शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2008

आधा लिटर चकुंदर का जूस पीने के लिए कितने चकुंदर चाहिए होंगे ?



आज सुबह से मुझे यह प्रश्न परेशान कर रहा है, क्योंकि आज की टाइम्स ऑफ इंडिया में उस चकुंदर वाली खबर में यह जानकारी नहीं थी। एक न्यूज़ रिपोर्ट आज की टाइम्स में दिखीं कि प्रतिदिन सिर्फ़ 500 मिली.चकुंदर का जूस पीने से उच्च रक्तचाप घट सकता है ( Researchers from………have discovered that drinking just 500ml of beetroot juice a day can significantly reduce BP)…..अंग्रेज़ी में इसलिए लिख दिया है ताकि आप कहीं यह मत समझ लें कि 500मिली.से पहले मैंने सिर्फ़ अपने आप लिखा है। चौदह वलंटियरों पर यह अध्ययन विलियम हार्वे रिसर्च इंस्टीच्यूट एवं लंदन स्कूल ऑफ मैडीसन में किया गया। अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक के अनुसार बीट-रूट जूस में मौजूद डायटिरि नाइट्रेट की वजह से रक्त का बहाव खुल जाता है...( it’s the ingestion of dietary nitrate contained within beetroot juice that dilates blood flow).
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अपोलो हास्पीटल के एक कार्डियोलॉजिस्ट ने इस संबंध में टिप्पणी देते हुए कहा है कि एक टेबलेट ले लेना बीट-रूट(चकुंदर) के जूस निकालने एवं उसे पीने से आसान है। उस ने आगे यह भी कहा है कि इस जूस के पीने से बीपी कुछ समय के लिए कम हो जाता होगा, लेकिन क्या यह मरीज़ की क्लीनिक कंडीशन में सुधार ला सकता है ?...साथ में उन्होंने यह भी कहा है कि एक बीपी कम करने वाली टेबलेट सस्ती भी पड़ेगी।
इस बात का जवाब अध्ययन करने वाली वैज्ञानिक ने कुछ इस तरह से दिया है कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि सभी बीपी के मरीज़ों के लिए बीट-रूट(चकुंदर) एक राम-बाण( panacea) है। उन्होंने यह भी कहा है कि उन का अध्ययन आगे भी यह देखने के लिए जारी है कि अगर नाइट्रेस को टेबलेट फार्म में लिया जाए तो क्या फिर भी वे बीपी को कम करने का काम कर सकते हैं। उस अध्ययनकर्त्ता ने यह कहा है कि हम तो कह रहे हैं कि ताजा चकुंदर का जूस भी लाभदायक सिद्ध हो सकता है...थोड़ा-बहुत अगर आप अपनी डाइट में इसे शामिल करेंगे तो इस से आप को बीपी कम करने में मदद मिलेगी।
टिप्पणी...............अच्छी बात है कि लोगों को प्राकृतिक खाने की इस रिपोर्ट से प्रेरणा मिलेगी। वैसे भी तो चकुंदर के बहुत से गुण हैं जिन का हमें लाभ पहुंच सकता है। लेकिन यह आधा लिटर चकुंदर जूस वाली बात कुछ मुश्किल जान पड़ती है...अब रिपोर्ट में यह कहीं नहीं लिखा कि इस अभियान में शामिल होने के लिए कितने चकुंदर चाहिए होंगे.....वैसे तो चकुंदर बाज़ार में कम ही दिखते हैं....ये चकुंदर जो आप इस तस्वीर में देख रहे हैं , ये भी पिछले दिनों Reliance Fresh से खरीदे गये थे......बस ये तो वहां पर ही कभी कभी दिखते हैं।
जो भी हो, लेकिन हम इन चकुंदरों का कम से कम थोड़ा बहुत प्रयोग करना तो शुरू कर ही सकते हैं। अगर आप ने अभी तक कभी इस्तेमाल नहीं किया तो स्लाद के रूप में ही इस का इस्तेमाल शुरू तो करिए.....बहुत फायदेमंद है।
मुझे लोगों से यह आपत्ति है कि एक बार किसी बात को सुन लेते हैं न तो फिर हाथ धो कर उस के पीछे पड़ जाते है....कईं बार कईं शुगर के मरीज़ जामुनों का एवं जामुन के बीजों को भी इस तरह से ही इस्तेमाल करते हैं.....कुछ लोग सब दवाईयां, सब परहेज़ छोड़-छाड़ कर शुगर कंट्रोल करने के लिए बस करेलों का जूस पीने ही में लगे हैं । ठीक है, इन खाद्य पदार्थों का बहुत महत्त्व बताया गया है ....लेकिन यह भी तो नहीं कि बस केवल वही चीज़े खाने से या उन का जूस पी लेने से ही रोग कट जायेगा...आप ऐसा कुछ भी करें तो भी अपने चिकित्सक(किसी भी चिकित्सा पद्धति से संबंधित) के नोटिस में यह बात ज़रूर लाया करें....यह तो बिल्कुल नहीं कि अब मैंने करेले का जूस पीना शुरू कर दिया है , इसलिए अब मुझे शुगर की किसी तरह की दवाईयां खाने की ज़रूरत नहीं है.....ऐसा सोचना भी आत्मघाती है....क्योंकि एक क्वालीफाइड चिकित्सक केवल आप के शुगर अथवा बीपी के स्तर को ही नहीं देखता---उन की निगाह आप के शरीर के विभिन्न अंगों की कार्य-प्रणाली पर भी बनी रहती है कि क्या सारी मशीनरी ठीक ढंग से चल रही है या नहीं। इसलिए इन सब खाने-पीने वाली चीज़ों को एक support के रूप में इस्तेमाल करें , लेकिन फिर भी अपने क्वालीफाइड चिकित्सक को तो नियमित आप को मिलते रहना ही चाहिए।
बात इतनी लंबी हो गई है कि पता नहीं मेरा प्रश्न ही कहां गुम हो गया है कि .......आधा लिटर चकुंदर का जूस पीने के लिए कितने चकुंदरों को जूसर में पिसना होगा.......अगर आप में से कोई इस एक्सपैरीमैंट को करे तो मेरे को ज़रूर बतलाइएगा ताकि किसी मरीज़ के पूछने पर मैं फिर उसे पूरी जानकारी दे सकूं। लेकिन, हां, यहां सब इतना आसान थोड़े ही है ...चकुंदर का जूस तैयार भी हो गया तो भी कईं तरह के वहम-भुलेखे...कुछ कहेंगे कि यह गर्म है , कुछ कहेंगे यह ठंडा है., कुछ कहेंगे ठंडी में नहीं लेना, कुछ कहेंगे यह......कुछ कहेंगे....वह......, लेकिन काम की बात यही है कि है यह चकुंदर बहुत काम की चीज़, जितना इसका इस्तेमाल कर सकते हो कर लिया करें।

