एम एम एस से याद आया...रागिनी एमएमएस मैंने नहीं देखी, कईं बार चैनल सर्फिंग करते करते पता चलता कि कोई चैनल दिखा रहा होता है तो भी नहीं........क्या हासिल यह सब देख कर!
हम लोगों के आस पास ही क्या कम क्राइम पसरा पड़ा है कि अब इस तरह की फिल्में देखने की ज़रूरत महसूस हो। दो िदन पहले लखनऊ में ही एक बैंक की एक लेडी ब्रांच-मैनेजर को उस के पति ने ही किसी सुनसान जगह पर जाकर कत्ल कर दिया....अगले दिन उस की गुमशुदगी की रिपोर्ट करने जा पहुंचा। लेकिन पुलिसिया पूछताछ में सब कुछ बक गया।
दो चार दिन पहले अखबार में एक गैंग की खबर थी कि वे एटीएम के बाहर खड़े होकर किसी के एटीएम का नंबर देख लेते और फिर अंदर जा कर उस के पिन पर भी नज़र रख लेते, बस इन दोनों जानकारियों के साथ ऑनलाइन शॉपिगं करते और रेल हवाई टिकट बुक करवाते ...आखिर चढ़ गये पुलिस के हत्थे।
अब इस तरह की ब्लेकमेलिंग नहीं चलती .. |
मैं अकसर बहुत बार यह कहता हूं कि जैसे हर तरह का हुनर सीखने के लिए किसी उस्ताद की शरण में जाना पड़ता है, शागिर्दी ज़रूरी है, हम लोग अकसर फिल्मों में देखते हैं कि जेबकतरों की भी ट्रेनिंग होती है ..कितनी सफाई से वे जेब कतर जाते हैं......बिना भनक लगे। शायद इन के ऊपर वह आंखों से काजल चुराने वाली कहावत चरितार्थ होती है।
लेकिन अब तो और भी आसान हो गया......इस तरह की फांदेबाजी सीखना........सुबह का अखबार खोलते ही किसी भी श्रेणी में जुर्म करने के नये नये ढंग से आज कोई भी रू-ब-रू हो सकता है।
आज की टाइम्स ऑफ इंडिया के लखनऊ संस्करण में एक जैसी ही खबर छपी है...... Woman makes retired man's MMS.
यह जनाब ७० वर्ष के रिटायर्ड हैं...इन का कोर्ट कचहरी में अकसर जाना रहता था, केस वेस चल रहे थे....वहां पर इन की मुलाकात एक २० वर्ष की युवती से हो जाती है जो इन की मदद करने के बहाने इन के पास आने लगती है और उन्हें बताती है कि वह एक हर्बल सेंटर चलाती है जहां पर इन की शारीरिक तकलीफ़ों का हल हो जाएगा। बहला-फुसला कर वह उन्हें ले जाती है किसी हर्बल-सेंटर में जहां इन की मुलाकात वहां के मालिक आदि से भी होता है....दो महीने यह वहां से लेकर दवाईयां खाते रहते हैं......एक दिन यही युवती उन्हें कोई स्पेशल दवाई वहां पर खिला देती है जिसे खाते ही ये जनाब बेहोश हो जाते हैं और सुध आने पर अपने आप को बिल्कुल निर्वस्त्र पाते हैं.....तभी वह युवती और उस के दो दल्ले आकर उन्हें उन का एमएमएस दिखाते हैं जिस में उन्हें इस युवती के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था।
वहीं से ब्लैकमेलिंग का घिनौना खेल शुरू होता है.....ये जालसाज़ इस आदमी से पांच लाख की राशि मांगते हैं, वरना एमएमएस नेट पर डाल देने की धमकी देते हैं......जैसे तैसे यह आदमी इन्हें पांच लाख रूपया दे देते हैं.....लेकिन इन की मांग आगे से आगे बढ़ती ही जाती है.....ब्लैकमेलिंग करते करते यह इस बुज़ुर्ग का गुर्दा ही मांग बैठते हैं....
यह बात मेरठ शहर की है और आज की टाइम्स ऑफ इंडिया के पहले पन्ने पर छपी है..
अब मुझे इस खबरिया चैनल की तरह यह भी कहना पड़ेगा क्या.......चैन से जीना है तो जाग जाईए..... हसीन धोखे आप के आसपास भी हो सकते हैं। पक्की उम्र में तो और भी सचेत रहिए........पंजाबी में कहावत है.......कच्ची उम्र दा प्यार वी कच्चा, पक्की उम्र दा पक्का......चलिए जागर्स-पार्क से एक गीत सुनते हैं, यह फिल्म कभी ज़रूर देखिएगा....आप को ज़रूर गुदगुदाएगी ... ..यू-ट्यूब पर भी पड़ी हुई है......
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