कल यहां लखनऊ में उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक श्री ए के लाहोटी जी के आवास के प्रांगण में भजन संध्या का आयोजन किया गया ...यह एक यादगार भजन संध्या रही ...
इस में नेशनल-इंटरनेशल फेम के कलाकारों ने अपनी कला से आए हुए श्रद्धालुओं को भाव विभोर किया..
मुझे वहां बैठे बैठे ध्यान आया कि जो लोग एक-साथ छुट्टियां पड़ने की वजह से शहर से बाहर होने की वजह से नहीं आ पाए और जो इस भजन संध्या में उपस्थित थे वे इन रब्बी लम्हों का लुत्फ बार बार कैसे ले पाएं...एक छोटा सा प्रयास किया है इस प्रस्तुति के द्वारा...पांच आडियो यहां एम्बेड किये हैं...आप भी इनको सुन कर भक्तिमय हो जाइए...
श्री मिथिलेश श्रीवास्तव जी ने अपने गीतों से भक्तों को निहाल किया...
इन के बाद श्री किशोर चतुर्वेदी एवं स्वाति जी के द्वारा दुर्गा स्तुति, केवट प्रसंग, बधईयां की प्रस्तुति की गई..सारा वातावरण भक्ति में डूबा रहा...
कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पड़े..जाना था गंगा गांव, प्रभु केवट की नांव चढ़े...
इस संध्या के समापन के दौरान डीआरएम श्री लाहोटी जी ने सभी कलाकारों का उत्साह-वर्धन दिया, उन्हें स्मृति-चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया..और गृह में पधारे सभी श्रद्धालुओं का अभिनंदन किया...उस के बाद सभी श्रद्धालुओं ने मिल कर सहभोज किया...दो अढ़ाई घंटे पंख लगा कर उड़ गये, पता ही नहीं चला...
निःसंदेह यह भजन-संध्या बहुत लंबे समय तक याद रहेगी...राम नवमी की एक बार फिर से आप सब को बहुत बहुत बधाईयां...
प्रांगण से बाहर आते हुए पंक्षियों के इस सुंदर आशियाने पर नज़र पड़ी ...बहुत खुशी हुई...इतने सुंदर घोंसले को देख कर जिस में दाना-पानी का भी प्रबंध किया गया था...एक प्रेरणा भी मिली कि हमें भी अपने अपने आंगन में यह काम तो ज़रूर ही करना चाहिए... अपने नन्हे दोस्तों के लिए!