शुक्रवार, 29 जुलाई 2011

तंबाकु धुएं वाला नहीं तो भी कोई बात कैसे नहीं....

एक तंबाकू जिसे चबाया जाता है, चूसा जाता है, गाल के अंदर-होठों के अंदर दबा कर रख दिया जाता है, गुटखा चबाया जाता है, खैनी खाई जाती है, मशेरी (powdered tobacco) जिसे दांतों पर घिसा जाता है, नसवार (Snuff) जो नाक से सूंघी जाती है, मसूड़ों पर लगाई जाती है... अकसर तंबाकू के ये वे रूप हैं जिन के साथ धुआं नहीं दिखता.......लेकिन कोई बात नहीं धुआं चाहे उस वक्त न दिखे लेकिन बाद में कभी न कभी तो ये सब वस्तुएं बंदे का धुआं निकाल के ही दम लेती हैं।

इस देश में हथेली में तंबाकू-चूना मसल के, और फिर उस को दाएं हाथ से छांट के जब आपस में थोड़ा थोड़ा बांटा जाता है तो राष्ट्रीय एकता का नज़ारा देखते बनता है ...लेकिन उस एकता का आचार डालें जिस में ज़हर ही बंटे।
हां, तो मुझे भी कईं बार मरीज़ पूछते पूछते झिझक से जाते हैं कि ना ना कोई बीड़ी सिगरेट नहीं, बस थोडा सा तंबाकू दिन में दो-एक बार और वह भी बस थोड़ा पेट की सफ़ाई के लिए।

अब मीडिया में इस धुएं-रहित तंबाकू के मुद्दे भी उछलते रहते हैं इसलिये लोग थोड़ा सा समझने तो लगे हैं कि इस से कैंसर –विशेषकर मुंह का कैंसर – होता है। और लगभग यह भी लोग जानते तो हैं कि इस से दांतों में सड़न होती है, मसूड़ों की बीमारी होती है और मसूड़े दांतों को छोड़ने लगते हैं। लेकिन तीन चीज़ें इस के अलावा जो लोग नहीं जानते उन्हें यहां रेखांकित किया जाना ज़रूरी है ..

1. अगर गर्भवती महिला इस तरह के तंबाकू का सेवन कर रही है तो उस में गर्भवस्था में होने वाली जटिलताओं जैसे कि शरीर में सूजन आ जाना (preeclampsia) , नवजात् शिशु का जन्म के समय वजन कम होना और समय से पहले ही बच्चा पैदा हो जाना(premature babies)

2. ऐसा भी नहीं है कि महिलाओं में तंबाकू अपने बुरे असर दिखाता है... पुरूषों में भी फर्टिलिटि से संबंधित इश्यू हो जाते हैं जैसे कि शुक्राणु का असामान्य हो जाना और शुक्राणुओं की संख्य़ा कम हो जाना।

3. और एक बहुत बड़ा पंगा यह है कि शौक शौक में चबाया जाने वाला तंबाकू वाला पान, खैनी, गुटखा, नसवार (creamy snuff) ...धीरे धीरे फिर यह बंदे को सिगरेट-बीड़ी की तरफ़ ले ही जाता है क्योंकि अगर कोई बिना धुएं वाला तंबाकू ही इस्तेमाल कर रहा है फिर भी उस में निकोटीन होने की वजह से इस की लत लगना तो लाजमी है ही।

हमारे देश में इस धुएंरहित तंबाकू की समस्या बहुत विकराल है। महिलाएं भी गांवों में बिंदास तंबाकू चबाती हैं ...किसी भी रूप में ...चाहे पान में डाल कर, चाहे पावडर-तंबाकू को दांतों पर घिस कर ..या फिर तंबाकू वाली पेस्टें मसूड़ों एवं दांतों पर घिस घिस कर मुंह के कैंसर को बुलावा दे बैठती हैं।

इस हैल्थ-टिप --- Smokeless Tobacco Isn’t a Safe Alternative…जो आप तक अमेरिका की सरकारी संस्था –सैंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल के सौजन्य से प्राप्त हो रही है, इस में लिखा एक एक शब्द आप कह सकते हैं पूर्णतया तथ्यों एवं सत्य पर आधारित होता है.... नो तीर, नो तुक्का, प्लेन सच।

आज कल अमेरिका जैसे देशों में भी स्मोकलैस तंबाकू काफी चलने लगा है... विशेषकर युवा वर्ग और खिलाड़ी इस स्मोक-लैस (धुएं रहित तंबाकू) तंबाकू का सेवन नसवार के रूप में करते हैं......इसलिये वहां पर किसी भी हालत में इस व्यसन को आगे नहीं बढ़ने के लिये सरकार कृत्त-संकल्प है ..........बिल्कुल जैसे हमारे यहां है.....क्या कहा? ..मुझे सुना नहीं .... नहीं, नहीं, आप यह कैसे कह सकते हैं कि हम लोग इस लत को जड़ से उखाड़ फैंकने के लिये कृत्त-संकल्प नहीं हैं, अरे यार, हम लोग कितने कितने वर्ष इन के पैकेटों पर दी जाने वाली डरावनी तस्वीरों पर राजनीति करते हैं !!

तंबाकू से संबंधित लेखों का पिटारा यह है .....तंबाकू का कोहराम

4 टिप्‍पणियां:

  1. वाह क्या लेख है, मष्तिष्क के तंतु झनझना गए, बहुत जानकारी से भरा हुआ लेख..

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  2. आज तक का मेरा पढ़ा हुआ सबसे बेहतरीन लेख वाह वाह
    कोपी कर के प्रिंट कर के स्कूल मे तम्बाकू भक्षियों को दूंगा
    आभार

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  3. बहुत जानकारी से भरा हुआ लेख|

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  4. तम्बाकू से पेट की सफाई, हा हा।

    तम्बाकू नामक दैत्य से लोगों को मारने की साजिश में तम्बाकू कम्पनियों के साथ-साथ सरकार की भी भूमिका है जो इस पर नियन्त्रण के बारे में गम्भीर नहीं है।

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