने एक दिन मेरी तबीयत खराब थी, मैं लेटा हुआ था, लेकिन बार बार मेरे स्मार्टफोन पर कुछ न कुछ आ रहा था और मैं उसे उसी समय चैक किए जा रहा था।

उस समय मेरे बेटे ने अचानक मुझे सलाह दी......."Dad, be cool!....take some rest. You are checking and responding to your messages with the agility of a 13-year old"....यही शब्द उस ने कहे थे, मुझे भी यही लगा कि इतना भी क्या चस्का इस स्मार्टफोन का, ठंड रखनी चाहिए। कोशिश कर रहा हूं यह सीखने की कि कैसे स्मार्टफोन हाथ में रहते हुए भी ठंड रखी जाए। 

दो दिन पहले १० दिसंबर की हिन्दुस्तान अखबार में विशाल माथुर की एक रिपोर्ट छपी थी......शरीर पर भारी स्मार्टफोन की खुमारी। यह रिपोर्ट मुझे बहुत अच्छी लगी, मैं चाहता हूं कि इसे सभी स्मार्टफोन यूज़र्ज देखें। मैं इसे नेट पर भी ढूंढने की कोशिश की, लेकिन नहीं मिला इस का लिंक। इसलिए मैं इस में से कुछ अंश आप की जानकारी के लिए यहां रखना चाहता हूं। 

कहते हैं, दुश्मन से दिल्लगी अच्छी नहीं होती। कुछ यही बात स्मार्टफोन की लत पर भी लागू होती है। कभी काम तो कभी चैटिंग के बहाने स्मार्टफोन से िदन भर चिपके रहने की आदत न सिर्फ आंख, बल्कि गर्दन और रीढ़ की सेहत पर भी भारी पड़ रही है। 

रिसर्च में पाया गया है कि सीधी मुद्रा में बैठने या खड़े होने के दौरान औसत इन्सान के सिर का वजन ४.५ से ५ किलोग्राम होता है। लेकिन जैसे-जैसे व्यक्ति सिर आगे या पीछे की ओर झुकाने लगता है, ग्रेविटी के चलते भार बढ़ता जाता है। ऐसा बताया गया है कि गर्दन १५ डिग्री तक झुकाने पर सिर का वजन २७ पौंड (लगभग १२ किलोग्राम), ३० डिग्री नीचे करने पर ४० पौंड (लगभग १८ किलोग्राम), ४५ डिग्री पर ४९ पौंड (लगभग २२ किलोग्राम), और ६० डिग्री पर ६० पौंड (लगभग २७ किग्रा) तक पहुंच जाता है। 

ऐसे कम करें नुकसान ...
  • स्मार्टफोन, टैबलेट या ई-बुक को आंख से १२ से १४ इंच की दूरी पर रखकर प्रयोग करें। 
  • अंधेरे में और लेटकर या आराम-कुर्सी पर बैठकर स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने से बचें। 
  • एंड्रायड उपभोक्ता ब्लूलाइट फिल्टर डाउनलोड करें, गूगल प्लेस्टोर पर मुफ्त में उपलब्ध। 
  • गर्दन से जुड़ी एक्सरसाइज़ करें, रोज २०-२० बार गदर्न सीधी रखकर दाएं व बाएं घुमाएं।
  • फोन आंख की बराबरी मे लाकर इस्तेमाल करें। 
शरीर पर पड़ रहे दुष्प्रभाव ..
गर्दन
सिर झुकाकर स्मार्टफोन खंगालने के दौरान गर्दन पर दबाव पड़ता है। इससे नसों के दबने और उनमें खून का प्रवाह बाधित होने से असहनीय दर्द की शिकायत उभर सकती है। साथ ही आसपास की हड्डियों, मांसपेशियों और ऊतक कमजोर होने से कईं दूसरी परेशानियां घेर सकती हैं। 

आंख..
कंप्यूटर और स्मार्टफोन चलाने के दौरान पलकें कम झपकाने से आंखों में आंसू का उत्पादन नहीं हो पाता है। इससे व्यक्ति ड्राई-आई की चपेट में आ जाता है, जिसमें आंखों में जलन, खुजली, कमजोर रोशनी, सिरदर्द, चक्कर, मिचली और एकाग्रता में कमी की शिकायत होने लगती है। 

रीढ़ की हड्‍डी 
किताब पढ़ने, फोन पर काम करने या फिल्म देखने के दौरान अक्सर लोग गर्दन तानकर आगे की तरफ झुका लेते हैं। इससे रीढ़ की हड्डी पर अत्याधिक दबाव पड़ता है. उसमें सूजन आने से डिस्क के बीच अंतर बढ़ने लगता है। व्यक्ति को असहनीय दर्द तो झेलना ही पड़ता है, साथ में सर्वाइकल स्पांडलाइटिस का खतरा भी बढ़ जाता है। 

हां, तो दोस्तो आपने क्या सोचा.....स्मार्टफोन ठीक है यार अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है, लेकिन अति तो किसी भी चीज़ की सेहत पर भारी पड़ती ही है....ये जो बातें ऊपर लिखी हैं ये सब रिसर्च के परिणाम हैं, न्यूयार्क स्पाइन सर्जरी एंड रिहैबिलिटेशन मेडिसिन सेंटर के हालिया अध्ययन में स्मार्टफोन के ये दुष्परिणाम गिनाए गए हैं। 

देखिए, दोस्तो, आप अपने विवेक अनुसार निर्णय लें, जानता हूं स्मार्टफोन के बिना अब गाड़ी चलने वाली नहीं तो फिर क्यों न हम ऊपर लिखी सावधानियों को मान लें........और जैसे गर्दन की एक्सरसाइज करने को कहा गया है, वह भी कर लिया करें, मैंने भी बेटे की बात को मन में बसा लिया है कि हर समय १३ साल के लोंडे की तरह हर मैसेज को तुरंत उसी समय देखना और तुरत-फुरत उस का उसी पल जवाब देना क्या सेहत से भी ज़्यादा ज़रूरी है क्या, बिल्कुल नहीं!! Take care, friends!

अच्छा एक काम करते हैं, आप अपना स्मार्टफोन थोड़ा दूर रखें, इतने सीरियस टॉपिक के बाद आप को एक गीत सुनाता हूं...it is thought provoking too!