अभी अभी सोचा कि क्यों न पिछली पोस्ट पर टिप्पणीयां करने वाले ब्लागर बंधुओं को एक खत के माध्यम से ही धन्यवाद कह दूं। इसलिये इन बंधुओं के नाम लिखे खत को इस इंक-ब्लागिंग स्टाइल में प्रस्तुत कर रहा हूं।
साईड की पट्टी में क्या लिखा है प नहीं पाये, गर्दन टेढ़ी रहते रहते दुखने लगी है। :) कागज बच्चों की नोटबुक की बजाय A4 भी लिया जा सकता है। :) इंक ब्लॉगिंग करने के लिये बधाई।
प्रवीण सर, आपने सही लिखा कि बीते समय में हम पोस्टकार्डों, अन्तर्देशीय पत्रों का क्या हाल कर देते थे. जहां खाली जगह मिले वहीं थोड़ा और लिख दो. लगता है मुझे भी अब एक scanner लेना ही पड़ेगा.
अच्छी स्टाइल है।
जवाब देंहटाएंसाईड की पट्टी में क्या लिखा है प नहीं पाये, गर्दन टेढ़ी रहते रहते दुखने लगी है। :)
जवाब देंहटाएंकागज बच्चों की नोटबुक की बजाय A4 भी लिया जा सकता है।
:)
इंक ब्लॉगिंग करने के लिये बधाई।
मैने भी पहले कुछ पोस्ट लिखी थी इसी तरह। वे निम्न है।
जवाब देंहटाएंहस्तचिट्ठाकारी
आप का धन्यवाद मिल गया। हस्तलिखित पत्र हो गया , अब इसे सजाना भी तो पड़ेगा।
जवाब देंहटाएंप्रवीण सर,
जवाब देंहटाएंआपने सही लिखा कि बीते समय में हम पोस्टकार्डों, अन्तर्देशीय पत्रों का क्या हाल कर देते थे. जहां खाली जगह मिले वहीं थोड़ा और लिख दो.
लगता है मुझे भी अब एक scanner लेना ही पड़ेगा.