मंगलवार, 26 फ़रवरी 2008

अब आप होम-वर्क की भी परवाह नहीं करते !


मैं बहुत अफसोस से यह कह रहा हूं कि मैंने इसी बलोग की पिछली पोस्ट पर रविवार के दिन आप को एक होम-वर्क दिया था, लेकिन केवल उन्मुक्त जी ने ही उसे सीरियसली लिया है और अपना होम-वर्क कर के दिखाया है। आप क्यों नहीं कर रहे ? ---नहीं , नहीं ,कोई बहानेबाजी यहां नहीं चलेगी। आप अभी इस से पिछली पोस्ट देखिए और एक-दो दिन के अंदर जैसा कहा गया है वैसा करिये।

मैं इस बारे में बहुत ही गंभीर हूं कि हम ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को कंप्यूटर और इंटरनेट के साथ जोड़ने के लिए क्यों ना कुछ हिंदी में याहूआंसर्ज़ या उस से भी बढ़िया कुछ शुरू करें। जिस में तरह तरह के जिज्ञासु हमारी अपनी भाषा के साथ जुड़ेगें। कुछ इस तरह के ही प्रश्न मैंने होम वर्क में दिये हैं , तो क्या आप को यह होम-वर्क मुशिकल जान पड़ रहा है। अगर नहीं, तो दौड़ा डालिए अपनी उंगली को अपनी की-बोर्ड पर......

NOTE……………Please take it seriously ….otherwise matter will be reported to worthy Principal .

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