मंगलवार, 12 अक्टूबर 2021

बिग बी ने छोड़ा पान मसाले का विज्ञापन

अभी अभी अखबार में यह ख़बर पढ़ी तो मुझे बहुत खुशी हुई ...वरना जब से मुझे पता चला था कि बिग बी अब पान मसाले की सरोगेट एड्वर्टाईज़िंग कर रहा है, मुझे उस पर गुस्सा तो आ ही रहा था..लेकिन वही बात है, मेरे जैसे तुच्छ बंदे के गुस्से का उस की सेहत पर भला क्या असर, सिर्फ़ अपने आप में कुढ़ने वाली बात ही तो है...


लीजिए, आप भी टाइम्स ऑफ इंडिया में आज प्रकाशित हुई इस ख़बर को ख़ुद पढ़ लीजिए...अगर पढ़ने में दिक्कत लगे तो इस की तस्वीर पर क्लिक करिए। अमिताभ कह रहे हैं कि उन को यही न पता था कि वे पान मसाले का सरोगेट एड्वर्टाईज़िंग कर रहे हैं...इस के बारे में आप क्या सोचते हैं, चलिए, आप जो भी सोचें...सोचते रहिए। 

पान मसाले से पैदा होने वाले ओरल-सब-म्यूक्स फाईब्रोसिस के सैंकड़ों मरीज़ देखे, कई कईं बरसों तक उन का फालो-अप भी किया ..डेंटल कॉलेज जैसी प्रीमियर संस्थाओं के विशेषज्ञों के पास उन को इलाज के लिए भी भेजा लेकिन मुझे इस वक्त यह ख्याल नहीं आ रहा कि पान मसाले से पैदा हुई यह बीमारी किसी की ठीक हो गई हो ....हां, सैंकड़ों में कोई ऐसा मरीज़ ज़रूर दिखा जिस का मुंह इस बीमारी की वजह से पहले बिल्कुल कम खुलता था, लेकिन जब पान मसाले को छोड़ दिया तो बहुत लंबे अरसे के बाद उस का मुंह बिल्कुल थोड़ा सा थोडा़-बहुत निवाला धकेलने लायक खुलने लगा ...और यह उसने ख़ुद कहा कि अब मुंह में घाव न होने की वजह से और मुंह थोड़ा ज़्यादा खुलने की वजह से खाना तनिक आराम से खा ले पा रहा हूं...लेकिन वैसे तो जो एक अपंगता आ जाती है, मैंने वह एक भी मरीज़ की जाती नहीं देखी...

लेकिन एक बात तो पक्की है कि जब भी कोई पान मसाला छोड़ देता है - उसे मुंह के घाव-वाव में तो थोड़ी राहत महसूस होती ही है..अगर तब तक उस के मुंह के अंदर की चमड़ी में कैंसर के बदलाव न आ चुके हों तो थोड़ा बहुत आराम तो उसे महसूस होता ही है... लेकिन दो एक केस मैंने ऐसे भी देखे हैं कि जिन को पान मसाले से उत्पन्न यह बीमारी थी, उसने पान मसाला भी छोड़ दिया (जैसा उन्होंने मुझे बताया) लेकिन 10-15 साल बाद उन्हें फिर भी मुंह का कैंसर हो गया। 

पान मसाले की बुराईयां गिनाते-सुनाते, इस से पैदा होने वाले बीमारयों से जूझ रहे मरीज़ों की आपबीती दुनिया तक पहुंचाते पहुंचाते हम बूढ़े हो गए हैं...पिछले 15-20 बरसों में यही कोई 150-200 लेख तो इस ज़हर के विभिन्न पहलुओं को कवर करते हुए हिंदी और इंगलिश में लिख लिख कर बहुत से काग़ज़ काले कर डाले 😄 ...अब इच्छा नहीं होती...इस के लिए जितना ज़रूरी कंटैंट क्रिेएट करना था, कर दिया है ...सब कुछ ऑनलाइन पडा़ है ... बिल्कुल कॉपी-लेफ्टेड रखा है ....उसे कोई भी कापी करे, पेस्ट करे, कहीं भी इस्तेमाल करे...बिल्कुल भी किसी तरह का क्रेडिट भी नहीं चाहिए.....लेकिन बस पान मसाला हमेशा के लिए छुड़वाने में जुट जाए।

