यह जो मैंने प्रश्न किया है, उस का जवाब जानने के लिए आप इस पोस्ट को देखिए.......बच्चों के दांतों को क्यों लेते हैं इतना लाइटली.....
संक्षेप में यही कहेंगे कि बच्चों के दांतों को दुरूस्त करवाना बहुत ज़रूरी होता है।
यह जो तस्वीर आप जिस बच्ची के मुंह की देख रहे हैं ये तीन साल की है.....और लगभग एक वर्ष पहले आई थी...और कल भी आई थी अपने पेरेन्ट्स के साथ।
आप देख रहे हैं कि इस के ऊपर वाले आगे के अधिकतर दांत भर रखे हैं......इन सभी में दांत का कीड़ा (दंत क्षय) लगा हुआ था....जिस की वजह से इन्हें भरना पड़ा था।
मैं इस पोस्ट में यह बताना चाहता हूं कि जब यह पिछले साल आई थी तो इतनी छोटी थी कि इस के दांतों में फिलिंग करना तो दूर इस के मुंह के अंदर देखना भी मुश्किल लग रहा था लेकिन इस के बापू ने इसे मां की गोद में पकड़ कर रखा और यह काम हो गया था ..दो तीन विजिट में।
आज मुझे अच्छा लगा कि यह मां की गोद में चुपचाप बैठी रही और इस ने काम करवा लिया.
बच्चों के दांतों को एक बार ठीक करवा लिया तो इस का मतलब यह नहीं कि इन के बड़े होने तक छुट्टी हो गई......नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है.......आप को बच्चों को भी हर छःमहीने बाद दंत चिकित्सक को दिखाना ही होगा...एक तो यह कि हम बच्चों की खाने पीने की आदतों का जायजा लेते रहते हैं, उन के दांतों की साफ़-सफ़ाई की खबर लेते हैं ... जैसे कि इस बच्ची के ऊपर वाले आगे के सभी दांत रात के समय मुंह में दूध की बोतल लगा कर सोने से सड़ गये थे......मेरे कहने पर इस के मां-बाप ने इस की यह आदत छुड़वा दी।
छः महीने बाद बच्चों को इसलिए भी दिखाना ज़रूरी है क्योंकि हमें पता चलता है कि जो इलाज पहले किया गया था उस की कैसी हालत है, कुछ और तो करने की ज़रूरत नहीं है, या फिर किसी नये दांत में भी तो सड़न नहीं हो रही.....बच्चा मुंह में अंगूठा तो नहीं डाल रहा, नाखुन तो नहीं चबा रहा.......उस के पक्के दांत ठीक से अपनी जगह आ रहे हैं या कुछ करने की अभी से ज़रूरत है ताकि वे अपनी जगह पर ही आएं।
बहुत सी बातें हैं.........लेकिन एक बात है कि हमारे देश में बच्चों को बेहोश कर के उन के दांत उखाड़ने का ट्रेंड बिल्कुल भी नहीं है, होता होगा डैंटल कालेजों में कभी कभी ......लेकिन अकसर हमें इस की ज़रूरत नहीं पड़ती.......प्यार से समझा बुझा कर बच्चे अकसर मान ही जाते हैं.........थोड़ा बहुत रो भी लेते हैं...........दर्द के लिए नहीं, अपने डर की वजह से.......यह मैं दांत उखड़वाने की बातें क्यों करने लगा, इस का कारण है .....एक खबर जो मैंने कुछ अरसा पहले देखी थी कि इंगलैंड में हर सप्ताह दांत उखड़वाने के लिए ५०० बच्चों को अस्पताल में भर्ती किया जाता है।
संक्षेप में यही कहेंगे कि बच्चों के दांतों को दुरूस्त करवाना बहुत ज़रूरी होता है।
यह जो तस्वीर आप जिस बच्ची के मुंह की देख रहे हैं ये तीन साल की है.....और लगभग एक वर्ष पहले आई थी...और कल भी आई थी अपने पेरेन्ट्स के साथ।
आप देख रहे हैं कि इस के ऊपर वाले आगे के अधिकतर दांत भर रखे हैं......इन सभी में दांत का कीड़ा (दंत क्षय) लगा हुआ था....जिस की वजह से इन्हें भरना पड़ा था।
मैं इस पोस्ट में यह बताना चाहता हूं कि जब यह पिछले साल आई थी तो इतनी छोटी थी कि इस के दांतों में फिलिंग करना तो दूर इस के मुंह के अंदर देखना भी मुश्किल लग रहा था लेकिन इस के बापू ने इसे मां की गोद में पकड़ कर रखा और यह काम हो गया था ..दो तीन विजिट में।
आज मुझे अच्छा लगा कि यह मां की गोद में चुपचाप बैठी रही और इस ने काम करवा लिया.
बच्चों के दांतों को एक बार ठीक करवा लिया तो इस का मतलब यह नहीं कि इन के बड़े होने तक छुट्टी हो गई......नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है.......आप को बच्चों को भी हर छःमहीने बाद दंत चिकित्सक को दिखाना ही होगा...एक तो यह कि हम बच्चों की खाने पीने की आदतों का जायजा लेते रहते हैं, उन के दांतों की साफ़-सफ़ाई की खबर लेते हैं ... जैसे कि इस बच्ची के ऊपर वाले आगे के सभी दांत रात के समय मुंह में दूध की बोतल लगा कर सोने से सड़ गये थे......मेरे कहने पर इस के मां-बाप ने इस की यह आदत छुड़वा दी।
छः महीने बाद बच्चों को इसलिए भी दिखाना ज़रूरी है क्योंकि हमें पता चलता है कि जो इलाज पहले किया गया था उस की कैसी हालत है, कुछ और तो करने की ज़रूरत नहीं है, या फिर किसी नये दांत में भी तो सड़न नहीं हो रही.....बच्चा मुंह में अंगूठा तो नहीं डाल रहा, नाखुन तो नहीं चबा रहा.......उस के पक्के दांत ठीक से अपनी जगह आ रहे हैं या कुछ करने की अभी से ज़रूरत है ताकि वे अपनी जगह पर ही आएं।
बहुत सी बातें हैं.........लेकिन एक बात है कि हमारे देश में बच्चों को बेहोश कर के उन के दांत उखाड़ने का ट्रेंड बिल्कुल भी नहीं है, होता होगा डैंटल कालेजों में कभी कभी ......लेकिन अकसर हमें इस की ज़रूरत नहीं पड़ती.......प्यार से समझा बुझा कर बच्चे अकसर मान ही जाते हैं.........थोड़ा बहुत रो भी लेते हैं...........दर्द के लिए नहीं, अपने डर की वजह से.......यह मैं दांत उखड़वाने की बातें क्यों करने लगा, इस का कारण है .....एक खबर जो मैंने कुछ अरसा पहले देखी थी कि इंगलैंड में हर सप्ताह दांत उखड़वाने के लिए ५०० बच्चों को अस्पताल में भर्ती किया जाता है।
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