यह तस्वीर एक ५५-५८ साल के एक बंदे की है ..इस तस्वीर में आप इस की जुबान की दाईं तरफ़ एक ज़ख्म देख सकते हैं...
एक महीना पहले यह मरीज़ अस्पताल में दाखिल है...और फिज़िशियन ने इसी जुबान के अल्सर की वजह से मुझे रेफर किया था...
मुझे देखते ही यह ज़ख्म कुछ अलग सा लगा था.. वैसा नहीं लगा जैसा किसी दांत आदि के चुभने से हो जाता है ...लेकिन इस बंदे की हिस्ट्री थोड़ा अलग सी थी..बता रहा था कि कभी हो जाता है, फिर कभी ठीक भी हो जाता है ...इसे विश्वास था कि यह कुछ दिनों में ठीक हो जायेगा..
मैंने जब पूछा कि कोई दांत तो नहीं इस जगह पर गढ़ता...तो इन्होंने मना किया...
मैंने भी किसी डेंटल कॉलेज के किसी विशेषज्ञ से राय लेना मुनासिब समझा...
वह जाने को राजी नहीं था...बड़ी मुश्किल से समझाया कि चेक-अप बहुत ज़रूरी है .. अगर कोई छोटा मोटा नुक्स है तो जल्दी इलाज हो जायेगा...
अगले दिन मैंने फोन किया कि दिखा कर आए...लेकिन बंदा नाराज़ था कि वहां तो पचास सीखने वाले डाक्टरों ने उसे घेर लिया...और मुझे कहने लगा कि मैं वहां नहीं जाऊंगा..
इस का हठ देख कर मैंने भी कहा कि अच्छा, एक काम करो, आप इसे मुझे पंद्रह दिन के बाद फिर एक बार दिखा कर जाइए...तब तक मैंने इन्हें एक माउथवॉश इस्तेमाल करने के लिए और एक जेल इस ज़ख्म पर लगाने के लिए दे दी ...
कुछ दिन मैं नहीं था ...बाहर था ...
आज सुबह ध्यान आया कि बंदे का पता किया जाए...फोन पर बड़ी खुशी से बताने लगे कि वह ज़ख्म बिल्कुल ठीक है ...मुझे भी खुशी हुई... मैंने कहा कि मुझे दिखा कर जाइए...
कुछ ही समय बाद वह मुझे दिखाने आ गए....आप इस तस्वीर में देख सकते हैं कि ज़ख्म पूरी तरह से ठीक हो चुका है ...
मैं थोड़ा हैरान था कि इस तरह का अल्सर जुबान पर हुआ और अपने आप ठीक भी हो गया..
फिर इस बंदे ने मुझे बताया कि डाक्टर साहब आप के मिलने के बाद मुझे लगा कि मेरा एक पीछे वाला हिलता हुआ दांत कभी कभी जुबान के इस हिस्से में गढ़ता था...आप तो बाहर गये हुए थे ...बताने लगा कि मैंने एक दिन दो पैग मार के उस दांत को हिला हिला के उखाड़ दिया ... और हंसने लगा ...
मैंने समझाया कि ऐसा करना कईं बार महंगा भी पड़ जाता है ...खतरनाक काम है!
बहरहाल, उसने बताया कि उस के तीन चार दिन के बाद ही यह ज़ख्म ठीक हो गया....दवाई मैं लगाता भी रहा और कुल्ले भी करता रहा ..
मैंने कहा कि यह तो चलो बहुत बढ़िया है लेकिन फिर भी तंबाकू का बिल्कुल भी इस्तेमाल मत करें....यह जो मुंह के किनारे इस तरह से होंठ फटे हुए हैं...एक तरह से यह भी एक खतरे की घंटी है आने वाले समय के लिए..विशेषकर अगर तंबाकू का इस्तेमाल बंद नहीं किया गया तो ..
एक महीना पहले यह मरीज़ अस्पताल में दाखिल है...और फिज़िशियन ने इसी जुबान के अल्सर की वजह से मुझे रेफर किया था...
मुझे देखते ही यह ज़ख्म कुछ अलग सा लगा था.. वैसा नहीं लगा जैसा किसी दांत आदि के चुभने से हो जाता है ...लेकिन इस बंदे की हिस्ट्री थोड़ा अलग सी थी..बता रहा था कि कभी हो जाता है, फिर कभी ठीक भी हो जाता है ...इसे विश्वास था कि यह कुछ दिनों में ठीक हो जायेगा..
मैंने जब पूछा कि कोई दांत तो नहीं इस जगह पर गढ़ता...तो इन्होंने मना किया...
मैंने भी किसी डेंटल कॉलेज के किसी विशेषज्ञ से राय लेना मुनासिब समझा...
वह जाने को राजी नहीं था...बड़ी मुश्किल से समझाया कि चेक-अप बहुत ज़रूरी है .. अगर कोई छोटा मोटा नुक्स है तो जल्दी इलाज हो जायेगा...
अगले दिन मैंने फोन किया कि दिखा कर आए...लेकिन बंदा नाराज़ था कि वहां तो पचास सीखने वाले डाक्टरों ने उसे घेर लिया...और मुझे कहने लगा कि मैं वहां नहीं जाऊंगा..
इस का हठ देख कर मैंने भी कहा कि अच्छा, एक काम करो, आप इसे मुझे पंद्रह दिन के बाद फिर एक बार दिखा कर जाइए...तब तक मैंने इन्हें एक माउथवॉश इस्तेमाल करने के लिए और एक जेल इस ज़ख्म पर लगाने के लिए दे दी ...
कुछ दिन मैं नहीं था ...बाहर था ...
आज सुबह ध्यान आया कि बंदे का पता किया जाए...फोन पर बड़ी खुशी से बताने लगे कि वह ज़ख्म बिल्कुल ठीक है ...मुझे भी खुशी हुई... मैंने कहा कि मुझे दिखा कर जाइए...
कुछ ही समय बाद वह मुझे दिखाने आ गए....आप इस तस्वीर में देख सकते हैं कि ज़ख्म पूरी तरह से ठीक हो चुका है ...
मैं थोड़ा हैरान था कि इस तरह का अल्सर जुबान पर हुआ और अपने आप ठीक भी हो गया..
फिर इस बंदे ने मुझे बताया कि डाक्टर साहब आप के मिलने के बाद मुझे लगा कि मेरा एक पीछे वाला हिलता हुआ दांत कभी कभी जुबान के इस हिस्से में गढ़ता था...आप तो बाहर गये हुए थे ...बताने लगा कि मैंने एक दिन दो पैग मार के उस दांत को हिला हिला के उखाड़ दिया ... और हंसने लगा ...
मैंने समझाया कि ऐसा करना कईं बार महंगा भी पड़ जाता है ...खतरनाक काम है!
बहरहाल, उसने बताया कि उस के तीन चार दिन के बाद ही यह ज़ख्म ठीक हो गया....दवाई मैं लगाता भी रहा और कुल्ले भी करता रहा ..
मैंने कहा कि यह तो चलो बहुत बढ़िया है लेकिन फिर भी तंबाकू का बिल्कुल भी इस्तेमाल मत करें....यह जो मुंह के किनारे इस तरह से होंठ फटे हुए हैं...एक तरह से यह भी एक खतरे की घंटी है आने वाले समय के लिए..विशेषकर अगर तंबाकू का इस्तेमाल बंद नहीं किया गया तो ..
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
इस पोस्ट पर आप के विचार जानने का बेसब्री से इंतज़ार है ...