थायरायड ग्लैंड गले के अगले हिस्से में चमड़ी एवं मांसपेशियों के नीचे स्थित है। इस की आकृति एक तितली जैसी लगती है और इस का वज़न एक आउंस ( लगभग 25 ग्राम) से भी कम होता है।
इतना छोटे होते हुये भी यह थायरायड ग्लैंड ( थायरायड ग्रंथि) बेहद महत्त्वपूर्ण हारमोन्ज़ उत्पन्न करते हैं। ये हारमोन्ज़ हमारे शरीर की विभिन्न प्रक्रियाओं के साथ साथ हमारी ग्रोथ ( growth) को नियंत्रण करता है।
थायरायड को अपना काम करने के लिये आयोडीन नामक एक कैमीकल ऐलीमेंट चाहिये होता है जिसे हमारा शरीर खाने एवं पानी से ग्रहण करता है। सारे शरीर में आयोडीन की कुल मात्रा 50 मिलीग्राम( अर्थात् एक ग्राम का भी बीसवां हिस्सा) होती है। इस में से 10-15 मिलीग्राम आयोडीन तो थायरायड ग्रंथि में ही जमा होता है। थायरायड इस आयोडीन को टायरोसीन( एक इशैंशियल अमाइनो एसिड) के साथ मिला कर बहुत महत्त्वपूर्ण हारमोन्ज़ (थायरायड हारमोनज़) पैदा करता है।
थायरायड ग्लैंड से ये थायरायड हारमोन्ज़ निकल कर रक्त में मिलने के पश्चात् शरीर की कोशिकाओं में पहुंचते हैं. ये हमारे विकास ( ग्रोथ) एवं हड्डियों की बनावट, हमारी यौवनावस्था ( प्यूबर्टी) के साथ साथ बहुत सी शारीरिक प्रक्रियाओं का नियंत्रण करती हैं। अगर थायरायड ग्लैंड ठीक से काम नहीं करता तो शरीर के बहुत से हिस्सों में बहुत सी परेशानियां हो जाती हैं।
इतना छोटे होते हुये भी यह थायरायड ग्लैंड ( थायरायड ग्रंथि) बेहद महत्त्वपूर्ण हारमोन्ज़ उत्पन्न करते हैं। ये हारमोन्ज़ हमारे शरीर की विभिन्न प्रक्रियाओं के साथ साथ हमारी ग्रोथ ( growth) को नियंत्रण करता है।
थायरायड को अपना काम करने के लिये आयोडीन नामक एक कैमीकल ऐलीमेंट चाहिये होता है जिसे हमारा शरीर खाने एवं पानी से ग्रहण करता है। सारे शरीर में आयोडीन की कुल मात्रा 50 मिलीग्राम( अर्थात् एक ग्राम का भी बीसवां हिस्सा) होती है। इस में से 10-15 मिलीग्राम आयोडीन तो थायरायड ग्रंथि में ही जमा होता है। थायरायड इस आयोडीन को टायरोसीन( एक इशैंशियल अमाइनो एसिड) के साथ मिला कर बहुत महत्त्वपूर्ण हारमोन्ज़ (थायरायड हारमोनज़) पैदा करता है।
थायरायड ग्लैंड से ये थायरायड हारमोन्ज़ निकल कर रक्त में मिलने के पश्चात् शरीर की कोशिकाओं में पहुंचते हैं. ये हमारे विकास ( ग्रोथ) एवं हड्डियों की बनावट, हमारी यौवनावस्था ( प्यूबर्टी) के साथ साथ बहुत सी शारीरिक प्रक्रियाओं का नियंत्रण करती हैं। अगर थायरायड ग्लैंड ठीक से काम नहीं करता तो शरीर के बहुत से हिस्सों में बहुत सी परेशानियां हो जाती हैं।
थायरायड की बीमारी आखिर है क्या ?जब थायरायड उपर्युक्त मात्रा में हारमोन्ज़ उत्पन्न नहीं कर पाये तो उसे थायरायड की बीमारी कहते हैं। अगर यह ग्लैंड कुछ ज़्यादा ही काम ( ओवर एक्टिव) कर रहा है तो यह हमारे रक्त में ज़्यादा मात्रा में हारमोन्ज़ रिलीज़ कर देता है और इस अवस्था को हाइपरथायरायडिज़्म कहते हैं।
इस के विपरित हाइपोथायरायडिज़्म में थायरायड के द्वारा कम मात्रा में हारमोन्ज़ उत्पन्न किये जाते हैं और कोशिकाओं के स्तर पर सारी प्रक्रियायें धीमी पड़ जाती हैं।
ये दोनों अवस्थायें बिल्कुल अलग हैं लेकिन इन दोनों में ही थायरायड ग्लैंड का साइज़ बढ़ जाता है। एक बड़े आकार का थायरायड ग्लैंड गले के अगले हिस्से की चमड़ी के नीचे एक लंप की तरह फील किया जा सकता है। और अगर इस का आकार इतना बढ़ जाये कि यह बड़ा हुआ लंप दूर से ही दिखने लगे तो इसे ग्वायटर ( goiter) कह दिया जाता है। जिन लोगों को खान-पान में आयोडीन की मात्रा उपर्युक्त मात्रा में नहीं मिल पाती उन में यह ग्लैंड का आकार बड़ा हो जाता है।
---------क्रमशः -----
थायरॉइड ग्रंथि के बढ़ने की बीमारी (घेंघा रोग) बिहार और मध्य प्रदेश में एक समय महामारी था। लेकिन आज आयोडीन नमक के सहारे स्थिति काफी सुधरी है। जानकारी के लिये धन्यवाद, अगली कड़ी का इंतजार!
जवाब देंहटाएंआयोडीन तो अब हर नमक में होता है, फिर ये बीमारी क्यों कर हो जाती है?
जवाब देंहटाएंजानकारी के लिये धन्यवाद, अगले लेख का इंतजार रहेगा।
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