एक्सरसाईज़ स्ट्रैस टैस्ट जिसे ट्रैडमिल टैस्ट अथवा एक्सरसाईज़ टॉलरैंस टैस्ट भी कह दिया जाता है---इस से यह पता चलता है कि जब आप का हार्ट सख्त काम कर रहा होता है ( जैसे कि एक्सरसाईज़ के दौरान) उस समय क्या उसे पर्याप्त रक्त की सप्लाई एवं ऑक्सीजन मिलती है।
सामान्यतयः स्ट्रैस टैस्ट उन लोगों का किया जाता है जो छाती में दर्द होने की शिकायत करते हैं अथवा जिन का मैडीकल परीक्षण अथवा ई.सी.जी करने के बाद यह लगता है कि उन्हें कॉरोनरी आर्टरी डिसीज़ हो सकती है।
वैसे कईं बार तो स्ट्रैस टैस्ट को हार्ट डिसीज़ के इलाज का असर देखने से लेकर किसी व्यक्ति को बताई गई एक्सरसाईज़ की सेफ्टी की जांच के लिये भी किया जाता है।
दिल की बीमारी को डॉयग्नोज़ करने के लिये यह स्ट्रैस टैस्ट अति श्रेष्ट है और रिसर्च के अनुसार तो कईं बार इस टैस्ट को ऐसे किसी व्यक्ति में हार्ट डिसीज़ का रिस्क जानने के लिये भी किया जा सकता है जिस में हार्ट-डिसीज़ तो नहीं है लेकिन हाई-कोलैस्ट्रोल जैसे रिस्क फैक्टर्ज़ मौजूद हैं। अगर आप चालीस साल से ऊपर हैं और आप को कॉरोनरी आर्टरी डिसीज़ होने का रिस्क है क्योंकि आप धूम्रपान करते हैं या आप को हाई-ब्लडप्रैशर है या कोई अन्य रिस्क फैक्टर्ज़ हैं, तो आप अपने डाक्टर से बात कीजिये कि क्या आप अपना यह टैस्ट करवा सकते हैं।
यह टैस्ट करवाने के लिये आपको ढीले-ढाले कपड़े एवं अथलैटिक शूज़ पहनने चाहिये। अगर आप सोचते हैं कि आप किसी भी हैल्थ से संबंधित कारण( जैसे आर्थराईटिस) के कारण ट्रैडमिल पर नहीं चल पायेंगे तो डाक्टर को यह बता दें। अगर आप को डॉयबिटीज़ है तो इस की जानकारी भी डाक्टर को होनी चाहिये क्योंकि एक्सरसाईज़ के दौरान ब्लड-शूगर का स्तर गिर सकता है ....हो सकता है कि डाक्टर टैस्ट करने से पूर्व आप के ब्लड-शूगर के स्तर की जांच कर के यह सुनिश्चित करना चाहे कि यह स्तर इतना कम नहीं है।
अगर टैस्टिंग वाले दिन आपने छाती में दर्द या भारीपन महसूस किया है तो टैस्टिंग रूम में डाक्टर अथवा किसी अन्य स्वास्थ्य-कर्मी को इस बारे में सूचित करें। ठीक टैस्ट से पहले कुछ भी लंबा-चौडा खाने से परहेज़ ही करें क्योंकि इस से एक्सरसाईज़ करने में असुविधा होती है।
कैसे होता है यह स्ट्रैस टैस्ट ? – सब से पहले लेटे हुये और खड़ी हुई अवस्था में आप की ई.सी.जी की जाती है। ब्लड-प्रैशर देखा जाता है। आप की बाजुओं एवं एक टांग के साथ एक टेप का इस्तेमाल करते हुये कुछ प्लासटिक कोटेड तारें अथवा लीड्स लगा दी जाती हैं जिन के द्वारा एक्सरसाईज़ के दौरान आप के हार्ट का इलैक्ट्रिक-पैटर्न रिकार्ड होता है। टैस्ट के दौरान आप का ब्लड-प्रैशर एवं हार्ट-रेट भी मॉनीटर किया जाता है। ट्रैडमिल पर आप को तकरीबन 10 मिनट तक चलना होता है।
लेकिन अगर टैस्ट के दौरान आप को छाती में दर्द या भारीपन सा लगे, सांस फूले, टांग में दर्द अथवा कमज़ोरी सी अनुभव हो, और इस के इलावा कुछ भी अजीब सा लगे और अगर टैस्ट के दौरान किसी भी स्टेज पर यह भी लगे कि आप और एक्सरसाईज़ नहीं कर पायेंगे तो इस के बारे में आप टैस्ट करने वाले व्यक्ति को बता दें। सामान्यतयः टैस्ट की अवधि समाप्त होने के पश्चात् आप का ब्लड-प्रैशर दोबारा देखा जायेगा।
अगर ट्रैडमिल पर चलते समय आप को छाती में डिस्कम्फर्ट महसूस हो, सांस फूले, अथवा सिर घूमने सा लगे ( chest discomfort, shortness of breath, or dizziness) और इन लक्षणों के साथ साथ ई.सी.जी में भी कुछ ऐसे बदलाव दिखें जिन से यह पता चले कि हार्ट के कुछ हिस्सों में रक्त की सप्लाई अपर्याप्त है तो इस से कॉरोनरी आर्टरी डिसीज़ होने का मजबूत संकेत मिलता है।
अगर आप बिनी किसी तरह के लक्षण के अथवा बिना किसी तरह के ई.सी.जी चेंजेज़ के यह टैस्ट कर पाते हैं तो इस की रिपोर्ट को नार्मल माना जाता है।
बहुत से लोगों को छाती में असुविधा तो होती है लेकिन ई.सी.जी चेंजेज़ नहीं होते अथवा कुछ लोगों में ईसीजी में बदलाव होने के बावजूद छाती में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होती। इन केसों में इस एक्सरसाईज़ टैस्ट से कोई खास मदद नहीं मिलती और टैस्ट के रिजल्ट से यही मान कर चला जाता है कि कॉरोनरी आर्टरी डिसीज़ है तो लेकिन पक्का नहीं है। इसलिये ऐसे केसों में और भी कुछ टेस्ट किये जाते हैं ताकि किसी तरह का कोई संदेह न रहे।
कुछ हार्ट-डिसीज़ के मरीजों को इस टैस्ट के बारे में यह चिंता होती है कि यह करवाना कोई जोखिम मोल लेने के बराबर है, लेकिन यह ध्यान रहे कि अगर टैस्ट से पहले डाक्टर आप की जांच कर के यह देख लेता है कि आप यह टैस्ट करवाने के लिये सक्षम हैं तो यह बेहद सुरक्षित टैस्ट है।
टैस्ट समाप्त होने के बाद अगर आप की ब्लड-प्रैशर में बहुत ज़्यादा उछाल आता है अथवा एक्सरसाईज़ के दौरान यह अचानक नीचे गिर जाता है तो टैस्ट के कुछ मिनट के बाद एक नर्स आपका ब्लड-प्रैशर देखेगी। अगर आप को छाती में दर्द सा महसूस होने लगे, तो आप को डाक्टर द्वारा नाइट्रोग्लैसरिन की टेबलेट दी जा सकती है जिस से कि आप की खून की नाड़ियों को दवाई से थोड़ा खोल कर आप के हार्ट के ऊपर पड़ने वाले दबाव को कम किया जा सके ( If you develop chest pain, you might be given some nitroglycerin tablets to relieve the pain and lower the demand on your heart by dilating your blood vessels)..