शिक्षा विभाग, चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा जारी इस सरकारी विज्ञापन को मैंने आज सुबह अखबार में जब से देखा है तो मैं यही सोच रहा हूं कि यह किसी परीक्षा के परिणाम की सूचना दे रहा है या किसी सुनामी की चेतावनी दे रहा है। जो भी हो, आप भी यह विज्ञापन देखें और यह फील करें कि यह विज्ञापन हमें बहुत कुछ सोचने पर मजबूर भी तो कर रहा है। इतना तनाव और वह भी आठवीं कक्षा के इन बच्चों में !!
लेकिन इस विज्ञापन को देखने के बाद आप प्रशासन की भी चेतनता की दाद दिये बिना कैसे रह पायेंगे! ठीक है, इस तरह की समस्यायें देखी तो जाती हैं....लेकिन अकसर बारहवीं के परिणाम के बाद या कभी कभी दसवीं के परीक्षा परिणामों के बाद भी तो इस तरह की खबरें न्यूज़ में रहती हैं। और हां, उन दिनों एफएम पर इस तरह के प्रोग्राम भी कईं बार सुनाये जाते हैं जिन में कांऊस्लर्ज़ इन छात्रों को परिणामों को फेस करने के टिप्स बताते हैं या तो फिर कईं न्यूज़-पेपरर्ज़ में टीन-एजर्ज़ के जो सप्लीमेंट्स आते हैं उन में इस तरह के विषय कवर होते हैं। लेकिन इस तरह का सरकारी इश्तिहार भई मैंने तो पहली बार ही देखा है।
आठवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित करने से पहले इस तरह की Disaster preparedness देख कर मिक्सड़ फीलिंग्स सी हो रही हैं। बड़े बड़े चिकित्सक तैयार हैं... उन के मोबाइल फोन इश्तिहार में बताये गये हैं।
इस लाइन की तरफ तो ध्यान करिये.....माता-पिता को सलाह दी जाती है कि यदि बच्चा ज्यादा उदास या परेशान लगे तो इन नंबरों पर संपर्क करें व बच्चे को अकेला ना छोड़ें, उसका मन लगाएं , भला बुरा न कहें..............यह पढ़ कर मेरे मन में तो यही विचार आ रहा है कि रिजल्ट से पहले ही वह पंजाबी का गीत सीडी में डाल कर तैयार ही रखा जाये....जिस के बोल हैं......खायो पियो ऐश करो मितरो...दिल पर किसे दा दुखायो ना.........और हां, अगर बच्चे के बाप को अच्छा भंगड़ा डालना आता हो और मां को गिद्दा डालना आता है तो ऐसे समय में यह बहुत काम आयेगा क्योंकि प्रशासन भी तो यही कह रहा है कि उदास बच्चे का मन लगायें.......और जब भांगड़ा डालने के बाद सारा परिवार अच्छी तरह हांफ जाये तो किसी फास्ट-फूड रैस्टरां में जाकर चाइनीज़ खाने पर टूट पड़ने के बारे में आप का क्या ख्याल है !!
ओहो, यह क्या भूल हो गई, ....विज्ञापन में बात तो कही गई है कि 31मार्च को आठवीं कक्षा को रिजल्ट आने वाला है लेकिन यह विज्ञापन आज 1 अप्रैल को अखबार में क्या कर रहा है....अगर कल ही किसी के साथ कोई मिसहैपनिंग हो जाती तो !!
खैर, मैं तो फिलहाल यही सोच रहा हूं कि समय बहुत जल्दी बदल रहा है और शायद अगले साल प्रशासन को पांचवी कक्षा के परिणाम से पहले भी ऐसा विज्ञापन देना पड़े। लेकिन ध्यान रहे.....रिजल्ट से पहले, बाद में नहीं !!
लेकिन इस विज्ञापन को देखने के बाद आप प्रशासन की भी चेतनता की दाद दिये बिना कैसे रह पायेंगे! ठीक है, इस तरह की समस्यायें देखी तो जाती हैं....लेकिन अकसर बारहवीं के परिणाम के बाद या कभी कभी दसवीं के परीक्षा परिणामों के बाद भी तो इस तरह की खबरें न्यूज़ में रहती हैं। और हां, उन दिनों एफएम पर इस तरह के प्रोग्राम भी कईं बार सुनाये जाते हैं जिन में कांऊस्लर्ज़ इन छात्रों को परिणामों को फेस करने के टिप्स बताते हैं या तो फिर कईं न्यूज़-पेपरर्ज़ में टीन-एजर्ज़ के जो सप्लीमेंट्स आते हैं उन में इस तरह के विषय कवर होते हैं। लेकिन इस तरह का सरकारी इश्तिहार भई मैंने तो पहली बार ही देखा है।
आठवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित करने से पहले इस तरह की Disaster preparedness देख कर मिक्सड़ फीलिंग्स सी हो रही हैं। बड़े बड़े चिकित्सक तैयार हैं... उन के मोबाइल फोन इश्तिहार में बताये गये हैं।
इस लाइन की तरफ तो ध्यान करिये.....माता-पिता को सलाह दी जाती है कि यदि बच्चा ज्यादा उदास या परेशान लगे तो इन नंबरों पर संपर्क करें व बच्चे को अकेला ना छोड़ें, उसका मन लगाएं , भला बुरा न कहें..............यह पढ़ कर मेरे मन में तो यही विचार आ रहा है कि रिजल्ट से पहले ही वह पंजाबी का गीत सीडी में डाल कर तैयार ही रखा जाये....जिस के बोल हैं......खायो पियो ऐश करो मितरो...दिल पर किसे दा दुखायो ना.........और हां, अगर बच्चे के बाप को अच्छा भंगड़ा डालना आता हो और मां को गिद्दा डालना आता है तो ऐसे समय में यह बहुत काम आयेगा क्योंकि प्रशासन भी तो यही कह रहा है कि उदास बच्चे का मन लगायें.......और जब भांगड़ा डालने के बाद सारा परिवार अच्छी तरह हांफ जाये तो किसी फास्ट-फूड रैस्टरां में जाकर चाइनीज़ खाने पर टूट पड़ने के बारे में आप का क्या ख्याल है !!
ओहो, यह क्या भूल हो गई, ....विज्ञापन में बात तो कही गई है कि 31मार्च को आठवीं कक्षा को रिजल्ट आने वाला है लेकिन यह विज्ञापन आज 1 अप्रैल को अखबार में क्या कर रहा है....अगर कल ही किसी के साथ कोई मिसहैपनिंग हो जाती तो !!
खैर, मैं तो फिलहाल यही सोच रहा हूं कि समय बहुत जल्दी बदल रहा है और शायद अगले साल प्रशासन को पांचवी कक्षा के परिणाम से पहले भी ऐसा विज्ञापन देना पड़े। लेकिन ध्यान रहे.....रिजल्ट से पहले, बाद में नहीं !!
डॉक्टर साहब। विज्ञापन तो पहले भी देखे हैं ऐसे ही। इस विज्ञापन को तो लगता है अखबार का पेट भरने के लिए ही दिया गया होगा।
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