अपने अनुभव के आधार पर अपने पुराने लिखे को बदलते भी रहना चाहिए। इतनी इतनी बड़ी किताबों के संशोधित संस्करण निकलते रहते हैं. इसलिए ब्लॉगिंग में भी किसी बात पर टस से मस हुए बिना अड़े रहना ठीक नहीं लगता।
इसलिए दो साल पुरानी बात को थोड़ा बदल रहा हूं, अपने दो वर्ष के अनुभव के आधार पर।
मुझे किचन में रखी प्लास्टिक की बोतलें देख कर बहुत अजीब सा लगता है... देख कर ही सिर भारी होने लगता है.... वैसे तो जो प्लास्टिक की बोतलें बाज़ार में पानी डाल कर फ्रिज़ में रखने के लिए बिकती हैं, वे तो दो एक ही हैं, उन का भी कोई भरोसा नहीं है.....क्या प्लास्टिक इस्तेमाल करते होंगे, किस ग्रेड का इस्तेमाल होता होगा इन्हें बनाने में.......कहां कहां कोई मगजमारी कर सकता है?
वैसे किचन में कईं बार पुरानी मिनरल वाटर की बोतलें, पुरानी कोल्ड-ड्रिंक्स की प्लास्टिक की बोतलें दिख जाती हैं जिन के बारे में बस इतना कहना चाहता हूं कि ये बोतलें केवल और केवल सिंगल इस्तेमाल के लिए होती हैं...... और यह भी विकसित देशों में तैयार इन बोतलें के बारे में कहा जाता है। इसलिए आप भली भांति सोच विचार कर सकते हैं कि क्या हम लोग इस तरह की बोतलों में पानी स्टोर कर के ठीक करते हैं ?
इसी प्लास्टिक की समस्या की वजह से ही मैंने दो वर्ष पहले एक पोस्ट लिखी थी......अभी ढूंढी तो मिल गई......प्लास्टिक की वॉटर बोतल फ्रिज में रखते समय सोचें ज़रूर.... इस में मैंने एक तरह से फ्रिज में कांच की बोतलों में पानी भर कर रखने की सिफारिश की थी। यह दो वर्ष पुरानी बात थी जब मैंने प्लास्टिक की बोतलों के बारे में कुछ भयानक बातें पढ़ी थीं।
लेिकन अनुभव के आधार पर इन दो वर्षों में जो सीखा वह आप से शेयर करना चाहता हूं......कांच की इन भारी भरकम बोतलों में पानी भर कर रखना बड़ा मुश्किल सा काम है......इन्हें बार बार उठाना --इधर उधर करना ही भारी भरकम सा काम है।
एक बात और भी तो है कि इन भारी भरकम कांच की बोतलों में पानी भरना भी थोड़ा सा मुश्किल काम है......थोड़ा बहुत वेस्ट हो जाता है इन्हें भरने के चक्कर में........इन्हीं दो कारणों की वजह से हम ने भी अब इन में पानी स्टोर करना बंद कर दिया है।
इसलिए यह विचार आते ही कल रात मैंने जब फ्रिज से पानी उठाने के लिए इसे खोला तो ये स्टील और तांबे की बोतलें एक लाइन में लगी देख कर अच्छा लगा, सोचा आप से भी यह तस्वीर शेयर करता हूं......वैसे भी तांबे में पानी स्टोर करने के कुछ लाभ भी तो बताते ही हैं आयुर्वेदिक विशेषज्ञ.....इस तरह की स्टील और तांबे की बोतलों को साफ़ करना भी आसान है........लेकिन मेरी श्रीमति कहती हैं कि तांबे की बोतलों की यदा कदा चमकाने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है।
बहरहाल, हम लोगों की पुरानी आदतें कहां इतनी आसानी से जाती हैं....... कांच की बोतलों में पानी रखने की जगह पर यह कांच का जग ज़रूर फ्रिज में पड़ा रहता है।
पानी की बातें करते करते गंगा मैया का ध्यान आ गया....... कल सुप्रीम कोर्ट ने भी गंगा की सफाई करने हेतु तैयार एक्शन-प्लॉन को देखने के बाद सरकार से पूछा है कि क्या गंगा इस सदी में साफ़ हो पाएगी?
Are plastic bottles a health hazard?