5 टिप्‍पणियां:

  1. ताजे चुकंदर में लगभग 60% रस होता है और 40% चोखर. इसके अनुसार आपको लगभर 800 तो 900 ग्राम चुकंदर चाहिये.

    तो कब निकाल रहे हैं?

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  2. महोदय, जानकारी के लिए शुक्रिया।

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  3. जानकारी के लिये शुक्रिया। लेकिन यह बतायें कि चुकंदर का जूस पीना बड़ा मुश्किल हो जाता है उसका स्वाद बड़ा अजीब सा लगता है। इससे निबटने का क्या उपाय है?

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  4. रविन्द्र जी, इस का मुझे भी बस इतना ही तजुर्बा है कि जब हम योग आश्रम जाया करते थे तो वहां हमें इस के जूस को एशगार्ड (सफेद पेठा) वगैरा के जूस के साथ मिला कर पिलाते थे। तब तो टेस्ट ठीक ही लगता था।वैसे तो उस के स्वाद को थोड़ा अपने taste के अनुरूप करने के लिए हम जो भी चाहें उस में डाल लें...बस चीनी एवं नमक की मात्रा ज्यादा न हो जाए, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाय़े।

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  5. मधुमेह व उच्चरक्तचाप के लिए मैं अपने पति को एक चम्मच सुखाए हुए करेले का पावडर, एक चम्मच मैथी के बीजों का पावडर, एक चम्मच तिंडोरे का पावडर, दो या तीन लहसुन की कटी कलियाँ नाश्ते से पहले देती हूँ । नाश्ते में गेहूँ का दलिया या उससे भी बेहतर दूध व ओट्स बिना शक्कर के कुछ कटे फलों के साथ देती हूँ । एक भूरी याने गेहूँ, ना कि मैदे की ब्रैड की स्लाइस एक अँडे की जर्दी के साथ देती हूँ ।
    घुघूती बासूती

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