शनिवार, 6 फ़रवरी 2016

आज की सुर्खियां.. ६.२.२०१६

वैसे तो सभी सुर्खियां अब रोज़ एक जैसी ही होती हैं.. मारधाड़, लूटपाट, छीना-झपटी, निर्मम हत्याएं..लेकिन फिर भी कभी कभी कुछ अलग सा हो जाता है ...जैसे सोनू निगम एपीसोड में हुआ।

चलिए, सोनू निगम की बात करने से पहले आप यह बिल्कुल छोटा सा वीडियो देख लीजिए...फिर बात करते हैं.. 


सोनू निगम ने दी असहिष्णुता की नई परिभाषा 

यह जो आपने वीडियो देखी है ..यह गाना सोनू निगम ने हवाई यात्रा करते हुए गाया... फ्लाईट के स्टॉफ ने उन्हें अपना माइक दे दिया...इसी चक्कर में पांच एयर-होस्टेस को निलंबित कर दिया गया....निलंबित का मतलब नहीं पता?...सुस्पेन्ड हो गईं वे अपनी सर्विस से। 

अब सोनू निगम कह रहे हैं यह तो सरासर असहिष्णुता है ..कॉमन सैंस की कमी है ...क्योंकि सोनू निगम ने कहा है कि उन्होंने तो दूसरे देशों में फ्लाईट के दौरान म्यूजिक कंसर्ट होते देखे हैं...


यह जो असहिष्णुता शब्द है न यह भी एक ट्रेंडी शब्द बन गया है, जिसे देखो इसे डिफाईन करने लगा है ...और इसी चक्कर में पंगा मोल ले लेता है.. 

सोनू निगम को यह समझने की ज़रूरत है कि अनुशासन कायम रखने को असहिष्णुता नहीं कहा जा सकता...न ही यह किसी कॉमन-सैंस की कमी ही है...जो लोग प्रशासन में शीर्ष जगहों पर बैठे हैं उनकी बहुत बड़ी जवाबदारी है...हर जगह का, हर सफर के अपनी कायदे-कानून हैं...उन का पालन तो होना ही चाहिए ..

अगर इन्हीं तीन चार मिनटों के दौरान अचानक मौसम में बदलाव होता, किसी तरह की कोई उदघोषणा करनी पड़ती या इस दौरान इतने सारे जो यात्री हमें इस वीडियो में दिख रहे हैं, इन में से कोई गिर-विर ही जाता तो क्या वह इस के लिए एयरवेज़ को दोषी नहीं ठहराता?....

एक बात है कि कल ही एक महान् एयरहोस्टेस नीरजा चौधरी के ऊपर एक फिल्म रिलीज़ हुई है... तो उस जांबाज़ नीरजा को याद करते हुए एक स्पेशल केस के तौर पर इन सभी निलंबित कर्मचारियों को बहाल कर दिया जाना चाहिए... एक चेतावनी के साथ ...वैसे भी लगता है कि सोशल मीडिया पर जिस तरह से यह वीडियो वॉयरल हुआ है, आगे से लोग न तो माईक थमाने वाले और न ही माईक थामने वाले ऐसी हिम्मत फिर से नहीं करेंगे.....और यही सभी यात्रियों की सुरक्षा के लिए मुनासिब भी होगा। 

टायलेट सेना भी आई हरकत में 

टायलेट सेना का यह चक्कर है कि बरेली में जब कुछ गांव वालों ने सरकारी मदद से उन के घरों में तैयार किये गये शौचालयों में उपले और बर्तन रखने शुरू कर दिये और स्वयं पहले की ही तरह सुबह-सवेरे जंगल में ही जाने लगे तो वहां पर २५-३० लोगों की एक टॉयलेट सेना तैयार हो गई है ...बड़े-बुज़ुर्ग, बच्चे और महिलाओं की टोली ...जो सुबह पांच बजे से ही सक्रिय हो जाती है .. और तीन घंटे तक गश्त करती है ..जहां भी लोग बाहर खुले में अपने आप को हल्का करते दिखते हैं, यह सेना सीटी बजाना शुरू कर देती है और ज़रूरत पड़ने पर उन से पानी का लोटा भी छीन लेती है यह सेना। इस प्रयास से खुले में शौच करने वाले भाग निकलते हैं अपने अपने घरों की तरफ़। 

