चोपडा जी, भारत एक ऎसा देश हे जहां भगवान हर कदम पर हम सब की मदद करते हे, यानि खुद विराजमान हे,उदाहरण काफ़ी हे... १.जिस देश मे खाने पीने की चीजो मे मिलावट हो, या नकली हो लोग खा पीकर फ़िर भी जिन्दा हे,इन्हे कोन बचा रहा हे ? २.बिमार होने पर कई बार ड्रा भी नकली (RMP ओर कई झोला छाप ) इन से कोन बचाता हे? ३. अगर किस्मत से ड्रा भी आप जेसा भला ओर असली मिल जाये, तो दवा नकली, अब इस दवा मे उस बेचारे मरिज को कोन बचाता हे ? ४. इन सब के खर्चो से तगं आ कर आदमी मरने के लिये जहर खाता हे वो भी नकली , उसे कोन बचाता हे ? अरे इन्हे सिर्फ़ भगवान बचाता हे, तो हुया ना भगवान भारत मे, आप का लेख हमेशा की तरह से बहुत ही प्रेणादायक हे, काश सभी नागरिक आप की तरह सोचे.
प्रवीण जी आप शत-प्रतिशत सही कह रहे है। दूध के लिए तो अब जनता सिर्फ़ बाजार मे मिलने वाले दूध अब वो पाउडर का हो या यूरिया मिला उसे पीना ही पड़ रहा है। अब कहाँ ग्वाले गाय-भैंस वाले होते है।
चोपडा जी, भारत एक ऎसा देश हे जहां भगवान हर कदम पर हम सब की मदद करते हे, यानि खुद विराजमान हे,उदाहरण काफ़ी हे...
जवाब देंहटाएं१.जिस देश मे खाने पीने की चीजो मे मिलावट हो, या नकली हो लोग खा पीकर फ़िर भी जिन्दा हे,इन्हे कोन बचा रहा हे ?
२.बिमार होने पर कई बार ड्रा भी नकली (RMP ओर कई झोला छाप ) इन से कोन बचाता हे?
३. अगर किस्मत से ड्रा भी आप जेसा भला ओर असली मिल जाये, तो दवा नकली, अब इस दवा मे उस बेचारे मरिज को कोन बचाता हे ?
४. इन सब के खर्चो से तगं आ कर आदमी मरने के लिये जहर खाता हे वो भी नकली , उसे कोन बचाता हे ?
अरे इन्हे सिर्फ़ भगवान बचाता हे, तो हुया ना भगवान भारत मे,
आप का लेख हमेशा की तरह से बहुत ही प्रेणादायक हे, काश सभी नागरिक आप की तरह सोचे.
प्रवीण जी आप शत-प्रतिशत सही कह रहे है। दूध के लिए तो अब जनता सिर्फ़ बाजार मे मिलने वाले दूध अब वो पाउडर का हो या यूरिया मिला उसे पीना ही पड़ रहा है।
जवाब देंहटाएंअब कहाँ ग्वाले गाय-भैंस वाले होते है।