पान मसाले पर चाहे मैं अब लिखता नहीं हूं लेकिन इस का इस्तेमाल करने वाले हर इंसान की 10-15 मिनट की ब्रेन-वॉशिंग क्लास मैं ज़रूर लेता हूं ...बस, कुछ लिखने का मन नहीं करता ...जितना कहना था, कह लिया...वैसे भी लोग इस पर लिखी वार्निंग से नहीं डरे,...फिर सरकार ने डरावनी तस्वीरें इस के पैकेट पर छपवानी शुरू कीं...उस से भी नहीं डरे...यह एक बहुत बड़ा काम था सरकार के लिए...पान मसाला, गुटखा व्यापारीयों का खेल बहुत बड़ा है, वे नहीं चाह रहे थे इस रूप में पिक्टोरियल वार्निंग जिस तरह की हम आज कल इन पैकेटों पर देखते हैं... सुप्रीम कोर्ट तक बात गई...सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही ये ख़तरनाक तस्वीरें इन पैकेटों पर छपने लगीं। लेकिन मुझे यह कभी नहीं लगा कि लोग इन तस्वीरों से डर गये हों....नहीं, वैसे ही धड़ल्ले से चबा-खा रहे हैं, और अपने पैरों पर कुल्हाड़ी हर दिन मारे जा रहे हैं....

गुटखे पर बैन लगा तो पानमसाला और पिसी हुई तंबाकू के अलग अलग पाउच मिलने लगे ... और इन को मिला लिया तो हो गया गुटखा तैयार ...यही हम आज कल हर जगह देख रहे हैं...जब यह सब देखते हैं तो बहुत दुःख होता है, सर भारी हो जाता है ...

जिस तरह से मुंह के कैंसर के रोगी का आप्रेशन करते करते कैंसर सर्जन के घंटों खड़े रहते हुए पसीने छूटने लगते हैं....8-10 घंटे चलनी वाली सर्जरी, पहले दांतों के साथ जबड़े की हड्डी को सर्जरी के द्वारा काट कर अलग करना ..फिर प्लास्टिक सर्जन का घंटों तक काटे हुए गालों को शरीर के दूसरे हिस्से से चमड़ी लेकर थोड़ा बहुत बनाने की कोशिश करना ...और सोचने वाली बात यह भी है कि कितने लोग इस तरह का इलाज करवा पाते हैं....सीधी सीधी बात है 100 में से दो चार प्रतिशत ही करवा पाते हैं...कारण आप भी जानते हैं...अधिकतर नीम हकीमों के चक्कर में पड़े पड़े हार जाते हैं...

Areca Nut- Smokeless Tobacco plays havoc with young lives! 

Oral Submucous Fibrosis in a 58-year old pan-masala chewer 

Mouth Pre-cancer in a 32-year old male 

आज बिग बी की खबर दिखी तो इस पर लिखने बैठ गया...अच्छा किया बिग बी ने जो यह पान मसाले की सरोगेट एड्वर्टाईज़िंग से किनारा कर लिया ....चलिए, आप भी मान लीजिए कि बिग बी को पता ही न था कि वे पान मसाले की सरोगेट ए्ड्वर्टाईज़िंग कर रहे थे ...होता है, कभी कभी बड़े बड़ों को धोखा हो जाता है ..

1 टिप्पणी:

  1. बिग बी के पान मसाला के विज्ञापन से मैं इतना विचलित नहीं हुआ था। एक बार इनके चक्कर में पीर्स ब्रोसनन भी पड़ चुके हैं। सोचने वाली बात यह है कि जनता के तौर पर हम लोग इससे प्रभावित होते हैं या नहीं। लोगों को समझने की जरूरत है लेकिन जब तक आदमी पर तुरन्त असर नही होता तब तक वो न सुनते हैं और न सुनेंगे। यह बात तो है। शायद दिमाग की वाइरिंग ऐसी है कि वह केवल तुरन्त नुकसान देने वाली चीज को रजिस्टर करते हैं। हम आप लोग कागज ही काले कर सकते हैं।

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