शायद हमारी बहुत सी समस्याओं के समाधान इसी तरह से हो पाएंगे....इन गांव वालों की ही बात नहीं है, महामना जैसी स्मार्ट ट्रेन में यात्रा करने वाले भी कम से कम इतने तो स्मार्ट होंगे ही कि वे गाड़ी की स्वच्छता का ध्यान रख सकें...लेकिन ऐसा नहीं होगा शायद क्योंकि सरकार को इस स्मार्ट ट्रेन में यात्रा करने वाले लोगों को थोड़ी तहज़ीब सिखाने की ज़रूरत महसूस हो रही है...

यह तो हमने सुना था कि पहले ही दिन कुछ टूटियां गायब हो गई थीं... अब रेलवे ने यह निर्णय लिया है कि जो लोग इस गाड़ी में गंदगी फैलाएंगे उन्हें दण्ड तो देना हो होगा...वैसे उन्हें साफ़-सफ़ाई के पाठ भी पढ़ाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। 

Wish we had a better civic sense!

शबाना आज़मी को मिला पुश्तैनी घर वापिस 

३८ साल के संघर्ष के बाद शबाना आज़मी को उन का पैत्तृक घर वापिस मिल गया है...आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट के जरिये से ..क्योंकि कैफ़ी साहब अपने लोगों पर जिन्होंने उस पर कब्जा कर रखा था..कोर्ट में केस नहीं करना चाहते थे...मैं सोच रहा था कि अगर ऐसे लोगों को इतना लंबा संघर्ष करना पड़ सकता है तो आम आदमी की तो बिसात ही क्या है।

कैफ़ी आज़मी साहब का जन्म इसी मकान मे हुआ था ..मिजवां नाम से जगह है यू.पी में। और शबान आज़मी इस गांव में बहुत से कल्याणकारी काम करती आ रही हैं..अब यहां इस घर में कैफ़ी साहब का म्यूज़ियम बनेगा। कुछ दिन पहले मैं एक समारोह में था तो यू पी के चीफ़ सैक्रेटरी ने शबाना के बारे में कहा (वे भी वहां मौजूद थीं) कि इन के गांव में ट्यूबवैल भी कहीं लगना हो तो यह मुझे संपर्क करती हैं...और उन्होंने कहा कि वह ट्यूबवैल लग गया था। 

शबाना आज़मी को इस जीत के लिए बहुत बहुत बधाईयां.....अच्छा लगा इन की यह तस्वीर देख कर उस पुश्तैनी घर में... 


अब जाते जाते वही गीत ही बजा देते हैं आज तो जिस को सुनने के चक्कर में सोनू निगम वाला इतना बवाल हो गया...पब्लिक भी न समझती नहीं, सब कुछ यू-ट्यूब पर तो इसीलिए पड़ा-धरा है कि ऐसे लोगों को गाहे-बेगाहे परेशान न किया करें...चुपचाप मोबाइल पर सुन लेते...और अगर फ्लाईट में सोनू को सुन ही लिया था तो फिर उस की वीडियो भी बनाने की क्या पड़ी थी, और अगर बना ही ली थी तो फिर आगे शेयर कर कर के उसे वॉयरल करने की क्या हड़बड़ी थी....फंसवा दिया न पांच कर्मचारियों को ... आगे से ध्यान रखिएगा... यात्री भी, एयरलाईन्स स्टॉफ भी और सोनू तू भी.... Having said all this, Dear Sonu Nigam, we are your big fans! You have given us golden melodies...God bless. take care!