गंगा मैया को समर्पित यह सुंदर गीत........या भजन...कितने वर्षों से इसे बड़े बड़े लाउड स्पीकरों पर सुनते आ रहे हैं...
इसलिए दो साल पुरानी बात को थोड़ा बदल रहा हूं, अपने दो वर्ष के अनुभव के आधार पर।
मुझे किचन में रखी प्लास्टिक की बोतलें देख कर बहुत अजीब सा लगता है... देख कर ही सिर भारी होने लगता है.... वैसे तो जो प्लास्टिक की बोतलें बाज़ार में पानी डाल कर फ्रिज़ में रखने के लिए बिकती हैं, वे तो दो एक ही हैं, उन का भी कोई भरोसा नहीं है.....क्या प्लास्टिक इस्तेमाल करते होंगे, किस ग्रेड का इस्तेमाल होता होगा इन्हें बनाने में.......कहां कहां कोई मगजमारी कर सकता है?
वैसे किचन में कईं बार पुरानी मिनरल वाटर की बोतलें, पुरानी कोल्ड-ड्रिंक्स की प्लास्टिक की बोतलें दिख जाती हैं जिन के बारे में बस इतना कहना चाहता हूं कि ये बोतलें केवल और केवल सिंगल इस्तेमाल के लिए होती हैं...... और यह भी विकसित देशों में तैयार इन बोतलें के बारे में कहा जाता है। इसलिए आप भली भांति सोच विचार कर सकते हैं कि क्या हम लोग इस तरह की बोतलों में पानी स्टोर कर के ठीक करते हैं ?
इसी प्लास्टिक की समस्या की वजह से ही मैंने दो वर्ष पहले एक पोस्ट लिखी थी......अभी ढूंढी तो मिल गई......प्लास्टिक की वॉटर बोतल फ्रिज में रखते समय सोचें ज़रूर.... इस में मैंने एक तरह से फ्रिज में कांच की बोतलों में पानी भर कर रखने की सिफारिश की थी। यह दो वर्ष पुरानी बात थी जब मैंने प्लास्टिक की बोतलों के बारे में कुछ भयानक बातें पढ़ी थीं।
लेिकन अनुभव के आधार पर इन दो वर्षों में जो सीखा वह आप से शेयर करना चाहता हूं......कांच की इन भारी भरकम बोतलों में पानी भर कर रखना बड़ा मुश्किल सा काम है......इन्हें बार बार उठाना --इधर उधर करना ही भारी भरकम सा काम है।
एक बात और भी तो है कि इन भारी भरकम कांच की बोतलों में पानी भरना भी थोड़ा सा मुश्किल काम है......थोड़ा बहुत वेस्ट हो जाता है इन्हें भरने के चक्कर में........इन्हीं दो कारणों की वजह से हम ने भी अब इन में पानी स्टोर करना बंद कर दिया है।
इसलिए यह विचार आते ही कल रात मैंने जब फ्रिज से पानी उठाने के लिए इसे खोला तो ये स्टील और तांबे की बोतलें एक लाइन में लगी देख कर अच्छा लगा, सोचा आप से भी यह तस्वीर शेयर करता हूं......वैसे भी तांबे में पानी स्टोर करने के कुछ लाभ भी तो बताते ही हैं आयुर्वेदिक विशेषज्ञ.....इस तरह की स्टील और तांबे की बोतलों को साफ़ करना भी आसान है........लेकिन मेरी श्रीमति कहती हैं कि तांबे की बोतलों की यदा कदा चमकाने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है।
बहरहाल, हम लोगों की पुरानी आदतें कहां इतनी आसानी से जाती हैं....... कांच की बोतलों में पानी रखने की जगह पर यह कांच का जग ज़रूर फ्रिज में पड़ा रहता है।
पानी की बातें करते करते गंगा मैया का ध्यान आ गया....... कल सुप्रीम कोर्ट ने भी गंगा की सफाई करने हेतु तैयार एक्शन-प्लॉन को देखने के बाद सरकार से पूछा है कि क्या गंगा इस सदी में साफ़ हो पाएगी?
Are plastic bottles a health hazard?
गंगा मैया को समर्पित यह सुंदर गीत........या भजन...कितने वर्षों से इसे बड़े बड़े लाउड स्पीकरों पर सुनते आ रहे हैं...
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