परसों मैंने अपनी एक पोस्ट में एक महिला की जुबान की कुछ तस्वीरें लगाई थीं....और उस लेख का शीर्षक था.....
नुकीले दांत जुबान काट देते हैं।
सारी विस्तृत जानकारी तो मैंने उस महिला की तकलीफ़ के बारे में लिख ही दी थी।
दो दिन बाद आज वह वापिस चैक अप के लिए आई थी। बड़ी खुश थी.....कह रही थी कि दर्द भी गायब, गले की सूजन भी ठीक और खाना पीना भी लगभग सही हो रहा है और जुबान का ज़ख्म भी ठीक होने लगा है।
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दो दिन पहले जुबान का घाव |
मैंने भी जब उस की जुबान को देखा तो बहुत खुशी हुई। दो दिन में ही कितना आराम हो गया......यह भी प्रकृति का एक करिश्मा ही है कि उसने हमारे शरीर में अथाह हीलिंग क्षमता भी दे रखी है। न तो इसे कोई ऐंटीबॉयोटिक दवाईयां ही दी गई थीं और न ही इस ने कोई भी दर्द निवारक गोलियां ही लीं। बस, वह दवाई ही दो दिन लगाई।
ऐसा नहीं है कि यह जख्म दवाई लगाने से भरने लगा ...नहीं,ऐसा नहीं.. अगर कोई भी दवाई न भी लगाई जाती तो भी यह ठीक तो होना ही था क्योंकि जो नुकीला दांत जुबान में गढ़ कर ज़ख्म पैदा कर रहा था, उस को गोल कर दिया गया था।
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यह तस्वीर जो आज खींची बिना फ्लैश के है.... |
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ये दोनों तस्वीरें दो दिन बाद ..(आज की हैं).... तेज़ी से ठीक होता ज़ख्म |
यह लगभग वही बात है कि हम लोगों को जब कोई नया नया जूता काटने लगता है तो हमारे पैर में ज़ख्म सा हो जाता है.....वैसे आज कल के युवा ज़्यादा चुस्त चालाक है, कम साईज़ का जूता पहनते ही नहीं हैं, हम जैसे थोड़े ना कि दुकान में जा कर शर्म इतनी आने लगती कि दुकानदार की चिकनी-चुपड़ी बातों में आकर तंग जूता खऱीद कर आ जाते थे और फिर उस में रूई और सरसों का तेल आदि लगा लगा कर कईं दिन तक कुछ जुगाड़ किया जाता था.....कईं बार तंग जूते के काटने से ज़ख्म भी हो जाता अगर तो फिर उस का इस्तेमाल कुछ दिन के लिए रोक दिया जाता .. और जूता खुलवाने के लिए किसी मोची को दे दिया जाता.......आप भी ना......ऐसे मजे ले लेकर पढ़ रहे हैं कि जैसा आपके साथ कभी ऐसा हुआ ही न हो....
कोई बात नहीं, बस यह छोटी सी पोस्ट यही बताने के लिए कि मुंह में घाव-वाव होने पर घबराईए मत, दंत चिकित्सक से अवश्य मिल लिया करें, इस महिला को भी यह ज़ख्म ६ महीने से था, डर रही थी कि कहीं कैंसर ही न हो.....चलो, अच्छा हुआ एक मरीज़ ठीक हुआ, उस की चिंता भी दूर हो गई।